हर वर्ष मार्च से सितम्बर तक पूरा भारत गर्मी की समस्या से जूझता है| उत्तर भारत में इसका कहर ओर भी अधिक है| पारा हररोज नई ऊंचाई छू रहा है| धूप व लू की वजह से बहुत से लोग बीमार पड़ रहे हैं| बच्चे बड़े सभी इस बेलगाम गर्मी को झेलने के लिए मजबूर हैं| इस भीषण गर्मी के कारण दिन में घर से बाहर निकलना बहुत मुश्किल हो गया है|
ज्यादा गर्मी की वजह से हैजा, डायरिया (Diarrhea), dehydration, नाक से खून आना, बेहोश होना, जी मचलना, बेचैनी, त्वचा रोग आदि देखने को मिल रहे हैं| गर्मी में शरीर को शीतल व स्वस्थ रखना जरूरी है| क्योंकि शरीर ठीक रहेगा तभी हम अपना काम आसानी से कर पाएंगे| ऐसे कई तरीके हैं जो हमें गर्मी से बचा सकते हैं|
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गर्मी से बचाने वाले खाद्य व पेय पदार्थ (Garmi se bachane wale khady ttha pey padarth)
गर्मी के मौसम में हम जितना अपने शरीर को हाइड्रेट करेंगे, उतना ही हमारे शरीर के लिए अच्छा होगा और हम स्वस्थ रहेंगे| इसके लिए अपने आहार में ठंडक देने वाले पदार्थों का सेवन करें| इनके सेवन से शरीर को ठंडक भी मिलती है तथा पानी की पूर्ति भी होती है| जैसे
- बेल का शरबत :- बेल का शरबत बनाने के लिए बेल के गुद्दे को लगभग 2 घंटे पानी डालकर रखें| फिर इसे हाथ से mash कर लें| फिर इसे छानकर व मीठा मिलाकर या बगैर मीठा मिलाए भी रख लें| जब भी पीना हो तो इसमें पानी मिलाकर use करें|
- आम का पन्ना :- आम का पन्ना बनाने के लिए कच्चे आम को छीलकर थोड़ा पानी डालकर उबाल लें| फिर इसे ठंडा होने पर हाथ से mash कर लें| फिर इसे छानकर व मीठा मिलाकर रख लें| जब भी पीना हो तो इसमें पानी मिलाकर, नमक व भुना जीरा मिलाकर use करें|
- शिकंजवी:- शिकंजवी बनाने के लिए पानी में देसी खांड स्वादानुसार, काला नमक, काली मिर्च पाउडर व नींबू का रस मिलाएं| इसमें जलजीरा या पौदिने का रस भी मिलाया जा सकता है|
- जौं का सत्तू :- आजकल बाजार में जौं व चने का बना-बनाया सत्तू मिल जाता हैं| इसमें ठंडा पानी मिलाकर मीठा या नमकीन किसी भी प्रकार का सत्तू तैयार किया जा सकता है|
- गौंदकतीरा :- गौंद-कतीरा रात को पानी में भिगोकर रखें व इसका प्रयोग निम्नलिखित में करें – शिकंजवी, फलूदा-कुल्फी, प्लेन में रूहाफ्जा डालकर, या किसी भी शरबत में डालकर पिएं|
- खसखस :- खसखस का शरबत बनाने के लिए इसे रात में पानी में भिगो दें| सुबह इस को छानकर पानी को उबालने के लिए गैस पर रखें व आवश्यकतानुसार मीठा डालें| अच्छी तरह उबलने पर ठंडा करें व छान लें| इसे बोतल में भरकर फ्रिज में रखें व use करें|
- छाछ व लस्सी :- इन्हें दही से तैयार किया जाता है| गर्मियों में इन्हें पीना बहुत फायदेमंद है| ये बहुत स्वास्थ्यवर्धक हैं|
इनके अलावा अन्य पेय पदार्थ जिनको प्रयोग करके शीतलता प्राप्त होती है वे इस प्रकार हैं|
- गन्ने का रस
- जलजीरा,
- पौदिने का पानी,
- घिया का रस,
- नारियल पानी,
- फलों का जूस,
- ठंडाई
- विटामिन-C युक्त चीजें खाएं| जैसे आवंला, नींबू, संतरा, बेर, अंगूर, सेब आदि|
- प्याज का सेवन भी फायदेमंद है|
- खीरा, ककड़ी. नींबू आदि का सेवन करें|
- फलों में लीची, तरबूज, खरबूजा आदि का सेवन लाभदायक है|
ये पेय व खाद्य पदार्थ शरीर को ठंडक तथा energy देते हैं| डिहाइड्रेशन (dehydration) से बचाते हैं| रक्त को शुद्द करते हैं| शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं| ये पाचन के लिए बहुत अच्छे हैं|
गर्मी से बचाव के उपाय (Garmi se bachav ke upay) की पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|
गर्मी में ठंडक का अहसास कराने वाले योगासन (Garmi me thandak dene wale yogasan)
योगाभ्यास वातावरण में होने वाले परिवर्तन को देख कर किए जा सकते हैं| वैसे तो गर्मी का मौसम सभी को परेशान करता है| लेकिन कुछ लोग गर्मी में ज्यादा ही घबराहट व बैचेनी महसूस करते हैं| ऐसे लोगों को योगाभ्यास की ओर विशेष ध्यान देना होगा, जिनको करके गर्मी से राहत पाई जा सके| बहुत से योगासन व प्राणायाम ऐसे हैं जिनको करने से शरीर को शीतलता मिलती है, क्योंकि योगाभ्यास तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है| जैसे:
- जानुशिरासन (Janushirasana) :- जानुशिरासन करने से शरीर को ठंडक मिलती है| इस आसन को करते हुए जब हम आगे की ओर झुकते हैं तो सिर नीचे होने से रक्त का स्त्राव सिर की ओर होता है तो मस्तिष्क में रक्त की पूर्ति होती है| सिर दर्द, तनाव व चिंता से छुटकारा मिलता है| मन को शांति मिलती है जिससे ठंडकता का अहसास होता है|
- शशकासन (Shshkasana) :- इसे करने से समर्पण की भावना आती है तथा मन को शांति मिलती है| इसे करने से शरीर को ठंडक मिलती है| गर्मी कम लगती है| मांसपेशियों की थकान कम होती है| तनाव व चिंता से छुटकारा मिलता है| यह मस्तिष्क व आँखों के लिए बहुत अच्छा आसन है|
- भद्रासन व तितली आसन (Bhadrasana v Titli aasana) :- यह गर्मी में किए जाने वाले आसनों में बहुत अच्छे आसन हैं| इन्हें करने से पैरों की थकान तो दूर होती ही है, शरीर व मन भी शांत होता है| इससे शरीर को ठंडक का अहसास होता है|
- सुप्त वज्रासन (Supta Vajrasana) :- इस आसन के करने से गर्मी से निजाद मिलती है| High B.P. ठीक होता है| जंघा, पेट व कमर की चर्बी कम होती है| पैरों में दर्द, थकान तथा कमजोरी से छुटकारा पाने के लिए यह आसन लाभदायक है|
- भुजंगासन (Bhujangasana) :- भुजंगासन करने से मन शांत होता है| यह आसन तनाव प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण आसन है| फेफड़ों में सांस लेने की क्षमता बढ़ती है| इसे करने से पेट सम्बंधी दोष दूर होते हैं| यह महिलाओं के लिए लाभदायक है, इससे मासिक धर्म की अनियमितताएं दूर होती हैं|
- उष्ट्रासन (Ustrasana) :- इसे करने से शरीर को आराम मिलता है| ऑक्सीजन की अधिक मात्रा फेफड़ों में जाती है| शरीर को ठंडक मिलती है| इस आसन के करने से सर्वाइकल व slip-disk के दोष दूर होते हैं| सभी अंगों में रक्त का संचार होता है|
- सेतुबंधासन (Setubandhasana) :- यह आसन शरीर को relax करके आराम दिलाता है तथा चिंता व डिप्रेशन से निकलने में मदद करता है| इसे करने से कमर के निचले भाग की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं तथा पेट के अंगों में कसाव आता है| इसे करने से पाचन भी ठीक रहता है|
- विपरीत-करणी (Viprit Karni) :- इस आसन को करने से रक्त का प्रवाह मस्तिष्क की ओर जाता है जिससे मन को शांति मिलती है| इस आसन का नियमित अभ्यास करने से शरीर को ठंडक मिलती है तथा बैचेनी दूर होती है|
- शवासन (Shavasana) :- शवासन अपने आप में एक सम्पूर्ण आसन है| इसको करने से ताजगी का अहसास मिलता है| इसे करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है तथा शरीर की थकावट दूर होती है| यह ताजगी देने वाला आसन है|
गर्मी के दिनों में ऊपरलिखित आसनों का अभ्यास ही करना चाहिए क्योंकि ये शरीर को ठंडक देने वाले आसन हैं|
गर्मी में ठंडक देने वाले प्राणायाम (Garmi me thandak dene wale pranayam)
प्राणायाम शरीर व मन को शांत करने में मदद करते हैं| कुछ ऐसे प्राणायाम हैं जो मानसिक विकार दूर करने और शारीरिक थकान मिटाने के साथ साथ शरीर को ठंडक भी देते हैं| जब बहुत अधिक गर्मी महसूस हो, बैचेनी होने लगे तो शरीर को ठंडक देने वाले प्राणायाम करने चाहिए| कुछ ऐसे प्राणायाम हैं जिन्हें करने से शरीर को ठंडक मिलती और बैचेनी व घबराहट दूर हो जाती है| जैसे:
- चंद्रभेदी प्राणायाम (Chander Bhedi pranayama) :- इस प्राणायाम में चंद्र शब्द चन्द्रमा से लिया गया है| यह शरीर को चन्द्रमा के समान शीतलता देता है| इस प्राणायाम के करने से तंत्रिका तन्त्र सक्रिय होता है| नाड़ियों में ठंडक का संचार होता है| इसे करने से पित शांत होती है| High B.P. के रोगी के लिए बहुत लाभदायक है| इसे करने से मन शांत होता है|
- शीतकारी प्राणायाम (Sheetkari pranayama) :- शीतकारी प्राणायाम गर्मियों में किया जाने वाला बहुत ही महत्वपूर्ण प्राणायाम है| यह शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है| इसे करने से पहले मुंह ठंडा होता है, फिर ठंडक पुरे शरीर में पहुंचती है| इससे मानसिक शांति मिलती है| यह प्यास को बुझाता है तथा भूख को शांत करता है|
- शीतली प्राणायाम (Sheetali pranayama) :- शीतली प्राणायाम में शीतली का अर्थ है शीतलता| शीतली प्राणायाम शरीर व मन को शीतल करने में सहायक है| इसको गर्मियों में किया जाता है जिससे यह body के temperature को control करता है तथा मन को शांत रखता है| इसे करने से रक्त शुद्ध होता है| भूख व प्यास शांत होती है| पित्त के कारण होने वाले रोग दूर होते हैं| यदि कभी प्यास अधिक लगी हो और पानी उपलब्ध ना हो तो शीतली प्राणायाम करके कुछ समय के लिए प्यास को शांत किया जा सकता है|
- भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari pranayama) :- शरीर को ठंडा रखने व मन को शांत रखने में भ्रामरी प्राणायाम बहुत लाभकारी हैं| भंवरे जैसी आवाज का प्रतिध्वनि का पॉजिटिव (positive) प्रभाव मस्तिष्क (Brain) व तंत्रिकातंत्र (Nervous system) पर पड़ता है| यह एक महत्वपूर्ण प्राणायाम है जिससे मानसिक शांति मिलती है| यह सिर दर्द, अनिद्रा, तनाव, चिंता, क्रोध आदि विकारों को दूर करने में लाभकारी है|
गर्मी के मौसम में ध्यान रखने योग्य बातें (Things that keep in mind during summer)
इन ऊपरलिखित गर्मी कम करने वाले उपायों के साथ-साथ हमें कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है| जैसे:
- तले हुए पदार्थों का सेवन कम करें|
- मसालेदार आहार कम खाएं|
- एक बार में अधिक भोजन न करें|
- चाय-कॉफ़ी का सेवन कम करें|
- बार-बार पानी पिएं|
- जब तक जरूरी न हो तेज धूप में न जाएं, क्योंकि गर्मी से बचने का उपाय ही धूप से बचाव है|
- धूप में जाते हुए सिर को कपड़े, टोपी या छाते से ढकें|
- सूती व ढीले कपड़े पहने|
- इन उपायों को अपनाकर हम अपने आप को भयंकर गर्मी से बचा सकते हैं|