शीतली प्राणायाम करने की विधि तथा फायदे (Sheetali Pranayama Steps and Benefits in Hindi)

मेरे इस blog में शीतली प्राणायाम क्या है? (What is Sheetali pranayama?) शीतली प्राणायाम के फायदे (Sheetali pranayama benefits), शीतली प्राणायाम कैसे करें (Sheetali pranayama steps) के बारे में बताया गया है|

आसनों के साथ-साथ प्राणायाम भी बहुत महत्वपूर्ण हैं| प्राणायाम द्वारा हम सांसों पर control करना सीखते हैं| योगासन व प्राणायाम करने से गम्भीर शारीरिक बीमारी ठीक होने के साथ-साथ मानसिक विकार जैसे तनाव, चिंता, अवसाद (Depression) आदि में भी आराम मिलता हैं| इनसे concentration बढ़ती है|

शीतली प्राणायाम किसे कहते हैं (What is Sheetali pranayama?)

शीतली प्राणायाम में शीतली का अर्थ है शीतलता| इस प्राणायाम का अभ्यास करने से शरीर व मन को शीतलता मिलती है| इसको गर्मियों में किया जाता है जिससे यह body के temperature को control करता है तथा मन को शांत रखता है| शीतलता देने के कारण ही इस प्राणायाम को शीतली प्राणायाम कहते हैं|
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शीतली प्राणायाम करने का तरीका/विधि (Sheetali Pranayama Steps)

Step 1: किसी भी एक आसन में सुविधाजनक बैठें| पद्मासन, सिद्धासन, स्वस्तिकासन या सुखासन|

Step 2: दोनों हाथों की ज्ञान मुद्रा बनाएं और घुटनों पर रखें|

Step 3: जीभ को किनारों से मोडकर एक पाइप की तरह बनाएं|

Step 4: अब इस पाइपनुमा जीभ से धीरे-धीरे श्वास अंदर भरें| पूरी श्वास भर जाने के बाद जीभ अंदर करें, मुंह को बंद करें तथा श्वास को अंदर रोककर रखें|

Step 5: जब श्वास रोकना संभव न हो तो धीरे-धीरे नासिका से श्वास को बाहर करें|

Step 6: यह एक आवृति हुई| इस प्रकार सामर्थ्य के अनुसार आवृतियाँ बढ़ाते रहें| फिर शांत बैठें|

शीतली प्राणायाम करने की सही विधि (Sheetali pranayama steps) की पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|

शीतली प्राणायाम करने के फायदे (Sheetali Pranayama benefits in Hindi)

रक्त शुद्ध में सहायक: इसका नियमित अभ्यास करने से रक्त शुद्ध होता है|

भूख व प्यास शांत: इस प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से भूख व प्यास शांत होती है|

पित्त की अधिकता शांत: इस प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से पित्त के कारण होने वाले रोग दूर होते हैं|

बदहजमी ठीक: इस प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से बदहजमी तथा अपच की समस्या से आराम मिलता है तथा पाचन ठीक रहता है|

Skin व Eyes के लिए:
इस प्राणायाम का नियमित अभ्यास Skin व Eyes को ठीक रखने के लिए बहुत लाभकारी है| इसको करने से मुंह के छाले तथा टॉन्सिल्स में भी आराम मिलता है|

रक्तचाप (High) पर control: इस प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से उच्च रक्तचाप को control करने में मदद मिलती है इसलिए यह High B.P. के लोगों के लिए बहुत लाभकारी है|

आलस्य व निद्रा: शीतली प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से आलस्य पर control रहता है तथा नींद अच्छी आती है|

तनाव व चिंता कम: शीतली प्राणायाम का नियमित अभ्यास तनाव व चिंता को कम करने में सहायक है|

किस को शीतली प्राणायाम नहीं करना चाहिए (Who should not do Sheetali pranayama)

शीतली प्राणायाम गर्मी के मौसम में शरीर के temperature को control करके शरीर को ठंडक देता है| इसलिए इसे सर्दी में नहीं करना चाहिए|

जिन्हें दमा व कफ की समस्या हो उनको यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए|

Low B.P. के मरीज को यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए|

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FAQ’s: शीतली प्राणायाम से सम्बंधित सामान्य प्रश्न (General questions related to Sheetali pranayama)

शीतली प्राणायाम कब करना चाहिए? (When to do Sheetali pranayam)?

प्रात:काल का समय योगाभ्यास करने के लिए सबसे उचित व उत्तम माना गया है| लेकिन शाम के समय भी आसनों व प्राणायाम को किया जा सकता है| बस ध्यान रहे कि खाना खाने के बाद तीन घंटे बीत चुके हों, तभी योगाभ्यास करें|

इसी प्रकार Sheetali pranayam भी सुबह या शाम के समय किया जा सकता है| अगर भूख या प्यास ज्यादा लगी हो तो उस समय भी शीतली प्राणायाम किया जा सकता है क्योंकि यह भूख व प्यास को शांत करता है|

शीतली प्राणायाम कितनी बार करना है? (How many times do Sheetali pranayama?)

प्रारम्भ में शीतली प्राणायाम की 5 से 10 आवृतियाँ की जा सकती हैं| एक आवृति करने में लगभग 25 से 35 सेकंड का समय लगता है| अपने सामर्थ्य के अनुसार आवृतियाँ करें व धीरे-धीरे इन्हें बढ़ाएं|

शीतली प्राणायाम कितनी देर करना चाहिए? (How long should i do Sheetali pranayama?)

अभ्यास हो जाने पर इस प्राणायाम को एक समय बैठकर लगभग 10 मिनट तक भी किया जा सकता है| लगातार बहुत अधिक समय तक यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए|

इस blog में शीतली प्राणायाम क्या है? (What is Sheetali pranayama?) शीतली प्राणायाम के फायदे (Sheetali pranayama benefits), शीतली प्राणायाम कैसे करें (Sheetali pranayama steps) के बारे में जाना|

शीतली प्राणायाम से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|

Babita Gupta

M.A. (Psychology), B.Ed., M.A., M. Phil. (Education). मैंने शिक्षा के क्षेत्र में Assistant professor व सरकारी नशा मुक्ति केंद्र में Counsellor के रूप कार्य किया है। मैं अपने ज्ञान और अनुभव द्वारा blog के माध्यम से लोगों के जीवन को तनाव-मुक्त व खुशहाल बनाना चाहती हूँ।

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