डायबिटीज के लक्षण, कारण व इससे बचने व नियंत्रित करने के उपाय (Symptoms, Causes and How to Control Diabetes)

इस blog में डायबिटीज क्या है (Diabetes meaning in hindi), डायबिटीज के प्रकार (Types of diabetes), मधुमेह/डायबिटीज के लक्षण (Madhumeh/Diabetes ke lakshan), डायबिटीज के कारण (Causes of diabetes), डायबिटीज से बचने के लिए क्या खाएं? (What to eat to control diabetes?), डायबिटीज को control करने के लिए योगासन (Yogasanas to control diabetes) के बारे में बताया गया है|

आजकल की इस भागदौड भरी जिन्दगी में लोगों को एक ओर गम्भीर बीमारी ने अपना शिकार बना लिया है वो है डायबिटीज/मधुमेह| इस बीमारी का मुख्य कारण अस्त-व्यस्त जीवन शैली, गलत खानपान, less physical movements, बढ़ता तनाव आदि हैं| यह एक ऐसी बीमारी है जो दीमक की तरह हमारे शरीर को खोखला कर रही है|

डायबिटीज इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देती है, जिससे रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर हो जाती है| हमारा पाचन ठीक नहीं रहता तथा मोटापा बढने लगता है| diabetes शरीर के हर अंग को प्रभावित करती है जैसे brain, heart, आँखें, किडनी, skin आदि|

डायबिटीज क्या है (What is Diabetes)?

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो बच्चों से लेकर बड़ों तक सब में देखने को मिल रही है| डायबिटीज को शुगर या मधुमेह भी कहा जाता है| जब हमारा शरीर खून में मौजूद शुगर को absorb नहीं कर पाता तो डायबिटीज की प्रॉब्लम उत्पन्न हो जाती है| हम जो भी खाते हैं उस भोजन में से हमारा शरीर कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज में परिवर्तित कर देता है| पैंक्रियास से उत्पन्न होने वाला इंसुलिन इस ग्लूकोज को absorb कर के उर्जा उत्पन्न करता है| यदि किसी वजह से इंसुलिन कम बनता है या फिर इंसुलिन बनता ही नहीं है तो खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित नहीं हो पाती है और हमें शुगर की बीमारी हो जाती है| अपने sugar-level को control करके मधुमेह ग्रस्त व्यक्ति भी सामान्य जीवन जी सकता है, यदि उसे इसके कारण, लक्षण, व इससे बचने के उपायों की जानकारी हो|
How to control Diabetes

डायबिटीज/मधुमेह के प्रकार (Types of Diabetes)

डायबिटीज के मुख्यतः दो प्रकार होते हैं|

  • Type 1: यह उस समय होती है जब body में इन्सुलिन नहीं बनता| इसलिए व्यक्ति को बाहर से इंजेक्शन के रूप में इन्सुलिन देना पड़ता है| यह ज्यादातर बच्चों व युवाओं में पाया जाता है|
  • Type 2: यह उस समय होती है जब शरीर में बन रहे इन्सुलिन की मात्रा जरूरत से कम बनती है और blood में शुगर का level इन्सुलिन की कमी के कारण बढ़ जाता है, यही टाइप 2 डायबिटीज कहलाता है| इसके मुख्य कारण less physical movement, मोटापा, अनुवांशिकता आदि हैं| | यह अधिकतर adult तथा old age के लोगों में पाया जाता है| इसको जीवन शैली में बदलाव, खानपान, योग, प्राणायाम आदि के नियमित अभ्यास से काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है
  • तीसरे प्रकार की शुगर कभी-कभी गर्भवति महिलाओं को गर्भावस्था के समय हो जाती है, जो अधिकतर बच्चे के birth के बाद ठीक हो जाती है| इस का मुख्य कारण हार्मोन्स में बदलाव होना माना जाता है|

डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of Diabetes)

डायबिटीज होने पर लक्षण इस प्रकार हैं जैसे:

  • बार-बार पेशाब आना
  • ज्यादा भूख लगना
  • ज्यादा प्यास लगना
  • वजन का घटना या बढना
  • घाव भरने में समय अधिक लगना
  • लगातार थकावट या कमजोरी महसूस करना
  • चीजों का धुंधला नजर आना
  • गुप्तांग के आस-पास खारिश या इन्फेक्शन होना आदि|

अधिक समय तक  diabetes होने पर कई प्रकार के अन्य लक्षण दिखाई देते हैं जैसे:

  • डायबिटीज होने पर सिखने की क्षमता घटने लगती है|
  • याददाश्त कमजोर होती है| अल्जाइमर का खतरा बढ़ता है|
  • डायबिटीज होने से blood वेसल्स damage हो जाती हैं जिससे heart पर दबाव बढ़ता है| और heart disease होने का खतरा बढ़ जाता है|
  • डायबिटीज होने के कारण शरीर से अतिरिक्त sugar बाहर निकालने के लिए kidney को अधिक काम करना पड़ता है|
  • डायबिटीज होने से skin पर भी प्रभाव पड़ता है| सबसे पहले गर्दन तथा उसके आसपास की skin काली पड़ने लगती है|

डायबिटीज होने के मुख्य कारण (Causes of Diabetes)

डायबिटीज गम्भीर बीमारियों में से एक है| डायबिटीज होने के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं| जैसे:

खराब लाइफ़स्टाइल: आजकल अधिकतर लोग रात को देर तक जागते हैं और सुबह देर से उठते हैं| जिसके कारण पूरा दिन आलस्य से भरा रहता है| concentration कम बनती है| काम करने में दिल नहीं लगता| ऐसा लाइफस्टाइल यदि हररोज होने लगे तो बहुत सी बिमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है| डायबिटीज/शुगर उनमें से एक है|

Less physical movement: यदि दिनभर हमारी physical movements कम होती हैं तो भी शुगर/मधुमेह होने की संभावना रहती है| क्योंकि आजकल T.V., mobile, computer व laptop हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन चुके हैं| हम दिन का अधिकतर समय इन्ही पर व्यतीत करते हैं| जिसके कारण कई बीमारियाँ हो जाती हैं इनमें से एक है डायबिटीज|

गलत खान-पान: तला हुआ भोजन, अधिक मसालेदार व तेलीय खाना, मैदा युक्त आहार जैसे व्हाइट ब्रेड व बिस्कुट, पिज़्ज़ा, बर्गर, bakery-products व packed-food का ज्यादा सेवन करने के कारण भी डायबिटीज जैसी बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है|

तनाव (Stress): हररोज व्यक्ति को किसी न किसी प्रकार का तनाव झेलना पड़ता है चाहे वो घर में हो या ऑफिस में| तनाव/स्ट्रेस हमारे शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं| तनाव हमारी प्रगति में बाधा डालते हैं| इनका हमारे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है| जिस के कारण हम शुगर व इसके जैसी कई अन्य बिमारियों का शिकार हो सकते हैं| तनाव लेने से type 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ता है|

मोटापा: प्राय: देखने में आया है कि मोटे लोगों को डायबिटीज होने का खतरा normal लोगों की अपेक्षा अधिक होता है| अधिक वजन व पेट पर अधिक चर्बी होना इसके मुख्य कारणों में से एक है|

कई बार शरीर में कम fat के बावजूद type-2 डायबिटीज हो सकती है| ऐसे कई लोग मिल सकते हैं जिनमें वजन अधिक न होने पर भी पेट पर मोटापा, फैटी लीवर की समस्या व डायबिटीज की समस्या हो|

हर मोटा व्यक्ति diabetic होगा, यह जरूरी नहीं है| लेकिन 10 डायबिटीज के रोगी में 8 लोग मोटे होते हैं| यह अध्यनों में साबित हो चूका है| यदि आपका वजन अधिक है ओर आप प्री-डायबिटिक है, तो weight कम करके blood-sugar को नियंत्रित किया जा सकता है| इससे ब्लडप्रेशर और कॉलेस्ट्रोल भी नियंत्रित हो जाएंगे|

अनुवांशिकता: यदि parents को डायबिटीज की समस्या हो तो आगे आने वाली संतानों को डायबिटीज होने की सम्भावना बढ़ जाती है|

लत (Bad habits): बुरी आदतें जैसे शराब, सिगरेट व अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करने से भी डायबिटीज होने के chances बढ़ जाते हैं|

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डायबिटीज से बचने व नियंत्रित करने के उपाय (How to Control Diabetes)

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसे नियंत्रित किया जा सकता है| डायबिटीज/शुगर को control करने के लिए दवाइयों के साथ-साथ अपनी जीवन शैली में सुधार करने की जरूरत है| Healthy life style अपनाकर डायबिटीज के खतरे को कम कर सकते हैं| Healthy life style/ जीवन शैली के लिए भोजन पर नियंत्रण करें, तनाव कम लें, दोस्तों या पारिवारिक सदस्य से बात करें आदि| डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए आहार के साथ-साथ योगाभ्यास की तरफ भी ध्यान देना चाहिए|

डायबिटीज/मधुमेह के लक्षण, कारण व इससे बचने व नियंत्रित करने के उपायों की पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|

आहार द्वारा डायबिटीज control:

हमें अपने खाने में संतुलित व पौष्टिक आहार लेना चाहिए| डायबिटीज/मधुमेह को नियंत्रित (control) करने के लिए कुछ खाद्य पदार्थों को खाने से परहेज करें तथा कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन जरुर करें| जैसे:

  • ऐसा खाना खाने से बचें जिसमें शुगर की मात्रा ज्यादा हो जैसे मिठाई, मीठे पेय पदार्थ व cold drinks, चीनी, बूरा, शक्कर का प्रयोग बिल्कुल भी ना करें|
  • तला हुआ भोजन, मैदा युक्त आहार (जैसे व्हाइट ब्रेड व बिस्कुट), पिज़्ज़ा, बर्गर, bakery-products व packed-food का सेवन न करें|
  • मैदा, गेहूं व चावल का कम से कम प्रयोग करें| क्योंकि इनमे कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है जो शुगर level को बढ़ाती है| इनकी बजाय चनाअन्य मोटे अनाज जैसे ज्वार, मक्का, जों, बाजरा आदि का प्रयोग करें|
  • आहार में प्रोटीन और फाइबर की चीजों को शामिल करें| सिर्फ रोटी न खाएं| साथ में दाल, पनीर, दही, सलाद जरूर लें|
  • फल तथा सब्जियों में विटामिन तथा खनिज होते हैं जो हमें healthy बनाते हैं| जूस की बजाय फलों का सेवन करें| फलों में आम, चीकू, अंगूर, केला, खजूर, शहतूत, खरबूजा, तरबूज, लीची आदि को खाने से बचें तथा जामुन, किवी, पपीता, संतरा, अमरुद आदि का सेवन करें|
  • Sugar के रोगी के लिए मैथी बहुत लाभदायक है। इसके लिए मैथी दाना और हरी मैथी का प्रयोग किया जा सकता है| खाना खाने के साथ एक चम्मच मैथी दाना लिया जा सकता है| इससे blood-sugar नियंत्रित होता है|
  • सब्जियां खूब खाएं| आंवला, करेला, खीरा, टमाटर, नींबू, चकुंदर, लहसुन खाएं व सलाद जरुर लें|
  • करेला, खीरा व टमाटर का जूस लिया जा सकता है|
  • ड्राईफ्रूट्स में किशमिश, काजू, अंजीर, छुहारा आदि खाने से परहेज करें तथा बादाम, अखरोट, पिश्ता आदि का प्रयोग करें|
  • पानी खूब पिएं| पानी पीने से शरीर में पौषक तत्व तथा ऑक्सीजन पहुँचाने में मदद मिलती है|

योगाभ्यास द्वारा डायबिटीज Control:

योगासनों में कुछ महत्वपूर्ण आसन हैं जिनका नियमित अभ्यास करने से शुगर के level को नियंत्रित किया जा सकता है| आसनों का अभ्यास करने से pancreas activate होता है जिससे इन्सुलिन की मात्रा शरीर में बढती है और sugar level को control करती है| जैसे मंडूकासन, वक्रासन, गौमुखासन, मर्कटासन, अर्ध-हलासन, हलासन, सर्वांगासन, अर्ध-मत्स्येन्द्रासन आदि|

मंडूकासन: मंडूकासन करने से पैन्क्रियाज activate होता है, जिससे शरीर में insuline की मात्रा बढ़ती है, जोकि मधुमेह/sugar की समस्या को control करने में सहायक है| इसलिए यह आसन मधुमेह/डायबिटीज के रोगी के लिए लाभकारी है|

वक्रासन: वक्रासन करने से पैन्क्रियाज की शक्ति बढ़ती है| डायबिटीज/मधुमेह के प्रबंधन में सहायता प्रदान करता है, इसलिए डायबिटीज के रोगी के लिए बहुत अच्छा आसन है|

जानुशिरासन: जानुशिरासन का अभ्यास करने से urine का मधुमेह ठीक होता है| इसे करने से पाचन तंत्र पुष्ट होता है| जठराग्नि तेज होती है|

मर्कटासन: मर्कटासन के करने से पेट के अंग प्रभावित होने से पैनक्रियाज activate होता है जिससे यह डायबिटीज के रोगी के लिए बहुत लाभदायक है| इसका नियमित अभ्यास करने से रीढ़ विपरीत दिशा में मुड़ती है जिससे रीढ़ के ऊपरी तथा निचले भाग में flexibility आती है| इस आसन के करने से फेफड़े व पसलियां मजबूत बनती हैं| पेट के सभी अंगों पर प्रभाव पड़ता है व कब्ज की समस्या से राहत मिलती है|

गौमुखासन: गोमुखासन का नियमित अभ्यास करने से मधुमेह-रोग होने की संभावना नहीं होतीं| यदि मधुमेह-ग्रस्त व्यक्ति इस आसन का नियमित अभ्यास करते हैं तो उनके शुगर-level में कमी आती है| इसलिए इस आसन का नियमित अभ्यास करके मधुमेह को control किया जा सकता है|

हलासन: मधुमेह/डायबिटीज की समस्या से राहत दिलाने में यह आसन बहुत लाभदायक है| इस आसन का अभ्यास करने से पेट के सभी अंग अंदर की ओर मुड़ने से मजबूत बनते हैं तथा पेनक्रियाज प्रभावित होने से मधुमेह के दोष दूर होते हैं|

सर्वांगासन: सर्वांगासन का नियमित अभ्यास करने से Ductless glands में सही स्त्राव होता है जैसे पैनक्रियाज, एड्रीनल व थाइरोइड (thyroid) glands में स्त्राव सही प्रकार से होता है| पैनक्रियाज के activate होने से रक्त मे शुगर की मात्रा सही रहती है जो डायबिटीज के रोगी के लिए लाभदायक है|

अर्ध-मत्स्येन्द्रासन: इस आसन को करने से पैन्क्रियाज ग्रंथि का स्त्राव control होता है| इससे मधुमेह रोग से मुक्ति मिलती है|

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FAQ’s: डायबिटीज से सम्बंधित सामान्य प्रश्न (General questions related to diabetes)

शुगर के लक्षण कैसे दिखते हैं? (What are the main signs of diabetes?)

शुगर होने के शुरूआती लक्षण इस प्रकार दिखते हैं जैसे बार-बार पेशाब आना, ज्यादा भूख लगना, ज्यादा प्यास लगना, वजन का घटना या बढना, चोट लगने या जख्म होने पर घाव भरने में समय अधिक लगना, लगातार थकावट या कमजोरी महसूस करना, चीजों का धुंधला नजर आना, गुप्तांग के आस-पास इन्फेक्शन होना आदि|

डायबिटीज होने के मुख्य कारण क्या हैं? (What is the main cause of diabetes?)

पैंक्रियाज के ठीक प्रकार से कार्य न करने के कारण खून में ग्लूकोज की मात्रा का बढ़ना डायबिटीज/मधुमेह का मुख्य कारण है| इसके अतिरिक्त डायबिटीज होने के कारण निम्नलिखित हैं जैसे खराब लाइफ़स्टाइल, physical movements की कमी, unhealthy food, तनाव, मोटापा, अनुवांशिकता, बुरी लत, आदि|

वर्ल्ड डायबिटीज डे कब मनाया जाता है? (When is World Diabetes Day celebrated?)

वर्ल्ड डायबिटीज डे 14 नवम्बर को मनाया जाता है|

इस blog में डायबिटीज क्या है (Diabetes meaning in hindi), डायबिटीज के प्रकार (Types of diabetes), मधुमेह/डायबिटीज के लक्षण (Madhumeh/Diabetes ke lakshan), डायबिटीज के कारण (Causes of diabetes), डायबिटीज से बचने के लिए क्या खाएं? (What to eat to control diabetes?), डायबिटीज को control करने के लिए योगासन (Yogasanas to control diabetes) के बारे में जाना|

ऊपरलिखित बातों को ध्यान में रखकर जीवन में बदलाव करने से मधुमेह/diabetes को काफी हद तक control में लाया जा सकता है| यह लेखक के अपने विचार हैं|

डायबिटीज से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|

Babita Gupta

M.A. (Psychology), B.Ed., M.A., M. Phil. (Education). मैंने शिक्षा के क्षेत्र में Assistant professor व सरकारी नशा मुक्ति केंद्र में Counsellor के रूप कार्य किया है। मैं अपने ज्ञान और अनुभव द्वारा blog के माध्यम से लोगों के जीवन को तनाव-मुक्त व खुशहाल बनाना चाहती हूँ।

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