भुजंगासन विधि और लाभ तथा सावधानियां (Bhujangasana benefits and procedure in Hindi)

इस blog में भुजंगासन क्या है (What is Bhujangasana)?, भुजंगासन कैसे करते हैं? (Bhujangasana steps) और भुजंगासन के लाभ (Bhujangasana benefits) के बारे में बताया गया है|

महिलाओं के लिए बहुत फायदे वाला, रीढ़ को व मजबूत पीठ को लचीला व मजबूत करने वाला, पेट की चर्बी कम करके मोटापा घटाने वाला, तनाव व डिप्रेशन जैसी मानसिक परेशानी दूर करने वाला भुजंगासन बहुत महत्वपूर्ण आसन है|

योगाभ्यास का शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, आध्यात्मिक व सामाजिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है| योगाभ्यास को धैर्य व एकाग्रता के साथ करने से उसका लाभ ओर अधिक मिलता है| यह शरीर को स्वस्थ व लचीला बनाने के साथ-साथ आलस्य व तनाव को भी दूर करता है| योगाभ्यास करते समय यदि अपना पूरा ध्यान उन अंगों पर रखें जो उस योग से सम्बंधित हैं तो योग का लाभ ओर अधिक मिलता है|

भुजंगासन क्या है (What is Bhujangasana/Cobra pose)?

पेट के बल लेटकर किये जाने वाले आसनों में भुजंगासन एक सरल व बहुत महत्वपूर्ण आसन है| भुजंगासन दो शब्दों के मेल से बना है भुजंग + आसन | यहाँ भुजंग का अर्थ सांप या सर्प है तथा आसन का अर्थ है आकृति या मुद्रा| आसन करते समय जब हम पूर्णता की स्थिति में आते हैं तो शरीर की आकृति सर्प के फन के समान दिखाई देती है इसलिए इसे भुजंगासन कहते हैं| भुजंगासन को Cobra pose भी कहते हैं| भुजंगासन, सर्पासन का ही एक अन्य रूप है|

भुजंगासन की विधि (Bhujangasana steps in Hindi)

यहाँ हम भुजंगासन दो विधियों से करेंगे| भुजंगासन की विधि step by step इस प्रकार है:

भुजंगासन की विधि

विधि 1:

सबसे पहले मकरासन में लेटें|

Step 1: अब अपने दोनों पैरों के एड़ी-पंजे मिलाएं व पंजे बाहर की ओर ताने|

Step 2: माथा आसन पर लगाएं|

Step 3:
दोनों हाथों को मोड़कर हथेलियों को ठोड़ी के पास दाएं–बाएं रखें तथा कोहनियां शरीर के साथ व पृथ्वी पर लगी हों|

Step 4: श्वास भरते हुए धीरे-धीरे धड़ को ऊपर उठायें| नाभि तक का भाग ऊपर उठे तथा पूरा भार पेट पर रहे|

Step 5: कोहनियां केवल थोड़ी सी ऊपर उठाएं| अब आकाश की ओर देखें|

Step 6: यह पूर्णता की स्थिति है, अब सामान्य श्वास लेते रहें|

Step 7: श्वास छोड़ते हुए धीरे-धीरे वापिस आएं व मकरासन में विश्राम करें|

विधि 2:

Step 1: पहले मकरासन में पेट के बल लेटें|

Step 2: अपने दोनों पैरों के एड़ी-पंजे मिलाएं व पंजे बाहर की ओर ताने|

Step 3: माथा आसन पर लगाएं|

Step 4: हथेलियों को कंधों के नीचे रखें तथा कोहनियां आकाश की ओर ऊपर उठी हुई या खड़ी हुई हों|

Step 5: श्वास भरते हुए धीरे-धीरे शरीर के धड़ के (chest) भाग से ऊपर उठें|

Step 6: सिर को इतना पीछे की ओर लेकर जाएं कि नाभि तक का भाग ऊपर उठे|

Step 7: यह पूर्णता की स्थिति है| यहाँ कुछ क्षण रुकें व सामान्य श्वास लेते रहें|

Step 8: फिर धीरे-धीरे श्वास बाहर निकालते हुए वापिस आयें|

Step 9: अब मकरासन में विश्राम करें|

भुजंगासन (Bhujangasana) करने की सही विधि व इसकी पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|

भुजंगासन के फायदे (Bhujangasana benefits in Hindi)

भुजंगासन का अभ्यास करने से बहुत लाभ प्राप्त होते हैं जो निम्न प्रकार हैं:

मस्तिष्क प्रभावित होता है: भुजंगासन करते समय मस्तिष्क में स्थित Medulla-Oblongata (Hindmost part of the Brain) प्रभावित होता है| इसके प्रभावित होने से सम्पूर्ण शरीर में मस्तिष्क द्वारा भेजे गए सन्देश सुचारू रूप से पहुंचते है|

तनाव (Stress) कम होता है: यह आसन तनाव प्रबंधन के लिए अच्छा माना गया है| इस आसन के नियमित अभ्यास से तनाव कम करने में सहायता मिलती है|

फेफडों के लिए लाभदायक: फेफडों में श्वास लेने की क्षमता बढ़ती है तथा श्वास सम्बन्धी दोष दूर होते हैं|

पीठ दर्द में आराम मिलता है: भुजंगासन करते समय हम कमर के भाग से पीछे की तरफ उठते हैं जिस से हमारी कमर पीछे की ओर झुकती है| इस प्रकार हमारी कमर दर्द में आराम मिलता है|

रीढ़ लचीली बनती है: रीढ़ की जोड़ व गोटियाँ प्रभाव में आती हैं जिससे रीढ़ लचीली व मजबूत बनती है| रीढ़ के दोष दूर होते हैं जैसे सर्वाइकल, कमर दर्द आदि|

Hips तथा पैरों की नसें व मांसपेशियां प्रभावित होने से इनके दोष दूर होते हैं|

पेट की चर्बी कम होती है: इस आसन को करने से पेडू के सभी अंगों की मसाज होती है तथा पेट की अतिरिक्त वसा कम करके मोटापा घटाने में यह आसन सहायक है|

कब्ज से राहत: इस आसन का नियमित अभ्यास करने से कब्ज की समस्या से राहत मिलती है|

स्त्रियों के लिए बहुत अच्छा आसन है: इस आसन के करने से स्त्रियों में मासिक धर्म सम्बन्धी परेशानियाँ दूर होती हैं जैसे अनियमित मासिक धर्म की समस्या, PCOD आदि|

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भुजंगासन किन-किन के लिए वर्जित है (For whom Bhujangasana prohibited)?

किन-किन को यह आसन नहीं करना चाहिए|

  • जिन्हें हर्निया की problem हो और जिनके पेट की सर्जरी हुई हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
  • जिन्हें रीढ़ या कमर में अधिक दर्द हो उन्हें भी यह आसन नहीं करना चाहिए|
  • जिन्हें सिर दर्द अधिक हो या जिनको high बी.पी. की समस्या अधिक हो उन्हें भी यह आसन नहीं करना चाहिए|

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FAQ’s: भुजंगासन से सम्बंधित सामान्य प्रश्न (General questions related to Bhujangasana)|

क्या भुजंगासन पेट की चर्बी कम करने के लिए अच्छा है? (Does Bhujangasana reduce belly fat?)

हाँ, भुजंगासन एक ऐसा आसन है जिसे करते समय हम कमर के निचले भाग से पीछे की ओर झुकते हैं जिससे पेट के अंगों पर खिंचाव आता है| इसलिए यह आसन पेट की चर्बी (belly fat) कम करने में सहायक है|

भुजंगासन कितनी मिनट करना चाहिए? (How long should we do Bhujangasana)?

भुजंगासन एक ऐसा आसन है जिसे करते समय कमर के निचले भाग से पीछे की ओर मुदा जाता है| इसका अभ्यास करते हुए शुरू में पूर्णता की स्थिति में 1 से 3 मिनट तक रुकने का अभ्यास करें| पूरी practice हो जाने पर अपनी क्षमता के अनुसार 10 मिनट तक रुका जा सकता है|

इस blog में भुजंगासन क्या है (What is Bhujangasana)?, भुजंगासन कैसे करते हैं? (How to do Bhujangasana?) और भुजंगासन के लाभ (Bhujangasana benefits) के बारे में जाना|

भुजंगासन से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|

Babita Gupta

M.A. (Psychology), B.Ed., M.A., M. Phil. (Education). मैंने शिक्षा के क्षेत्र में Assistant professor व सरकारी नशा मुक्ति केंद्र में Counsellor के रूप कार्य किया है। मैं अपने ज्ञान और अनुभव द्वारा blog के माध्यम से लोगों के जीवन को तनाव-मुक्त व खुशहाल बनाना चाहती हूँ।

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