आजकल की इस भागदौड भरी जिन्दगी में लोगों को एक ओर गम्भीर बीमारी ने अपना शिकार बना लिया है वो है डायबिटीज/मधुमेह| इस बीमारी का मुख्य कारण अस्त-व्यस्त जीवन शैली, गलत खानपान, less physical movements, बढ़ता तनाव आदि हैं| यह एक ऐसी बीमारी है जो दीमक की तरह हमारे शरीर को खोखला कर रही है|
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डायबिटीज क्या है (What is Diabetes)?
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो बच्चों से लेकर बड़ों तक सब में देखने को मिल रही है| डायबिटीज को शुगर या मधुमेह भी कहा जाता है| जब हमारा शरीर खून में मौजूद शुगर को absorb नहीं कर पाता तो डायबिटीज की प्रॉब्लम उत्पन्न हो जाती है| हम जो भी खाते हैं उस भोजन में से हमारा शरीर कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज में परिवर्तित कर देता है| पैंक्रियास से उत्पन्न होने वाला इंसुलिन इस ग्लूकोज को absorb कर के उर्जा उत्पन्न करता है| यदि किसी वजह से इंसुलिन कम बनता है या फिर इंसुलिन बनता ही नहीं है तो खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित नहीं हो पाती है और हमें शुगर की बीमारी हो जाती है| अपने sugar-level को control करके मधुमेह ग्रस्त व्यक्ति भी सामान्य जीवन जी सकता है, यदि उसे इसके कारण, लक्षण, व इससे बचने के उपायों की जानकारी हो|
डायबिटीज/मधुमेह के प्रकार (Types of Diabetes)
डायबिटीज के मुख्यतः दो प्रकार होते हैं|
- Type 1: यह उस समय होती है जब body में इन्सुलिन नहीं बनता| इसलिए व्यक्ति को बाहर से इंजेक्शन के रूप में इन्सुलिन देना पड़ता है| यह ज्यादातर बच्चों व युवाओं में पाया जाता है|
- Type 2: यह उस समय होती है जब शरीर में बन रहे इन्सुलिन की मात्रा जरूरत से कम बनती है और blood में शुगर का level इन्सुलिन की कमी के कारण बढ़ जाता है, यही टाइप 2 डायबिटीज कहलाता है| इसके मुख्य कारण less physical movement, मोटापा, अनुवांशिकता आदि हैं| | यह अधिकतर adult तथा old age के लोगों में पाया जाता है| इसको जीवन शैली में बदलाव, खानपान, योग, प्राणायाम आदि के नियमित अभ्यास से काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है
- तीसरे प्रकार की शुगर कभी-कभी गर्भवति महिलाओं को गर्भावस्था के समय हो जाती है, जो अधिकतर बच्चे के birth के बाद ठीक हो जाती है| इस का मुख्य कारण हार्मोन्स में बदलाव होना माना जाता है|
डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of Diabetes)
- बार-बार पेशाब आना
- ज्यादा भूख लगना
- ज्यादा प्यास लगना
- वजन का घटना या बढना
- घाव भरने में समय अधिक लगना
- लगातार थकावट या कमजोरी महसूस करना
- चीजों का धुंधला नजर आना
- गुप्तांग के आस-पास खारिश या इन्फेक्शन होना आदि|
डायबिटीज होने के मुख्य कारण (Causes of Diabetes)
डायबिटीज गम्भीर बीमारियों में से एक है| डायबिटीज होने के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं| जैसे:
खराब लाइफ़स्टाइल: आजकल अधिकतर लोग रात को देर तक जागते हैं और सुबह देर से उठते हैं| जिसके कारण पूरा दिन आलस्य से भरा रहता है| concentration कम बनती है| काम करने में दिल नहीं लगता| ऐसा लाइफस्टाइल यदि हररोज होने लगे तो बहुत सी बिमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है| डायबिटीज/शुगर उनमें से एक है|
Less physical movement: यदि दिनभर हमारी physical movements कम होती हैं तो भी शुगर/मधुमेह होने की संभावना रहती है| क्योंकि आजकल T.V., mobile, computer व laptop हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन चुके हैं| हम दिन का अधिकतर समय इन्ही पर व्यतीत करते हैं| जिसके कारण कई बीमारियाँ हो जाती हैं इनमें से एक है डायबिटीज|
गलत खान-पान: तला हुआ भोजन, अधिक मसालेदार व तेलीय खाना, मैदा युक्त आहार जैसे व्हाइट ब्रेड व बिस्कुट, पिज़्ज़ा, बर्गर, bakery-products व packed-food का ज्यादा सेवन करने के कारण भी डायबिटीज जैसी बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है|
तनाव (Stress): हररोज व्यक्ति को किसी न किसी प्रकार का तनाव झेलना पड़ता है चाहे वो घर में हो या ऑफिस में| तनाव/स्ट्रेस हमारे शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं| तनाव हमारी प्रगति में बाधा डालते हैं| इनका हमारे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है|जिस के कारण हम शुगर जैसी कई बिमारियों का शिकार हो सकते हैं|
मोटापा: प्राय: देखने में आया है कि मोटे लोगों को डायबिटीज होने का खतरा normal लोगों की अपेक्षा अधिक होता है| अधिक वजन व पेट पर अधिक चर्बी होना इसके मुख्य कारणों में से एक है|
अनुवांशिकता: यदि parents को डायबिटीज की समस्या हो तो आगे आने वाली संतानों को डायबिटीज होने की सम्भावना बढ़ जाती है|
लत (Bad habits): बुरी आदतें जैसे शराब, सिगरेट व अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करने से भी डायबिटीज होने के chances बढ़ जाते हैं|
डायबिटीज से बचने व नियंत्रित करने के उपाय (How to Control Diabetes)
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसे नियंत्रित किया जा सकता है| डायबिटीज/शुगर को control करने के लिए दवाइयों के साथ-साथ अपनी जीवन शैली में सुधार करने की जरूरत है| इसको नियंत्रित करने के लिए आहार के साथ-साथ योगाभ्यास की तरफ भी ध्यान देना चाहिए|
डायबिटीज/मधुमेह के लक्षण, कारण व इससे बचने व नियंत्रित करने के उपायों की पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|
आहार द्वारा डायबिटीज control:
हमें अपने खाने में संतुलित व पौष्टिक आहार लेना चाहिए| डायबिटीज/मधुमेह को नियंत्रित (control) करने के लिए कुछ खाद्य पदार्थों को खाने से परहेज करें तथा कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन जरुर करें| जैसे:
- ऐसा खाना खाने से बचें जिसमें शुगर की मात्रा ज्यादा हो जैसे मिठाई, मीठे पेय पदार्थ व cold drinks, चीनी, बूरा, शक्कर का प्रयोग बिल्कुल भी ना करें|
- तला हुआ भोजन, मैदा युक्त आहार (जैसे व्हाइट ब्रेड व बिस्कुट), पिज़्ज़ा, बर्गर, bakery-products व packed-food का सेवन न करें|
- मैदा, गेहूं व चावल का कम से कम प्रयोग करें| क्योंकि इनमे कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है जो शुगर level को बढ़ाती है| इनकी बजाय चना व अन्य मोटे अनाज जैसे ज्वार, मक्का, जों, बाजरा आदि का प्रयोग करें|
- फलों में आम, चीकू, अंगूर, केला, खजूर, शहतूत, खरबूजा, तरबूज, लीची आदि को खाने से बचें तथा जामुन, किवी, पपीता, संतरा, अमरुद आदि का सेवन करें|
- ड्राईफ्रूट्स में किशमिश, काजू, अंजीर, छुहारा आदि खाने से परहेज करें तथा बादाम, अखरोट, पिश्ता आदि का प्रयोग करें|
- सब्जियां खूब खाएं| आंवला, करेला, खीरा, टमाटर, नींबू, चकुंदर, लहसुन खाएं व सलाद जरुर लें|
- करेला, खीरा व टमाटर का जूस लिया जा सकता है|
योगाभ्यास द्वारा डायबिटीज Control:
योगासनों में कुछ महत्वपूर्ण आसन हैं जिनका नियमित अभ्यास करने से शुगर के level को नियंत्रित किया जा सकता है| आसनों का अभ्यास करने से pancreas activate होता है जिससे इन्सुलिन की मात्रा शरीर में बढती है और sugar level को control करती है| जैसे मंडूकासन, वक्रासन, गौमुखासन, मर्कटासन, अर्ध-हलासन, हलासन, सर्वांगासन, अर्ध-मत्स्येन्द्रासन आदि|
मंडूकासन: मंडूकासन करने से पैन्क्रियाज activate होता है, जिससे शरीर में insuline की मात्रा बढ़ती है, जोकि मधुमेह/sugar की समस्या को control करने में सहायक है| इसलिए यह आसन मधुमेह/डायबिटीज के रोगी के लिए लाभकारी है|
वक्रासन: वक्रासन करने से पैन्क्रियाज की शक्ति बढ़ती है| डायबिटीज/मधुमेह के प्रबंधन में सहायता प्रदान करता है, इसलिए डायबिटीज के रोगी के लिए बहुत अच्छा आसन है|
जानुशिरासन: जानुशिरासन का अभ्यास करने से urine का मधुमेह ठीक होता है| इसे करने से पाचन तंत्र पुष्ट होता है| जठराग्नि तेज होती है|
मर्कटासन: मर्कटासन के करने से पेट के अंग प्रभावित होने से पैनक्रियाज activate होता है जिससे यह डायबिटीज के रोगी के लिए बहुत लाभदायक है| इसका नियमित अभ्यास करने से रीढ़ विपरीत दिशा में मुड़ती है जिससे रीढ़ के ऊपरी तथा निचले भाग में flexibility आती है| इस आसन के करने से फेफड़े व पसलियां मजबूत बनती हैं| पेट के सभी अंगों पर प्रभाव पड़ता है व कब्ज की समस्या से राहत मिलती है|
गौमुखासन: गोमुखासन का नियमित अभ्यास करने से मधुमेह-रोग होने की संभावना नहीं होतीं| यदि मधुमेह-ग्रस्त व्यक्ति इस आसन का नियमित अभ्यास करते हैं तो उनके शुगर-level में कमी आती है| इसलिए इस आसन का नियमित अभ्यास करके मधुमेह को control किया जा सकता है|
हलासन: मधुमेह/डायबिटीज की समस्या से राहत दिलाने में यह आसन बहुत लाभदायक है| इस आसन का अभ्यास करने से पेट के सभी अंग अंदर की ओर मुड़ने से मजबूत बनते हैं तथा पेनक्रियाज प्रभावित होने से मधुमेह के दोष दूर होते हैं|
सर्वांगासन: सर्वांगासन का नियमित अभ्यास करने से Ductless glands में सही स्त्राव होता है जैसे पैनक्रियाज, एड्रीनल व थाइरोइड (thyroid) glands में स्त्राव सही प्रकार से होता है| पैनक्रियाज के activate होने से रक्त मे शुगर की मात्रा सही रहती है जो डायबिटीज के रोगी के लिए लाभदायक है|
अर्ध-मत्स्येन्द्रासन: इस आसन को करने से पैन्क्रियाज ग्रंथि का स्त्राव control होता है| इससे मधुमेह रोग से मुक्ति मिलती है|
ऊपरलिखित बातों को ध्यान में रखकर जीवन में बदलाव करने से मधुमेह/diabetes को काफी हद तक control में लाया जा सकता है| यह लेखक के अपने विचार हैं|