आजकल हम देखते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति स्ट्रेस में दिखाई देता है जैसे किसी ने उसकी खुशियां छीन ली हों| क्या है ये स्ट्रेस?, क्यों है?, कैसे हुआ?, कहाँ से आया? ये जानना जरूरी है| बच्चों से लेकर बूढों तक कोई भी इससे अछूता नहीं है| सभी स्ट्रेस/तनाव से ग्रस्त हैं|

स्ट्रेस/तनाव से घबराने की आवश्यकता नहीं है| यह एक सामान्य प्रक्रिया है| जिस प्रकार बुखार किसी बीमारी का आरंभिक लक्ष्ण है, उसी प्रकार तनाव/ स्ट्रेस किसी समस्या के समाधान करने के लिए उत्पन्न होने वाला आरंभिक लक्ष्ण है| स्ट्रेस को इस प्रकार समझें – स्ट्रेस एक प्रकार का दबाव (pressure) है, जोकि किसी काम के आने के साथ ही आ जाता है|
स्ट्रेस बढने से पूर्व ही समाधान करने से तनाव खत्म होने में सहायता मिलती है| हमें तनाव की जड़ तक जाकर इसे समझना होगा| इसके कारण व लक्ष्णों को जानना होगा| तभी हम इस का समाधान कर सकते हैं|
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स्ट्रेस/तनाव क्या है हिंदी में (What is stress in Hindi)
कुछ स्ट्रेस positive होते हैं| ये स्ट्रेस उस समय उत्पन्न होता है जब हम किसी परिस्थिति में समायोजन (adjustment) करते हैं| यह एक सामान्य तरीका है, जोकि खुशी या गम हर परिस्थिति में किया जाता है| Job में permotion होने पर भी स्ट्रेस/तनाव होता है परंतु यह positive स्ट्रेस होता है| यह कम समय के लिए होता है| Brain को सही condition में रखने के लिए कुछ मात्रा में स्ट्रेस का होना भी आवश्यक है|
स्ट्रेस अगर नेगेटिव हो व ज्यादा समय तक रहे तो वो हमें मुश्किल में डाल देता है| यह तनाव व्यक्ति को तब होता है जब उसपर काम का बोझ ज्यादा होता है और वह दबा हुआ महसूस करता है| स्ट्रेस का हम पर शरीरिक व मानसिक प्रभाव पड़ता है| नेगेटिव स्ट्रेस हम उस समय महसूस करते हैं जब हमें एक के बाद एक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है| ये तनाव हमारी प्रगति में बाधा डालते हैं| इन का हमारे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है|
स्ट्रेस/तनाव कहाँ है (Where is stress)
- बच्चों को पढाई का तनाव|
- parents को बच्चों के एडमिशन के लिए तनाव|
- किशोरों को कॉम्पीटिशन का तनाव|
- युवाओं को नौकरी न मिले तो तनाव, मिल गई है तो काम करने में तनाव|
- वेतन कम है तो तनाव|
- शादी नही हुईं है तो तनाव| शादी के बाद परिवार की जिम्मेदारी का तनाव|
- घर परिवार में सामंजस्य न हो तो तनाव|
- बढ़ती उम्र में लोगों को अकेलेपन का तनाव|
स्ट्रेस/तनाव के लक्ष्ण (Symptoms of stress)
हम लोग तनाव का शिकार हो जाते हैं और हमे पता भी नहीँ चलता| धीरे धीरे ये बीमारी का रूप ले लेता है और व्यक्ति depression की ओर बढ़ने लगता है| स्ट्रेस के लक्ष्ण निम्नलिखित हैं :
- अलग अलग व्यक्ति में तनाव के लक्ष्ण अलग अलग होते है|
- तनाव होने पर व्यक्ति को ध्यान लगाने में परेशानी होती है|
- उसकी frustation बढ़ने लगती है|
- गुस्सा आने लगता है|
- उसे सिर में दर्द रहने लगता है|
- शरीर में दर्द होने लगता है|
- किसी अंग में दर्द न होने पर भी दर्द को महसूस करने लगता है|
- उसे ठीक से नींद नहीं आती|
- आत्मविश्वास कम होने लगता है|
- वह चिडचिडापन महसूस करने लगता है|
- तनाव अधिक बढ़ने पर वह depression का रूप ले लेता है|
स्ट्रेस/तनाव को दूर करने के तरीके (Methods of stress release)
स्ट्रेस होने पर व्यक्ति को सरल से सरल काम करने में भी कठिनाई होती है| सुख व शांतिपूर्वक जीवनयापन करने के लिए व्यक्ति को तनावमुक्त होना आवश्यक है| प्रत्येक व्यक्ति में स्ट्रेस को दूर करने की क्षमता होती है| मानव एक बुद्धिमान प्राणी है| वह अपनी बुद्धि के बल पर अपनी तनाव भरी ज़िन्दगी को बेहतर बना सकता है, बस थोड़ी कोशिश करने की जरूरत है| कुछ तरीके अपना कर स्ट्रेस को दूर किया जा सकता है|
- अपनी दिनचर्या का आंकलन करें|
- शांत दिमाग से सोचें कि किन तरीकों से आप अपने तनाव को कम कर सकते हैं|
- अपने जीवन की कमजोरी या नकारात्मक पहलू को जीवन से अलग करें, उसके बारे में न सोचें|
- जो परिस्थितियाँ तनाव को बढ़ा रही हैं, उन के बारे में ज्यादा ना सोचें|
- किसी के दिए हुए उस काम को मना करने की आदत डालें जो जीवन में ज्यादा स्ट्रेस दे|
- स्ट्रेस देने वाली परिस्थिति को बदलने का प्रयास करें या उस परिस्थिति के प्रति अपनी प्रतिक्रिया को बदलें|
- स्ट्रेस देने वाले विचारों को रोकना हमारे बस में नहीँ है लेकिन negative विचारों को हम positive में बदल सकते हैं|
- कुछ समय अपनी रूचि का कार्य करें जैसे ड्राइंग, पेंटिंग, गार्डनिंग आदि|
- कुछ समय पार्क में टहलें| इस वक्त चेहरे व मन में खुशी होनी चाहिए| इस दौरान लोगों से contact बनाएं, चाहे मुस्कुराकर ही सही|
- खूब हँसे| भागदौड़ भरी जिन्दगी से खुशियाँ कब दूर हो गई और उस की जगह तनाव ने ले ली पता ही नही चला| खूब हंसने से तनाव को दूर किया जा सकता है|
- योग से जीवन को खुशहाल तथा स्वस्थ बनाएं| ग्रुप में योग करने की आदत बनाएं| ग्रुप में योग करने से नियमितता आती है तथा आपसी घनिष्ठता बढ़ती है|
- ॐ का उच्चारण करें| इस के कम्पन से मन को शांति मिलती है तथा सकारात्मकता आती है| बी.पी. व थायराइड सामान्य होता है|
- तनाव में किसी आत्मिक व्यक्ति से अपनी समस्या के बारे में खुलकर बात करें| इससे स्ट्रेस/तनाव कम होता है|
- छ: से आठ घंटे की नींद लें| नींद पूरी होने पर भी स्ट्रेस कम होता है| नींद के लिए शवासन का सहारा लिया जा सकता है|
- पौष्टिक व संतुलित आहार लें| आहार समय पर व उचित मात्रा में लें|
- तले हुए भोज्य पदार्थ , जंक – फ़ूड, कोल्ड-ड्रिंक न लें|
- किसी भी प्रकार के नशे का सेवन न करें जैसे सिगरेट, शराब, तम्बाकू, गुटका आदि|
- अधिक तनाव होने पर मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक की सलाह लें|
Excellent contents for stress management
Thank you so much
बहुत अच्छा लिखा है आपने. आगे भी अपने विचार सांझा करते रहिए
Thank you so much
Thankyou For Sharing Detailed Report on Stress Management.
Thank you for appreciation