Cervical pain Symptoms and prevention (सर्वाइकल पेन के लक्षण व बचने के उपाय)

इस blog में सर्वाइकल क्या है (What is Cervical)?, सर्वाइकल पैन के लक्षण हैं? (Symptoms of Cervical pain) और सर्वाइकल पैन को दूर करने के उपाय (Prevention of Cervical pain) के बारे में जानेगे|

अस्वस्थ शरीर से हम न अपना काम कर सकते हैं और न ही परिवार का, इसलिए शरीर का स्वस्थ होना अति आवश्यक है| आसनों का उपयोग शरीर को स्वस्थ रखने व रोगों को दूर करने के लिए किया जा सकता है| विभिन्न आसनों का प्रभाव शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों पर पड़ता है| कुछ आसन कमर दर्द में आराम दिलाते हैं, तो कुछ घुटनों में| कुछ आसन तनाव को कम करते हैं तो कुछ पेट की समस्या को दूर करते हैं| यहाँ हम सर्वाइकल पेन को दूर करने वाले आसनों के बारे में जानेगें|

सर्वाइकल क्या होता है? (What is cervical in Hindi?)

हमारी रीढ़ का ऊपरी भाग सर्वाइकल कहलाता है| यहां पर 7 गोटियाँ कंधों से मस्तिष्क तक स्थित हैं| गर्दन के हिस्से वाली इस रीढ़ में समस्या होने से सर्वाइकल पैन हो जाती है|

आजकल काफी लोग कंधे व गर्दन के दर्द से परेशान हैं जिसे सर्वाइकल पेन कहा जाता है| इसमें बच्चों की संख्या सब से अधिक है| इस का मुख्य कारण शारीरिक गतिविधियों (movement) का कम होना तथा मानसिक काम का बढ़ना माना जा सकता है| बच्चे हों या बड़े आजकल सभी को computer, लैपटॉप या mobile पर काम करना पड़ता है जिसके कारण उन की गर्दन झुकी रहती है| तथा गर्दन ज्यादा झुकने से सिर का अधिक भार गर्दन को सहन करना पड़ता है जिससे नसें कमजोर हो जाती है और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस या सर्वाइकल पेन की समस्या उत्पन्न हो जाती है| कभी-कभी यह समस्या एक ही posture में अधिक समय तक बैठने या लेटने से भी उत्पन्न हो जाती है|

Symptoms and prevention of Cervical pain

सर्वाइकल के लक्षण (Symptoms of Cervical pain in Hindi)

इसमें गर्दन में दर्द, कंधों में दर्द, चक्कर आना, सिर दर्द तथा कंधों व गर्दन में stiffness आना आदि शामिल हैं|

सर्वाइकल पैन से बचने के उपाय ( Prevention of Cervical pain)

इस समस्या से बचने के लिए बहुत सी बातों का ध्यान रखना जरूरी है|

1. Mobile, computer व laptop पर काम करते हुए अपने level पर रख कर काम करें, जिससे गर्दन पर कम भार पड़े| कुछ समय बाद (जैसा संभव हो) थोड़ी movement, या हल्की एक्सरसाइज की जा सकती है| हाथों को ऊपर की ओर खींचा जा सकता है या गर्दन को पीछे व side में किया जा सकता है|

2. पौष्टिक व संतुलित आहार (Balanced diet) लें जिससे शरीर में ताकत बनी रहे और हमारी रीढ़ व गर्दन मजबूत रहे| जिन में कैल्शियम ज्यादा हो उन खाद्य पदार्थों का सेवन करें जैसे दूध आदि| ओमेगा-3 फैटी एसिड्स व विटामिन–बी युक्त आहार लें| अजवायन, लहसुन, लौंग, अदरक, हल्दी का सेवन करना चाहिए| लस्सी, दही, अरवी आदि का सेवन नहीं करना चाहिए|

3. नियमित योगाभ्यास करें जिससे शरीर चुस्त, लचीला व strong बना रहे और हमें किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो|

सर्वाइकल पेन एक्सरसाइज (Cervical pain Exercises)

छोटो-छोटी एक्सरसाइज करके सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस (Cervical-spondylitis) की समस्या से राहत पा सकते हैं|

1. गर्दन को आगे व पीछे झुकाना| Cervical की समस्या होने पर इस एक्सरसाइज को करते हुए गर्दन को केवल पीछे झुकाना है आगे नहीं|

2. गर्दन को दाएं व बाएं झुकाना| इस में कान को कंधे तक लगाने की कोशिश करें| जबरदस्ती बिलकुल न करें|

3. गर्दन को दाएं व बाएं घुमाना| इसे करते हुए गर्दन को घुमाते हुए ठोड़ी को कंधे की तरफ लाना है|

4. गर्दन को गोल घुमाना| गर्दन को दाएं कंधे से पीछे की ओर ले जाते हुए बाएं कंधे की तरफ व बाएं से दाएं तरफ घुमाएं| गर्दन को आगे नहीं झुकाना|

5. कंधों को एक साथ व बारी –बारी से आगे पीछे घुमाना|

6. कंधों की एक्सरसाइज हाथों को घुमा कर भी की जा सकती है|

7. कंधों की एक्सरसाइज के लिए अपने उंगलियों को मिला कर कंधों पर रखें, फिर कोहनियां मिलाएं व कोहनियों को ऊपर की ओर करते हुए side से वापिस ला कर मिलाएं| इसी प्रकार विपरीत दिशा में करें|

एक्सरसाइज व योगासन इस link पर भी देख सकते हैं:

इनका नियमित अभ्यास करने से धीरे-धीरे हमारी सर्वाइकल व गर्दन की मांसपेशियां मजबूत बन जाएंगी तथा हमें कोई समस्या नहीं आएगी|

सर्वाइकल पेन दूर करने वाले योगासन (Yogasanas to remove cervical pain)

इन एक्सरसाइज के साथ-साथ कुछ विशेष योगासनों का अभ्यास भी Cervical-pain से राहत दिलाने में सहायक है|

वैसे तो सभी योगासनों का अभ्यास हररोज लगभग एक घंटा करना चाहिए जिससे शरीर स्वस्थ व निरोग बना रहे| परन्तु यदि हमारे पास समय कम है तो थोड़ा warmup करने के बाद सिर्फ cervical की समस्या को ठीक करने के लिए कुछ योगाभ्यास किये जा सकता हैं जो की नीचे दिए गए हैं|

ताड़ासन (Tadasana): ताड़ासन का अभ्यास करने से शरीर सुदृढ़ बनता है| रीढ़ सम्बन्धी नाड़ियों में रक्त का संचार ठीक प्रकार से होता है| ताड़ासन करते हुए जब हम दोनों हाथों को ऊपर की ओर खींचते हैं तो गर्दन व कंधों में खिंचाव आने से सर्वाइकल के दोष दूर होते हैं|

मकरासन (Makarsana) भाग- 2: मकरासन का अभ्यास करते हुए पेट के बल लेटें| एड़ी व पंजे मिलाएं| अपने दोनों हाथों को ठोड़ी के नीचे रखें| अब धीरे-धीरे कोहनियों को इतना आगे की ओर सरकायें जिससे कंधों पर हल्का खिंचाव महसूस हो| जबरदस्ती न करें| सामर्थ्य के अनुसार ही कोहनियों को आगे बढ़ाएं| कुछ क्षण रुकने के बाद अपने हाथ के ऊपर हाथ रखें व उन पर माथा रखें| पैरों में फासला करें| पंजे बाहर की ओर रखें| मकरासन भाग-1 में विश्राम करें| इस प्रकार मकरासन का अभ्यास करने से हमारी गर्दन व कंधे प्रभावित होते हैं तथा सर्वाइकल पेन से राहत मिलती है|

भुजंगासन (Bhujangasana) भाग – 2: इस आसन के करने से रीढ़ लचीली बनती है| जब हम गर्दन के भाग से पीछे की ओर मुड़ते हैं तो रीढ़ की उपरी 7 गोटियाँ प्रभावित होने से सर्वाइकल के दर्द में आराम मिलता है|

गौमुखासन (Gomukhasana): गौमुखासन का नियमित अभ्यास करने से हाथ व नसें की कमजोरी दूर होती है| इस आसन के करने से कंधें, गर्दन व हाथ की मांसपेशियां प्रभावित होती है जिससे सर्वाइकल के दर्द से राहत मिलती है|

अर्धचक्रासन (Ardhachkrasana): इस आसन के करने से रीढ़ लचीली बनती है तथा रीढ़ से सम्बंधित नाडियां मजबूत बनती हैं| गर्दन की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं| सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की दर्द में आराम मिलता है| यदि किसी को चक्कर आते हों या High B.P. की समस्या हो तो यह आसन नहीं करना चाहिए|

उत्तान मंडूकासन (Uttan mandukasana) :- उत्तान मंडूकासन का नियमित अभ्यास करने से पीठ-दर्द में आराम मिलता है| इस आसन के करने से गर्दन व कंधों का दर्द को दूर करने में मदद मिलती है, जिससे सर्वाइकल की समस्या ठीक होती है|

FAQ’s: सर्वाइकल से सम्बंधित सामान्य प्रश्न (General questions related to Cervical)|

सर्वाइकल की शुरुआत कैसे होती है? (How does Cervical problem start?)

सर्वाइकल पैन की शुरुआत उस समय होती है जब हम अधिक देर तक एक ही posture में गर्दन झुकाकर काम करते रहते हैं| जैसे computer, mobile आदि पर काम करते समय गर्दन व कंधों में दर्द या अकडन होना आदि|

सर्वाइकल में क्या दिक्कत आती है? (What are the problems in cervical pain?)

सर्वाइकल की समस्या होने पर शुरू में गर्दन में दर्द होना या कंधों में दर्द होने की समस्या आती है| गर्दन को हिलाने में pain महसूस होती है| कुछ समय तक समस्या ज्यों की त्यों बनी रहे तो गर्दन व कंधों में अकडन की दिक्कत आनी शुरू हो जाती है| समस्या अधिक बढने पर यह दर्द पीठ की ओर बढने की संभावना बढ़ जाती है|

इस blog में सर्वाइकल क्या है (What is Cervical)?, सर्वाइकल पैन के लक्षण हैं? (Symptoms of Cervical pain) और सर्वाइकल पैन दूर करने वाले के उपाय (Prevention of Cervical pain) के बारे में जाना|

सर्वाइकल पैन से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|

Babita Gupta

M.A. (Psychology), B.Ed., M.A., M. Phil. (Education). मैंने शिक्षा के क्षेत्र में Assistant professor व सरकारी नशा मुक्ति केंद्र में Counsellor के रूप कार्य किया है। मैं अपने ज्ञान और अनुभव द्वारा blog के माध्यम से लोगों के जीवन को तनाव-मुक्त व खुशहाल बनाना चाहती हूँ।

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