नींद क्या है व कम नींद के नुकसान क्या हैं (Neend kya hai or kam neend ke nuksan)

नींद हमारे शरीर व मस्तिष्क के लिए प्राकृति का वरदान है| लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी जीवन शैली और काम के दबाव के कारण हमारी नींद पूरी नहीं हो पाती| लोगों की अस्त-व्यस्त जीवन शैली, रात को देर से सोना व सुबह देर से उठने की आदत, समय पर भोजन ना करना, नियमित रूप से योग, व्यायाम व सैर का अभाव आदि ये सभी कारक हमारी नींद को disturbed करते हैं| इसलिए शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पूरी नींद लेना जरूरी है|

इस blog में नींद क्या है (Neend kya hai), कम नींद से होने वाली परेशानियाँ (Kam neend ke nuksan), अच्छी नींद के फायदे (Achchhi neend ke fayde) के बारे में बताया गया है|

कई बार हम देखते हैं कि लम्बे समय तक काम करने, परिवारिक कार्यों की व्यस्तता या स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं के कारण हम अपनी पूरी नींद नहीं ले पाते जिसके कारण हम थका हुआ व सुस्त महसूस करते हैं| बार-बार ऐसा होने से हमारे तनाव का स्तर भी बढ़ जाता है| हमारे ऋषि मुनियों व शास्त्रों ने रात की अच्छी नींद को शरीर व मस्तिष्क के लिए औषधि बताया है| लेकिन आज की 24×7 की कार्य शैली ने लोगों की रात की नीद व दिन का चैन ख़त्म कर दिया है| यदि हम लम्बे समय तक ठीक ढंग से नींद नहीं लेते हैं तो इसके हमारे शरीर पर कई विपरीत प्रभाव पड़ते हैं और कई बार तो हम गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाते हैं|

नींद क्या है? (Neend kya hai?)

नींद क्या है? (Neend kya hai?)

नींद हमारी दिनचर्या का जरूरी हिस्सा है| दिनभर के काम और बहुत सारी बातें हमें तनाव देती रहती हैं| लेकिन दिनभर की भागदौड़ के बाद जब हम घर वापिस आते हैं, तो हमें सकून भरी और आरामदायक नींद की जरूरत होती है जिससे हम अपने अगले दिन के कामों के लिए शरीर व मस्तिष्क को तरोताजा कर सकें| लगभग हम अपनी आयु का एक तिहाई हिस्सा सोने में बिताते हैं, जो हमारी सेहत के लिए बहुत जरूरी है|

प्रत्येक दिन एक निश्चित समय पर आने वाली अचेतन अवस्था जिससे हमें आसपास की चीजों का आभास नहीं रहता नींद कहलाती है|

अगर हम नींद के बारे में विस्तार से देखे तो यह दो प्रकार की होती है|

एक है हल्की नींद| इस प्रकार की नींद में हम शारीरिक रूप से सो जाते हैं लेकिन मानसिक रूप से क्रियाशील रहते हैं| इस प्रकार की नींद में हम सपने भी देखते हैं और इस नींद में आने वाले ये स्वपन थोड़े बहुत याद रह जाते हैं|  

दूसरी है गहरी नींद| इस तरह की नींद में हमारी शारीरिक क्रियाएं न्यूनतम होती हैं, अर्थात् इसमें हम गहरी नींद में सोते हैं जिससे शरीर व दिमाग को ज्यादा आराम मिलता है| हररोज 6-8 घंटे की नींद अच्छे शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छी है|

नींद अगर अच्छी तरह से ना आये तो, शरीर व दिमाग उस प्रकार से काम नहीं कर पाते जैसे उनको करना चाहिए| कम नींद का सीधा असर यादाश्त पर भी पड़ता है| गुस्सा, चिड़चिड़ापन व तनाव जैसी समस्या होना स्वभाविक है|

हररोज जरूरत से ज्यादा सोना भी स्वस्थ्य के लिए अच्छा नहीं है, क्योंकि इससे भी body में सुस्ती आती है और आलस्य बढ़ता है|

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कम नींद से होने वाली परेशानियाँ (Kam neend ke nuksan)

नियमित रूप से कम नींद लेने से हमें कई नुकसान होते हैं| 6 से 8 घंटे की नींद स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए जरूरी है| यदि हम इससे कम नींद लेते हैं तो शरीर पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है| कम नींद लेने से कई प्रकार की परेशानियाँ होने की संभावना बढ़ती है| जैसे

तनाव बढ़ता है: नींद का सीधा-सीधा सम्बंध हमारे मस्तिष्क (Brain) से है| अगर हम कम नींद लेते हैं या हमारी नींद अच्छी नहीं है तो इसका सीधा असर हमारे दिमाग पर पड़ता है| नींद कम आने से ब्रेन  कुछ न कुछ सोचता रहता है, इससे तनाव बढ़ता है|

मानसिक विकार बढ़ते हैं: कम नींद लेने से शरीर में सुस्ती रहती है और गुस्सा, चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं तो बढ़ती ही हैं अन्य मानसिक विकार जैसे चिंता व अवसाद, बाइपोलर डिसऑर्डर, अटेंशन डेफिसियसी आदि होने की संभावना भी बढ़ जाती है|  

थकान रहती है: जब व्यक्ति को अच्छी नींद या sound sleep नहीं आती, तो वह सारा दिन थका-थका महसूस करता है|

याददाश्त कमजोर होती है: कम नींद का असर याद रखने की क्षमता पर पड़ता है| इससे याददाश्त कमजोर होने लगती है| कुछ चीजें या नकारात्मक बातों को भूल जाना अच्छा माना जाता है| लेकिन नींद की कमी के कारण memory कमजोर होने लगती है और हम रोज की सामान्य बातों को भूल सकते हैं| इसकी की वजह से निर्णय लेने की क्षमता पर भी असर पड़ता है|

रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर: नींद की कमी होने से शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को नुकसान होता है तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है| जिससे किसी भी प्रकार के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और हम रोगों की चपेट में जल्दी आने लगते हैं|

Diabetes होने का खतरा: कम नींद का असर diabetes पर पड़ता है| नींद की कमी से मधुमेह की संभावना बढ़ जाती है| केवल एक दिन की नींद की कमी से भी इन्सुलिन रेजिस्टेंस पर प्रभाव पड़ता है| नींद कम लेने से blood sugar को control करने वाले हार्मोन इन्सुलिन को ठीक से नियंत्रित नहीं कर पाते| जिसके कारण खून में शक्कर की मात्रा बढ़ जाती है| लम्बे समय तक कम नींद लेने से इन्सुलिन कम बन पाता है, जिससे शरीर में शुगर level बढने के chances बढ़ जाते हैं और मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है|

हाई ब्लडप्रेशर: कम नींद लेने से सारा दिन थकान व चिड़चिड़ापन रहता है| कुछ काम करने का मन नहीं करता और दूसरों से नाराजगी बनी रहती है| बिना किसी कारण के बात-बात पर गुस्सा आता है| इससे बी.पी. बढ़ने की संभावना रहती है|

मोटापा बढ़ना : नींद पूरी ना होने से हमें एक तो Unhealthy food खाने की इच्छा बढ़ जाती है| जैसे fast food, packed food, पिज़्ज़ा, बर्गर आदि| और रात में अगर हम अधिक देर से सोते हैं तो भी कुछ-कुछ खाते रहते हैं| इस भोजन से मिलने वाली उर्जा को न पचा पाने के कारण शरीर में चर्बी बढ़ने लगती है, जिससे वजन व मोटापा बढ़ता है|

और दूसरा कम सोने के कारण हम सुस्त व थका हुआ महसूस करते हैं और आलस्य के कारण योग या व्यायाम नहीं करना चाहते तो मोटापा, वजन बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं|

कब्ज की समस्या: Unhealthy food खाने और बार-बार कुछ न कुछ खाते रहने से तो पेट की समस्याएं आती ही हैं साथ ही कम नींद आने का प्रभाव भी मेटाबोलिज्म पर पड़ता है| पाचन ठीक नहीं रह पाता और जो हम खाते हैं वो ठीक से नहीं पच पाता| इससे कब्ज होने की संभावना भी बढ़ती है|

अनियमित पीरियड्स की समस्याएं: कम नींद लेने से हार्मोन्स संतुलन बिगड़ जाता है जिससे पीरियड्स की समस्याएं होने की सम्भावनाएं बढ़ सकती हैं जैसे अनियमित पीरियड्स, PCOD, और हैवी फ्लो आदि| वैसे तो हमें हमेशा पूरी व अच्छी नींद लेनी चाहिए लेकिन अगर ऐसा सम्भव ना हो तो, पीरियड्स के समय हमें कम से कम 8 घंटे की नींद जरुर लेनी चाहिए| इससे पीरियड्स के दौरान होने वाली दर्द और mood-swing की समस्याएं भी कम होती हैं| नींद के दौरान लगभग हर कोशिका की मरम्मत होती रहती है| जबकि नींद की कमी होने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे किसी भी प्रकार के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है| इसके अलावा महिलाओं में चिड़चिडापन और मोटापा जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं|

हृदय के लिए हानिकारक: नींद पूरी ना होने से दिल के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है| और हृदय से सम्बंधित समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है| कई अध्यनों से भी इस बात की पुष्टि हुई है कि नींद की कमी के कारण व्यक्ति के लिए दिल के रोगों का खतरा बढ़ जाता है|

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अच्छी नींद के फायदे (Sound sleep benefits)

यदि नींद कम आती है तो ऊपरलिखित समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है| इसलिए अच्छी नींद लेने के उपाय करने चाहिएं, ताकि शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ्य रह सकें| क्योंकि अच्छी नींद लेने के बहुत फायदे हैं जो निम्न प्रकार से हैं|

  • पूरी व अच्छी नींद ना केवल शरीर को बल्कि मस्तिष्क को भी बहुत फायदा पहुंचती है|
  • अच्छी नींद लेने से मानसिक स्वास्थ्य ठीक रहता है जिससे तनाव, चिंता, डिप्रेशन से बचते हैं|
  • इससे याददाश्त पर positive प्रभाव पड़ता है| याद रखने की क्षमता बढ़ती है|
  • Sound sleep इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक है| इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ती ही है साथ ही थकान और आलस्य भी दूर होते हैं|
  • तनाव कम करने में सहायक अच्छी नींद शरीर के साथ-साथ दिमाग को भी शांत रखने में महत्वपूर्ण है|
  • अच्छी नींद लेने से असाध्य रोग होने की संभावना कम हो जाती है| जैसे High B.P., Diabetes, Heart problem आदि|
  • अच्छी नींद लेने से concentration बढ़ती है| एकाग्रता बढ़ने से हम अपना काम पूर्णता से कर पाते हैं|

FAQ’s: नींद के बारे में कुछ सामान्य प्रश्न (General Questions related to Neend/Sleep)

नींद न आने का सबसे बड़ा कारण क्या है? (Nind na aane ka sabse bada karan kya hai?)

नींद न आने का सबसे बड़ा कारण से टेंशन या तनाव| रात को सोने से पहले यदि हम अपने मन को शांत करके नहीं सोते तो दिनभर के काम की टेंशन या बातें/विचार हमें बार-बार याद आती रहती हैं| इसलिए तनाव ही नींद न आने का मुख्य कारण है|

गहरी नींद लेने के लिए क्या करें?(Gahri nind lene ke liye kya upay karen?)

गहरी नींद लेने के लिए सही समय पर सोने की आदत बनाएं| योग के आसन व प्राणायाम का अभ्यास करें| Bedroom को व्यवस्थित रखें| मन पसंद किताबें पढ़ें व संगीत सुनें| सिर व पैरों में मालिश करें|

नींद से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|

Babita Gupta

M.A. (Psychology), B.Ed., M.A., M. Phil. (Education). मैंने शिक्षा के क्षेत्र में Assistant professor व सरकारी नशा मुक्ति केंद्र में Counsellor के रूप कार्य किया है। मैं अपने ज्ञान और अनुभव द्वारा blog के माध्यम से लोगों के जीवन को तनाव-मुक्त व खुशहाल बनाना चाहती हूँ।

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