स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है| शरीर को स्वस्थ रखने तथा मांसपेशियों को विकसित करने के उद्देश्य से योगासन बहुत ही महत्वपूर्ण माने गए हैं| इनमें से ताड़ासन खड़े हो कर करने वाले सभी आसनों का आधार है| इस आसन में दोनों पैरों की एड़ी व उँगलियों पर समान रूप से भार पड़ता है इससे शरीर में हल्कापन महसूस होता है और आसन करने वाले को थकावट भी नहीं होती|
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ताड़ासन क्या है (What is Tadasana)?
ताड़ासन को पर्वतासन भी कहते हैं| इसे ताड़ासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस आसन के करने से शरीर ताड़ (खजूर) के पेड़ की तरह लम्बा व सीधा हो जाता है | इस आसन को पर्वतासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस आसन में शरीर पर्वत (पहाड़) की तरह सीधा, स्थिर व शांत होता है|
ताड़ासन करने का तरीका (Technique of Tadasana)
ताड़ासन करने की सही विधि आप video द्वारा मेरे इस youtube link पर देख सकते हैं|
ताड़ासन के अभ्यास करने का तरीका बहुत ही सरल है| ये आसन सभी के लिए महत्वपूर्ण है| नियमित व सही तरीके से अभ्यास कर के हम इससे ज्यादा लाभ ले सकते हैं|
ताड़ासन करने के लिए आसन पर सीधे खड़े हो जाएँ| एड़ी व पंजे मिला लें| दोनों हाथ शरीर के साथ सटे हुए रखें| सीना आगे की ओर तान कर रखें| श्वास भरते हुए तथा हथेलियों का रुख आकाश की ओर करते हुए अपने दोनों हाथों को सिर से ऊपर ले जाएँ व चोटी पर रखें|
अब उँगलियाँ आपस में फंसाएं (interlock करें) व हथेलियों का रुख आकाश की ओर करते हुए रखें| अपनी कोहनियों को पीछे की ओर खींच कर रखें| अब श्वास भरते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर तान दें| दोनों भुजाएं कान के साथ मिली रहेंगी| श्वास सामान्य लेते रहें| अब श्वास भरते हुए एडियों को भी ऊपर हवा में उठा दें| शरीर का पूरा वजन पंजों पर रहे |
अपनी दृष्टि को एक जगह पर टिका लें जिससे शरीर का balance बनाने में सुविधा हो| अब सामान्य श्वास लेते रहें| शुरू में कुछ सेकंड रुकने का प्रयास करें| धीरे-धीरे आसन की समय-अवधि को 1 मिनट से 3 मिनट तक बढ़ाएं| अब श्वास छोड़ते हुए वापिस आयें|
पहले एडियों को आसन पर रखें| फिर हथेलियों का रुख आसन की ओर करते हुए अपने हाथों को धीरे-धीरे वापिस लायें व शरीर के साथ लगायें| अब विश्राम की स्थिति में आ जाएँ| लम्बे गहरे श्वास लें श्वास सामान्य हो जायेंगे|
ताड़ासन के लाभ (Benefits of Tadasana)
हररोज ताड़ासन का अभ्यास करने से शारीरिक ही नहीं मानसिक स्वास्थ्य में भी लाभ मिलता है|
- हड्डियाँ की मजबूती: इस आसन के करने से शरीर की 206 हड्डियों में खिंचाव आता है| हड्डियों के जोड़ प्रभावित होते हैं| शरीर का कड़ापन दूर होता है| हड्डियों में लचीलापन (flexibility) आता है जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं|
- चुस्त शरीर: इस आसन के करने से शरीर में चुस्ती आती है सुस्ती दूर भागती है| थकान दूर होती है तथा आगे के आसन करने में आसानी होती है|
- उम्र की सीमा नहीं: इस आसन को करने के लिए उम्र का कोई ध्यान नहीं रखना पड़ता| कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जो भी इस आसन को करना चाहे वह इसे कर सकता है|
- शरीर में खिंचाव: इस आसन के करने से शरीर लचीला बनता है| शरीर में खिंचाव आता है| शरीर ताड के पेड़ की तरह सीधा रहता है|
- रीढ़ सीधी: यह आसन रीढ़ को सीधा रखने में लाभकारी आसन है| इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी में झुकाव नहीं आता तथा बुढ़ापे में भी शरीर तना रहता है|
- बलिष्ठ शरीर: इस आसन के करने से मांसपेशियों में खिंचाव आता है| जिससे शरीर बलिष्ठ व सुदृढ़ बनता है|
- सुदृढ़ फेफड़े: इस आसन के करने से फेफड़ों में फैलाव व संकुचन ज्यादा होता है| फेफड़ों में श्वास लेने की क्षमता बढ़ती है| जब श्वास भरते हैं तो फेफड़े फैलते हैं और उनमे ऑक्सीजन की मात्रा ज्यादा आती है व जब हम श्वास छोड़ते हैं तो ज्यादा मात्रा में कार्बनडाईऑक्साइड शरीर से बाहर निकलती है| बार-बार ये प्रक्रिया दोहराने से फेफड़े सुदृढ़ बनते हैं|
- कद में वृद्धि: इस आसन के करने से शरीर में खिंचाव आता है| इस आसन को नियमित करने से शरीर तना रहता है जिससे बच्चों के कद में वृद्धि होती है|
- सर्वाइकल के दोष दूर: जब हाथों को सिर के ऊपर रखते हैं तथा कोहनियों को पीछे की ओर खींचते हैं तो पूरा सर्वाइकल प्रभाव में आता है और जब हाथों को ऊपर आकाश की ओर खींचा जाता है तो भी सर्वाइकल पर प्रभाव पड़ता है| इसलिए नियमित यह आसन करने से सर्वाइकल के दोष दूर होते हैं|
- पैरों की मांसपेशियां मजबूत: ताड़ासन करने से पैरों की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं|
- पिंडलियों के दोष दूर: ताड़ासन करने से पैरों व पंजों में पूरा खिंचाव आता है जिससे नियमित आसन करते रहने से पिंडलियों के दोष दूर हो जाते हैं|
- शांत मन आसन करते समय पूरा ध्यान श्वासों व शरीर पर होता है किसी भी प्रकार के विचार मन में नहीं आते इसलिए मन शांत होता है|
ताड़ासन किन-किन के लिए वर्जित है (For whom Tadasana prohibited?)
ताड़ासन निम्नलिखित बिमारियों से ग्रसित लोगों को नहीं करना चाहिए|
- जिनको ह्रदय सम्बन्धी समस्या हो उन्हें ये आसन नहीं करना चाहिए|
- बी.पी. सम्बन्धी समस्या ज्यादा हो तो उस समय इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए|
Very nice Babita mam 👌👌
आप ऐसे ही हमे प्रेरित करते रहे
Thank you so much
Well done work Babita ji.
This is very useful for all generations.
Thanku so much for motivate us.
Thank you for appreciation
Thanks for doing the right posture in this difficult time.
Thank you so much
Very nicely explained.Thank you
Thank you so much.
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