योगासनों का उपयोग शरीर को चुस्त व मजबूत बनाने के लिए तथा इम्युनिटी बढ़ाने के लिए किया जाता है| इस के साथ-साथ प्राणायाम भी उतने ही उपयोगी हैं| प्राणायाम सांसों पर control करना सिखाते हैं| ये केवल सांसों को ही नहीं बल्कि इन्द्रियों तथा मन को भी व्यवस्थित करते हैं| प्राणायाम के अभ्यास से शरीर भी सुदृढ़ और स्वस्थ हो जाता है|
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कपालभाति प्राणायाम किसे कहते हैं (kapalbhati pranayam kise kahte hain)
कपालभाति प्राणायाम में कपाल का अर्थ है मस्तिष्क, ललाट तथा भाति का अर्थ है चमकना| मस्तिष्क को तेज करने वाला यह प्राणायाम बहुत ही उपयोगी है|
कपालभाति प्राणायाम करने का तरीका (kapalbhati pranayam karne ka tarika in Hindi)
Step 1: कपालभाति प्राणायाम करने के लिए किसी भी एक आसन में बैठें| सुखासन, पदमासन, वज्रासन|
Step 2: दोनों हथेलियाँ घुटनों पर रखें| श्वास भरें|
Step 3: श्वास भरने के बाद दो क्रियाएं साथ-साथ चलेंगी| श्वास को शक्ति से (शीघ्रता से) बाहर फैंकना तथा पेट को अंदर की तरफ खींचना|
Step 4: दो श्वास बाहर फैंकने के बीच थोड़ा अंतर रखें जिससे श्वास भरने की जरूरत नहीं पड़ेगी| श्वास स्वत: ही भर जाएगी|
Step 5: इस प्रकार कपालभाति प्राणायाम करते हुए वक्ष व कंधों पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं पड़ना चाहिए|
Step 6: 20 बार श्वास फैंकने को यदि एक चक्र मानें तो 2-3 चक्रों को पूरा करें| धीरे-धीरे चक्रों की संख्या बढ़ाएं|
Step 7: कपालभाति प्राणायाम के अंत में श्वास को बाहर निकालें तथा तीनों बंध लगाएं मूल बंध, उड्डियान बंध, जालंधर बंध| कुछ देर रुकने के बाद तीनों बंध खोलें पहले उड्डियान बंध, फिर जालंधर बंध, फिर मूलबंध
Step 8: अब श्वास को बाहर निकाले, बाहर श्वास रोके तीनों बंध लगाएं और इसी क्रम में बंध खोलें|
कपालभाति प्राणायाम करने के फायदे (kapalbhati pranayam fayde)
कायाकल्प करने वाला प्राणायाम: कपालभाति प्राणायाम पूरे शरीर का कायाकल्प करता है|
दिमाग को तेज करता है: कपालभाति प्राणायाम मस्तिष्क/दिमाग को तेज करता है|
Concentration बढ़ती है: इस प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से concentration बढ़ती है|
फेफड़े में ओक्सीजन की वृद्धि: इस प्राणायाम का अभ्यास करने से फेफडों में शुद्ध ओक्सीजन भरने की क्षमता बढ़ती है|
चमकता हुआ चेहरा: इसके करने से चेहरे पर चमक/glow आती है|
कफ विकारों को दूर करता है: इसके करने से जुकाम, साइनस, अस्थमा आदि स्वास्थ संबंधी रोग दूर होते हैं| इस प्राणायाम के करने से श्वसन प्रणाली स्वस्थ होती है तथा सांस के रोग ठीक होते हैं|
पेट के अंग प्रभावित: इस प्राणायाम के करने से पेडू के अंग प्रभावित होते हैं जिससे पाचन ठीक रहता है|
किसको कपालभाति प्राणायाम नहीं करना चाहिए
जिन्हें पेट का ऑपरेशन हुआ हो उन्हें यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए|
दमा तथा हाई बी.पी. के रोगी को यह प्राणायाम सावधानी से करना चाहिए|
हृदय रोगी को यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए
कपालभाति प्राणायाम करने की विधि (Kapalbhati pranayam karne ki vidhi) और फायदे (benefits) की पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|