अर्ध चंद्रासन लाभ, करने का तरीका तथा सावधानियां [Ardha Chandrasana benefits in Hindi, steps and precautions]

इस blog में अर्ध चंद्रासन क्या है? अर्ध चंद्रासन के लाभ (Ardha Chandrasana benefits), करने की विधि (Ardha Chandrasana Steps) और किसको यह आसन नहीं करना चाहिए इसके बारे में जानेगे|

अर्ध चंद्रासन (Half Moon Pose) एक ऐसा आसन है, जो पूरी रीढ़ को प्रभावित करता है जिससे रीढ़ के दोष दूर होते हैं| योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि हमें रोगों से भी बचाता है| आसन व प्राणायाम हमें तनाव, अवसाद और चिंता से दूर रखने में मदद करते हैं| हमारे शरीर को स्थिर व सुखपूर्वक रखने की कला आसन कहलाती है| योग करने के लिए यदि हम प्रतिदिन आधा घंटा भी निकाल पाएं, तो हम बीमारियों से बचे रह सकते हैं| योग शरीर के अंगों को स्वस्थ व मजबूत बनाता है|

अर्ध चंद्रासन क्या है (what is Ardha Chandrasana)?

अर्ध चंद्रासन में अर्ध का अर्थ है आधा (half) तथा चंद्र का अर्थ है चंद्रमा (Moon) या चाँद | अर्ध-चंद्रासन का अभ्यास करते हुए जब हम पूर्णता की स्थिति में आते हैं तो शरीर की आकृति आधे चंद्रमा (Half Moon) के समान दिखाई देती है, इसलिए इसे अर्ध-चंद्रासन या Half Moon Pose कहते हैं| यह चंद्रमा को नमस्कार करने वाली 14 मुद्राओं में से एक है|

Ardha Chandrasana benefits in Hindi

अर्ध चंद्रासन करने का तरीका (Steps of Ardha Chandrasana in Hindi)

Step 1: अर्ध चंद्रासन (Half Moon Pose) करने के लिए आसन पर खड़े हो जाएं| एडी-पंजे मिलाएं| दोनों हाथ शरीर के साथ रखें|

Step 2: दायां पैर पीछे से पीछे ले जाएं और पंजे का रुख सामने की ओर करें|

Step 3: दोनों हाथों को सामने की ओर ले जाते हुए हथेलियों को नमस्कार मुद्रा में मिलाएं|

Step 4: श्वास भरते हुए हाथों को ऊपर की ओर ले जाते हुए आकाश की ओर तान दें|

Step 5: श्वास छोड़ते हुए बाएं पैर के घुटने को मोडते हुए शरीर को आगे की ओर धकेलें|

Step 6: श्वास भरते हुए कमर के भाग से पीछे की ओर धीरे-धीरे झुकें|

Step 7: यह पूर्णता की स्थिति है सामान्य श्वास लेते रहें|

Step 8: कुछ क्षण रुकें| श्वास छोड़ते हुए धीरे-धीरे वापिस आएं|

Step 9: दोनों हाथ नीचे करें व पैर को बाएं पैर के साथ रखें|

ardha chandrasana steps

Step 10: अब यही क्रिया दूसरी ओर से करेंगे| दोनों ओर से करने को एक आवृति (cycle) माने|

Step 11: दोनों तरफ से करने के बाद विश्राम करें| अभ्यास करते हुए धीरे-धीरे पूर्णता की स्थिति में रुकने के समय को बढ़ाएं|

Step 12: किसी भी प्रकार की असुविधा या दर्द होने पर अभ्यास को रोक दें, जबरदस्ती न करें|

Step 13: आसन करते समय घुटने को भी नीचे लगाया जा सकता है| अभ्यास हो जाने पर पैरों में फासला अधिक कर दें और पीछे की ओर झुकें|

ardha chandrasana images

अर्ध चंद्रासन के फायदे (Ardha Chandrasana benefits in Hindi)

रीढ़ (Spine) लचीली बनती है: अर्ध चंद्रासन का नियमित अभ्यास करते हुए जब हम पीछे की ओर झुकते हैं तो रीढ़ के विपरीत दिशा में मुड़ने से रीढ़ प्रभावित होती है| जिससे रीढ़ लचीली बनती है|

Spinal nerves मजबूत होती हैं: रीढ़ प्रभावित होने से रीढ़ के आसपास स्थित तंत्रिकाओं (मेरु/रीढ़ तंत्रिकाओं) को मजबूती मिलती है|

फेफड़े मजबूत: इस आसन के करने से फेफड़े expand होते हैं और मजबूत बनते हैं जिससे फेफड़ों में सांस लेने की क्षमता बढ़ती है|

गर्दन-दर्द में आराम: इस आसन का नियमित अभ्यास करने से गर्दन के दर्द में आराम मिलता है तथा गर्दन की मांसपेशियां मजबूत होती हैं|

मांसपेशियां मजबूत बनती हैं: अर्ध चंद्रासन का नियमित अभ्यास करने से टखने, घुटने, पैर, पेट आदि की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है|

Varicose-vain से राहत: इस आसन को करने से varicose-vain की समस्या नहीं होती और यदि पहले किसी को हो तो उसे राहत मिलती है तथा धीरे-धीरे आराम हो जाता है|

रीढ़ का दर्द ठीक होता है: अर्ध चंद्रासन का अभ्यास करते हुए जब हम पीछे की ओर झुकते हैं तो रीढ़ के प्रभावित होने से सर्वाइकल, lower back pain, पीठ-दर्द व रीढ़ की अन्य की समस्याओं से राहत मिलती है|

शरीर का संतुलन बनता है: अर्ध चंद्रासन का अभ्यास करने से शरीर का संतुलन बनाने में मदद मिलती है|

महिलाओं के लिए लाभदायक: अर्ध चंद्रासन का नियमित अभ्यास महिलाओं के लिए यह बहुत लाभदायक है|

ये भी पढ़ें: अर्ध चक्रासन के फायदे

FAQ’s: अर्ध चंद्रासन (Half Moon Pose) के बारे में कुछ सामान्य प्रश्न (Questions)

अर्ध चंद्रासन कितनी बार करना चाहिए?

पूरी तरह अभ्यास हो जाने पर अर्ध चंद्रासन को 2 से 5 बार किया जा सकता है|

अर्ध चंद्रासन केक्या लाभहैं (benefits Ardha chandrasana)?

अर्ध चंद्रासन के अभ्यास करने से विशेष रूप से spine को benefit मिलता है| यह आसन पूरी रीढ़ को प्रभावित करता है जिससे रीढ़ के दोष दूर होते हैं| जैसे सर्वाइकल, back pain, lower back pain, slip disc, sciatica आदि| इसके साथ-साथ पैर से सिर तक पूरा शरीर प्रभावित होता है|

किस-किस को अर्ध चंद्रासन नहीं करना चाहिए?

High B.P. के रोगियों को यह आसन बहुत सावधानी से करना चाहिए|
जिन्हें चक्कर आते हों उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
जिन्हें घुटने में दर्द हो या आर्थराइटिस की समस्या हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
रीढ़ में किसी भी जगह दर्द अधिक हो तो इस आसन का अभ्यास न करें|

अर्ध-चंद्रासन (Half Moon Pose) करने की विधि और फायदे (Ardha Chandrasana benefits) की पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|

हमने इस blog में जाना कि अर्ध चंद्रासन (Half Moon Pose) क्या है? अर्ध चंद्रासन के फायदे (Ardha Chandrasana benefits) क्या हैं? अर्ध चंद्रासन करने की विधि (Ardha Chandrasana Steps) और किसको यह आसन नहीं करना चाहिए|

इस आसन से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|

Babita Gupta

M.A. (Psychology), B.Ed., M.A., M. Phil. (Education). मैंने शिक्षा के क्षेत्र में Assistant professor व सरकारी नशा मुक्ति केंद्र में Counsellor के रूप कार्य किया है। मैं अपने ज्ञान और अनुभव द्वारा blog के माध्यम से लोगों के जीवन को तनाव-मुक्त व खुशहाल बनाना चाहती हूँ।

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