अश्वथासन के अभ्यास का तरीका, फायदे तथा सावधानियां (Ashwathasana Benefits, Technique and Precautions in Hindi)

इस blog में अश्वथासन क्या है (What is Ashwathasana)?, अश्वथासन करने की विधि (Ashwathasana steps) और अश्वथासन के लाभ (Ashwathasana benefits) के बारे में बताया गया है|

अश्वथासन lower back pain (कमर दर्द), श्वास सम्बन्धी विकार जैसे अस्थमा (asthma) तथा reproductive disorder को दूर करने के लिए एक लाभकारी आसन है|

मनुष्य प्रकृति का एक अभिन्न अंग है| हम प्रकृति के अनुसार ही काम करते हैं| जब तक स्वास्थ्य ठीक न हो तो व्यक्ति के जीवन में सफलता की आशा करना असम्भव है| स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए योग जरूरी है| योगासन शरीर, मन और भावनाओं के बीच संतुलन करने तथा तालमेल बैठने का एक साधन है| योग द्वारा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ती ही है साथ ही व्यक्ति शारिरिक व मानसिक रूप से भी स्वस्थ होता है|

Ashwathasana benefits in Hindi

अश्वथासन क्या है (what is Ashwathasana)?

अश्वथासन खड़े होकर करने वाले आसनों में एक महत्वपूर्ण आसन है| कमर को प्रभावित करने वाला ये आसन बहुत ही सरल व उपयोगी है| अश्वथासन में अश्वथ शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ है पीपल | जिस प्रकार पीपल ऑक्सीजन देने के साथ-साथ अन्य लाभ भी देता है, उसी प्रकार अश्वथासन करने से बहुत अधिक लाभ होते हैं|

अश्वथासन करने का तरीका (Technique of Ashwathasana in Hindi)

अश्वथासन करने की सही विधि आप मेरे इस youtube link पर देख सकते हैं|

अश्वथासन करने की सही विधि इस प्रकार है:

Step 1: अश्वथासन के लिए एड़ी व पंजा मिलाएं| दोनों भुजा शरीर के साथ सटी हुई|

Step 2: अब दाईं भुजा व दायाँ पैर पीछे से पीछे रखें| बाईं भुजा ऊपर ले जाते हुए कान के साथ सटाकर रखें| हथेली का रुख सामने की तरफ रखें|

Step 3: अब श्वास भरते हुए बाएं पैर पर शरीर का भार डालते हुए सीधे खड़े हो जाएँ, आगे बिल्कुल भी न झुकें|

Step 4: पीछे से दाईं भुजा ऊपर उठायें व आसन के समानांतर रखें व हथेली का रुख आसन की ओर रहे| दायां पैर अधिक से अधिक ऊपर उठायें|

Step 5: ये पूर्णता की स्थिति है, अब सामान्य श्वास लेते रहें|

Step 6: श्वास छोड़ते हुए धीरे-धीरे मध्य में वापिस आयें| यही क्रिया अब बाएं पैर से करेंगें|

Ashwathasana Yoga

Step 7: बाईं भुजा व बायाँ पैर पीछे से पीछे रखें| दाईं भुजा ऊपर ले जाते हुए कान के साथ सटाकर रखें| हथेली का रुख सामने की तरफ रखें|

Step 8: अब श्वास भरते हुए दाएं पैर पर शरीर का भार डालते हुए सीधे खड़े हो जाएँ, आगे बिल्कुल न झुकें|

Step 9: पीछे से बाईं भुजा ऊपर उठायें व आसन के समानांतर रखें व हथेली का रुख आसन की ओर रहे| बायां पैर अधिक से अधिक ऊपर उठायें|

Step 10: अब सामान्य श्वास लेते रहें| श्वास छोड़ते हुए धीरे-धीरे मध्य में वापिस आयें| अब विश्राम करें|

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अश्वथासन के लाभ (Benefits of Ashwathasana in Hindi)

  • कमर के निचले भाग (lower back pain) में राहत: इस आसन का अभ्यास करते हुए जब हम पैर को पीछे खींचते हुए ऊपर उठाते हैं तो कमर पर प्रभाव पड़ने से कमर के निचले भाग के दर्द में आराम मिलता है|
  • रीढ़ लचीली बनती है: इस आसन का अभ्यास करते हुए रीढ़ पर प्रभाव पड़ता है| इसका नियमित अभ्यास करने से रीढ़ लचीली व मजबूत बनती है|
  • स्त्रियों के लिए लाभकारी: यह आसन स्त्रियों के लिए बहुत लाभदायक है| इस आसन के करने से स्त्रियों के प्रजनन अंग प्रभावित होते है, जिससे प्रजनन सम्बन्धी विकार (Reproductive disorders) दूर होते हैं|
  • पीरियड्स सम्बंधी दोष दूर: अश्वथासन का नियमित अभ्यास करने से periods के समय होने वाली pain, अनियमित पीरियड्स व अन्य समस्याएं ठीक होने में मदद मिलती है|
  • श्वसन क्रिया बेहतर: इस आसन का नियमित अभ्यास करने से फेफड़ों में श्वास लेने की क्षमता बढ़ती है जिससे श्वसन क्रिया बेहतर बनती है| सही तरीके से अभ्यास करने पर अस्थमा (asthma) के रोगी के लिए बहुत लाभदायक आसन है|
  • पैर मजबूत बनते हैं: इस आसन के करने से पैरों की मांसपेशियां में खिंचाव आता है जिससे पांव में मजबूती आती है व शरीर बलिष्ठ बनता है|
  • संतुलन बनाने में लाभकारी: अश्वथासन करते समय हम एक पैर पर खड़े होकर आसन करते हैं तो पूरे शरीर का भार एक पैर पर आ जाता है| जब इसका नियमित अभ्यास करते हैं तो संतुलन बनाने में आसानी होती है|

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अश्वथासन किन-किन को नहीं करना चाहिए (For whom Ashwathasana prohibited)?

यह आसन निम्नलिखित बिमारियों से ग्रसित लोगों को नहीं करना चाहिए|

  • गर्भवती महिलाओं को यह आसन नहीं करना चाहिए|
  • यदि कमर में या hips में ज्यादा पैन हो तो उस समय यह आसन नहीं करना चाहिए|
  • जिनको घटनों में दर्द अधिक हो या जिनका वजन इतना अधिक है कि एक पैर पर खड़ा होना कठिन हो, तो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|

FAQ’s: अश्वथासन से सम्बंधित सामान्य प्रश्न (General questions related to Ashwathasana)|

अश्वथासन कितनी बार करना चाहिए (How many times should we do Ashwathasana)?

अश्वथासन खड़े होकर किए जाने वाले आसनों में एक महत्वपूर्ण आसन है| इसका अभ्यास करते समय दाएं व बाएं तरफ से आसन किया जाता है तब एक चक्र पूरा होता है| आसन का अभ्यास हो जाने पर अश्वथासन को क्षमता के अनुसार 7 से 10 चक्र किये जा सकता है|

अश्वथासन के मुख्य लाभ क्या हैं? (What are the main benefits of Ashwathasana)?

अश्वथासन महिलाओं के लिए बहुत लाभदायक आसन है| इस आसन का नियमित अभ्यास करने से reproductive organs प्रभावित होते हैं| यह आसन lower back pain में आराम दिलाता है| सांस सम्बंधी समस्याओं जैसे asthma से राहत मिलती है|

अस्थमा रोगियों के लिए कौन सा योग सबसे अच्छा है? (Which yoga is best for asthma patients?)

योग के दो अंग आसन व प्राणायाम शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं| अस्थमा के रोगी के लिए आसनों में अश्वथासन व प्राणायाम में कपालभाति प्राणायाम सबसे अच्छे हैं|

इस blog में अश्वथासन क्या है (What is Ashwathasana), अश्वथासन की विधि (Ashwathasana steps) और अश्वथासन के लाभ (Ashwathasana benefits) के बारे में जाना|

इस विषय से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|

Babita Gupta

M.A. (Psychology), B.Ed., M.A., M. Phil. (Education). मैंने शिक्षा के क्षेत्र में Assistant professor व सरकारी नशा मुक्ति केंद्र में Counsellor के रूप कार्य किया है। मैं अपने ज्ञान और अनुभव द्वारा blog के माध्यम से लोगों के जीवन को तनाव-मुक्त व खुशहाल बनाना चाहती हूँ।

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