High Blood Pressure Control Karne ke Aasan Tarike in Hindi (हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के आसान तरीके)

इस blog में उच्च रक्तचाप क्या है (What is High Blood Pressure), हाई ब्लडप्रेशर के लक्षण (Symptoms of High Blood Pressure), उच्च रक्तचाप के कारण (Causes of High Blood Pressure) तथा उच्च रक्तचाप को कैसे नियंत्रित किया जाए (How to control High B.P.) के बारे में जानेगे|

हम सभी ने एक कहावत सुनी है “Health is wealth” परन्तु क्या कभी इसके बारे में सोचा है कि मनुष्य की fitness ही उसकी सबसे बड़ी पूंजी है| हमारे पास कितनी ही धन-सम्पत्ती क्यों न हो लेकिन यदि हम अस्वस्थ हैं तो हम खुश नहीं रह सकते| स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है| इसलिए काम के साथ-साथ अपनी सेहत का भी ध्यान रखें| भागदौड भरी जिन्दगी कई बार हमारे लिए कई बीमारियों का कारण बन जाती हैं, जिनमें से एक है – उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)| अक्सर व्यक्ति को High B.P की समस्या होने का पता ही नहीं चलता| यह बिना किसी symptom के बहुत अधिक समय तक बढ़ता रहता है| इसलिए इसे Silent Killer भी कहते हैं|

हाई ब्लडप्रेशर क्या है (High Blood Pressure kya hai)?

शरीर की धमनियों में बहने वाले रक्त के लिए एक निश्चित pressure जरूरी होता है| जब किसी कारण से यह प्रेशर अधिक बढ़ जाता है तो धमनियों में खून का प्रवाह बनाए रखने के लिए दिल को सामान्य से अधिक काम करना पड़ता है| इस स्थिति को High Blood Pressure कहते हैं| अर्थत जब दिल की तरफ जाने वाली रक्त धमनियों में रक्त का flow काफी तेज हो जाता है तो उसे हाई ब्लडप्रेशर (High Blood Pressure) कहते हैं| इसे High B.P., हाइपरटेंशन (Hyper tension), उच्च रक्तचाप भी कहा जाता है| Blood Pressure High हो या Low दोनों का ही हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है|

हमारा सामान्य रक्तचाप (Blood pressure) 120-80 mm Hg को माना गया है| High B.P. होने पर ऊपर का (सिस्टोलिक)140+ व नीचे का (डायसटोलिक) 90+ तक पहुंच जाता है जबकि Low B.P. में ऊपर का 90 व नीचे का 60 तक आ जाता है|

High Blood Pressure Control Karne ke Aasan Tarike in Hindi

हाई ब्लडप्रेशर के लक्षण (High Blood Pressure ke lakshan)

High blood pressure की समस्या होने पर जो लक्षण दिखाई देते हैं वे इस प्रकार हैं:

  • बार-बार सिर दर्द होना
  • चक्कर आना
  • थकावट होना
  • आँखों के आगे अँधेरा छा जाना
  • नाक से खून भी आ सकता है
  • जी मिचलाना
  • सांस लेने में दिक्कत आना
  • दिल की धड़कन बढ़ना
  • अधिक पसीना आना
  • सीने में दर्द होना

High B.P. की समस्या ज्यादा होने पर किसी-किसी व्यक्ति में ये लक्षण भी देखने को मिल जाते हैं वे इस प्रकार हैं:

  • नाक से खून आना
  • लगातार सिर दर्द रहना
  • सांस लेने में दिक्कत होना
  • दिल की धड़कन का अनियमित गति से चलना
  • घबराहट होना
  • दृष्टि में बदलाव आना

उच्च रक्तचाप क्या है (What is High Blood Pressure), हाई ब्लडप्रेशर के लक्षण (Symptoms of High Blood Pressure), उच्च रक्तचाप के कारण (Causes of High Blood Pressure) तथा उच्च रक्तचाप को कैसे नियंत्रित किया जाए (How to control High B.P.) के बारे में पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|

उच्च रक्तचाप के कारण (Uchch ratkchap ke karan)

ज्यादातर मामलों में BP बढ़ने के कारणों का पता नहीं चलता है और यह धीरे-धीरे बढ़ता रहता है| कुछ cases में शरीर में होने वाली अन्य बिमारियों जैसे thyriod, गुर्दे की problem, tummer, गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन के कारण, ड्रग्स व शराब आदि के सेवन के कारण भी BP बढ़ जाता है| फिर भी B.P बढने के मुख्य कारण इस प्रकार हैं:

गुस्सा आने के कारण: गुस्सा आने के कारण ब्लडप्रेशर हाई होने के chances बढ़ जाते हैं| गुस्सा बी. पी. को बढ़ाने के मुख्य कारणों में से एक है|

बढ़ती उम्र के कारण: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है और physical movement कम रहती हैं तो इसके कारण High B.P. बढने की संभावना बढ़ सकती है|

मोटापे के कारण: यदि वजन अधिक है, over-weight हैं, मोटापा ज्यादा है तो इसके कारण भी B.P. बढने का खतरा बढ़ जाता है|

Less physical movements: अधिकतर समय बैठे रहने के कारण या कम movement होने के कारण ब्लडप्रेशर बढने के chances बढ़ जाते हैं|

अनुवांशिकता: यदि माता-पिता को या परिवार में पहले किसी को High blood pressure हो तो अनुवांशिकता के कारण भी व्यक्ति को High B.P. होने की संभावना रहती है|

नींद कम आना: यदि हम 6-8 घंटे की पूरी नींद नहीं सोते (तनाव से नींद कम आना, बुढ़ापे के कारण नींद कम आना, कम नींद लेने की आदत के कारण) तो इसके कारण भी ब्लडप्रेशर की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है|

अधिक धुम्रपान व शराब का सेवन: धुम्रपान व शराब के सेवन करने के कारण भी हाई ब्लडप्रेशर का खतरा हो सकता है|

ज्यादा नमक का सेवन: यदि हमें अधिक नमक खाने की आदत है तो भोजन में अधिक नमक लेने की ये आदत भी हमें जोखिम में डाल सकती है|

वसायुक्त भोजन: अधिक वसायुक्त आहार, तले हुए पदार्थ व अधिक मिर्च-मसाले वाले भोज्य पदार्थ खाने से भी High Blood Pressure होने का खतरा बना रहता है|

तनाव/stress होना: यदि हमें तनाव बार-बार हो और यह अधिक समय तक बना रहे तो ये हाई बी. पी. होने का कारण बनता है|

डायबिटीज के कारण: यदि कोई डायबिटीज की समस्या से जूझ रहा हो तो उसके कारण हाई ब्लडप्रेशर हो सकता है|
कई बार गर्भावस्था में भी BP बढ़ जाता है

यदि किसी बीमारी के कारणों का पता चल जाए तो उसका इलाज करने में थोड़ी सी सुविधा हो जाती है जैसे यदि किसी खाने की वस्तु, दवा, धुम्रपान या अल्कोहल आदि से BP बढ़ता हो तो doctor उन्हें उसी के हिसाब से दवाइयों से ठीक करने की कोशिश करते हैं| अनियंत्रित Blood Pressure से कई बार strock का खतरा बढ़ जाता है|

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उच्च रक्तचाप को कैसे कंट्रोल करें (High Blood Pressure ko control karne ke upay)

यदि दैनिक जीवन में कुछ सावधानियां बरतें तो हाई ब्लडप्रेशर को control करने में मदद मिल सकती है जैसे:

नमक कम लें: अपने आहार में नमक की मात्रा को कम करें| बाजार से मिलने वाले बहुत से ऐसे packed खाद्य पदार्थ हैं जिनमें अत्यधिक नमक होता है और वो खाद्य पदार्थ हमें tasty लगते हैं जिससे शरीर में नमक की अधिक मात्रा चली जाती है, जिसका हमें अहसास नहीं होता| इसलिए packed food, fast food आदि खाने से बचें| नमक या सोडियम अधिक खाने से हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा बढ़ जाता है इसलिए कम नमक का सेवन करें|

भरपूर नींद लें: 6-8 घंटे की नींद हमारे शरीर और मस्तिष्क को आराम देने के लिए बहुत जरूरी है। पूरी नींद लेने से हाई बी.पी. की समस्या कम होती है|

Physical exercise बढ़ाएं: Less physical movement से बचें| रोजमर्रा के काम करते हुए भी activites को बढ़ाएं| अधिक समय तक बैठकर काम करना हो तो बीच-बीच में उठकर थोड़ा टहल लें| सुबह या शाम को कम से कम 30-45 मिनट योग या व्यायाम जरुर करें| यदि नियमित रूप से योग करेंगे तो इससे High B.P. से बचाव होता है और इसे manage करने में मदद मिलती है|

जीवनशैली में सुधार: जीवन शैली में सुधार के लिए हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए| जैसे समय पर सोएं व समय पर उठें, खाना खाने का समय लगभग निर्धारित रखें, active रहें, समय पर काम खत्म करें ताकि तनाव व चिंता न हो आदि|

नशा करना छोड़ें: शराब का अधिक सेवन करने से ब्लडप्रेशर हाई होने की संभावना बढ़ सकती है| इसलिए शराब से दूरी बना कर रखें|

बीड़ी, सिगरेट पीने की आदत छोड़े| लगातार व ज्यादा मात्रा में धुम्रपान करने से धमनियों की दीवारों को नुकसान पहुंचता है| धुम्रपान करने से हाई ब्लडप्रेशर के साथ-साथ अन्य बीमारियाँ जैसे अल्सर, lungs की समस्या आदि होने की संभावना बढ़ जाती है| बीड़ी, सिगरेट पीने वालों का चेहरा व होंठ बहुत काले पड़ जाते हैं| आँखें लाल दिखाई देने लगती हैं| इसके कई उदहारण मैंने देखे हैं कि जब smoking छोड़ी गई तो रंग निखरकर गौरा हो गया|

पौष्टिक आहार लें: पौष्टिक व संतुलित आहार लेने के लिए ऐसे खाने का चुनाव करें जिसमें प्रोटीन, विटामिन, मिनरल आदि हों और कार्बोहाइड्रेट बहुत ही संतुलित मात्रा में हों| आहार में गेहूं की मात्रा कम लें तथा मोटे अनाज (जैसे बाजरा, ज्वार, रागी, मक्की, चना आदि), साबुत अनाज, अंकुरित अनाज, दालें, फल व सब्जियों को मिलाकर भोजन तैयार करें| केला का सेवन करें| केले में पौटाशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है तथा सोडियम कम मात्रा में पाया जाता है| इसलिए ये BP के मरीजों के लिए अच्छा माना गया है| भोजन में तुलसी, दालचीनी, इलायची, लहसुन, अलसी, अदरक, अजवाइन आदि का प्रयोग भी लाभकारी है| इसके अतिरिक्त Pumpkin seeds, Sunflower seeds, Flax seeds, Chia seeds आदि का सेवन भी ब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए अच्छा है|

वजन को control करें: यदि हमारा weight अधिक है या हम मोटे हैं तो High B.P. होने के chances बढ़ जाते हैं| इसलिए वजन को control में रखकर मोटापा घटाएं| इसके लिए आहार पर ध्यान दें और नियमित सैर, व्यायाम, योग, exercise करें| वजन कम करने से High B.P. को कम करने में मदद मिलती है|

तनाव कम लें: जीवन में परिस्थितियाँ बदलती रहती हैं जिससे कभी कभी तनाव की स्थिति पैदा हो जाती है| जिस समस्या की वजह से तनाव पैदा हुआ उसको संयम व विवेक से हल करने की कोशिश करें| बार-बार उसी बात को सोच कर तनाव न लें| तनाव कम लेने से High B.P. होने का खतरा नहीं रहता|

उचित मात्रा में पानी पिएं: बार-बार व उचित मात्रा में पानी पिएं| पानी पीने से भी रक्तचाप नियंत्रित रहता है|

कैफीन युक्त पेय पदार्थ कम लें: कैफीन युक्त पदार्थ जैसे चाय, कॉफ़ी, softdrinks, कोक आदि B.P. बढ़ाने वाले पदार्थ हैं इसलिए इनका सेवन कम करना चाहिए|

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योग द्वारा उच्च रक्तचाप नियंत्रित (High B.P. control by yoga)

High B.P. को control करने में योगासन व प्राणायाम बहुत महत्वपूर्ण हैं| योग में कुछ ऐसे आसन व प्राणायाम हैं जिनका नियमित अभ्यास करने से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है| आसनों में जैसे शिथिलासन, धनुरासन, मर्कटासन, सुप्त वज्रासन और प्राणायाम में अनुलोम-विलोम प्राणायाम, शीतली प्राणायाम, शीतकारी प्राणायाम, चंद्रभेदी प्राणायाम आदि हैं| इनके करने से हमारा nervous system relax हो जाता है|

शिथिलासन: B.P. High हो या Low इस समस्या से राहत दिलाने में शिथिलासन रामबाण का काम करता है| लगभग 30 मिनिट तक दाईं तरफ शिथिलासन का नियमित अभ्यास करने से हाई ब्लडप्रेशर के दोष दूर करने में सहायता मिलती है| इसके साथ-साथ यह अनिद्रा (sleep-disorder) की समस्या को दूर करने में भी मदद करता है और तनाव, चिंता व थकान से भी मुक्ति दिलाता है|

धनुरासन:- पेट के बल किया जाने वाला धनुरासन एक ऐसा आसन है जिसका नियमित अभ्यास करने से उच्च रक्तचाप के दोष दूर होते हैं|

सुप्त वज्रासन: सुप्त वज्रासन का अभ्यास करने से शरीर में रक्त का संचार सुचारू रूप से होता है और High B.P. की समस्या में आराम मिलता है|

मर्कटासन: मर्कटासन भी एक ऐसा ही आसन है जिसका नियमित अभ्यास करने से उच्च रक्तचाप संतुलित होता है|

अनुलोम-विलोम प्राणायाम: अनुलोम-विलोम प्राणायाम एक ऐसा प्राणायाम है जो पूरे शरीर को प्रभावित करता है| इसके नियमित अभ्यास से High B.P. की समस्या से राहत मिलती है तथा सिर दर्द में आराम मिलता है|

शीतली प्राणायाम: शीतली प्राणायाम में शीतली का अर्थ है शीतलता| इस प्राणायाम का अभ्यास करने से शरीर व मन को शीतलता मिलती है| इस प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से उच्च रक्तचाप को control करने में मदद मिलती है इसलिए यह High B.P. के लोगों के लिए बहुत लाभकारी है| इसे करने से नींद अच्छी आती है|

चन्द्रभेदी प्राणायाम: चन्द्रभेदी प्राणायाम करने से चन्द्र नाड़ी प्रभाव में आती है जिससे यह प्राणायाम शरीर को ठंडक देता है| चन्द्रभेदी प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से उच्च रक्तचाप के रोग को ठीक करने में सहायता मिलती है|

शीतकारी प्राणायाम: शीतकारी प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से शरीर को शीतलता मिलती है मन शांत होता है तथा यह प्राणायाम करने से हाई ब्लडप्रेशर के दोष दूर करने में सहायता मिलती है|

High B.P. की दवाइयां हमेशा किसी क्वालिफाइड doctor की सलाह से लेनी चाहिएं, अपने आप से किसी दवा का प्रयोग नहीं करना चाहिए| क्योंकि कई बार इससे फायदा होने की बजाए नुकसान हो जाता है|

FAQs: हाई ब्लडप्रेशर से सम्बंधित सामान्य प्रश्न (General questions related to High B.P.)

 बी.पी. बढने का मुख्य कारण क्या है? (What is the main cause of high blood pressure?)

कुछ मुख्य कारण जिनकी वजह से बी.पी. बढ़ता है वे इस प्रकार हैं जैसे गुस्सा आना, तनाव व चिंता, बढ़ती आयु, less physical movement, अनुवांशिकता, अधिक वजन, डायबिटीज, कैफीन व नशीले पदार्थों का अधिक सेवन आदि|

हाई ब्लडप्रेशर को कम कैसे करें? (How can you prevent high blood pressure naturally?)

नमक का सेवन कम करें, तनाव कम लें, active रहें, पौष्टिक आहार लें व पानी खूब पीयें, जीवन शैली में सुधार करें, हररोज योग का अभ्यास करें, किसी प्रकार के नशे को आदत न बनने दें| इस प्रकार हाई ब्लडप्रेशर को कम करने में मदद मिलती है|

इस blog में उच्च रक्तचाप क्या है (What is High Blood Pressure), हाई ब्लडप्रेशर के लक्षण (Symptoms of High Blood Pressure), उच्च रक्तचाप के कारण (Causes High Blood Pressure) तथा उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के उपाय (How to control High Blood Pressure) के बारे में जाना|

हाइपरटेंशन (Hyper tension) से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|

Babita Gupta

M.A. (Psychology), B.Ed., M.A., M. Phil. (Education). मैंने शिक्षा के क्षेत्र में Assistant professor व सरकारी नशा मुक्ति केंद्र में Counsellor के रूप कार्य किया है। मैं अपने ज्ञान और अनुभव द्वारा blog के माध्यम से लोगों के जीवन को तनाव-मुक्त व खुशहाल बनाना चाहती हूँ।

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