शशकासन/शशांकासन की विधि और लाभ (Shshkasana/Shashankasana steps and benefits in Hindi)

इस blog में शशकासन/शशांकासन क्या है (What is Shshkasana)?, शशांकासन की विधि (Shashankasana steps) और शशकासन के लाभ (Shashankasana benefits) के बारे में बताया गया है|

दिमाग को शांत करने वाला, तनाव व चिंता को दूर करने वाला पेट के दोषों से निजाद दिलाकर पाचन व निष्कासन में लाभकारी शशकासन/शशांकासन बहुत महत्वपूर्ण आसन है|

योग का ज्ञान मन व शरीर के बीच सामंजस्य स्थापित करता है| पहले साधू, संयासियों तथा योगियों द्वारा योगाभ्यास किया जाता था| लेकिन अब आम लोग योग की महिमा तथा महत्व को स्वस्थ्य जीवन शैली के लिए महत्वपूर्ण समझ कर इसे अपना रहें हैं|

शशकासन/शशांकासन क्या है (what is Shshkasana/Shashankasana)?

शशकासन Yoga

बैठ कर किये जाने वाले आसनों में शशकासन बहुत ही महत्वपूर्ण आसन है| आसन करते समय जब हम पूर्णता की स्थिति में आते हैं तो शरीर की आकृति एक खरगोश के समान दिखाई देती है इसलिए इसे शशकासन कहते हैं| इस आसन को शशांकासन भी कहा जाता है यहां शशांक का अर्थ चन्द्रमा से लिया गया है| इस प्रकार शशकासन को Rabbit pose व Moon pose भी कहते हैं|

शशकासन की विधि (Procedure of Shshkasana/Shashankasana in Hindi)

शशकासन की विधि step by step इस प्रकार है:

Step 1: शशकासन के लिए वज्रासन में बैठें|

Step 2: श्वास भरते हुए दोनों भुजाएं ऊपर की ओर खींचें|

Step 3: हथेलियों का रुख सामने की ओर रखें|

Step 4: श्वास बाहर निकलते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें| पहले हथेलियां, फिर कोहनियां तथा फिर माथा आसन से लगे|

Step 5: सीना घुटनों पर, पेट thigh पर तथा hips (नितम्ब) एडियों पर लगे हों|

Step 6: यह पूर्णता की स्थिति है| अब सामान्य श्वास लेते रहें|

Step 7: श्वास भरते हुए धीरे-धीरे वापिस आयें| दाएं–बाएं से हाथ नीचे करें व विश्राम करें|

शशकासन (Shshkasana) करने की सही विधि व इसकी पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|

शशकासन के फायदे (Shshkasana/Shashankasana benefits in Hindi)

शशकासन/शशांकासन के लाभ निम्न प्रकार हैं:

समर्पण की भावना: शशकासन करते समय जब हम आगे की ओर झुकते हैं तो मन में समर्पण की भावना उत्पन्न होती है|

तनाव व चिंता दूर: शशकासन का नियमित अभ्यास करने से तनाव व चिंता तो कम होती ही है तथा गुस्सा भी कम आता है| दिमाग शांत होता है|

पेट के दोष दूर: शशकासन का नियमित अभ्यास करने से पेट के सभी अंग जैसे छोटी अंत, बड़ी अंत, liver, अग्न्याशय, गुर्दे प्रभावित होते हैं| जिससे पेट व नाभि के दोष दूर होते हैं|

Diabetes पर control होता है: आसन का अभ्यास करते हुए जब हम आगे की ओर झुकते हैं तो पेट में स्थित pancreas के प्रभावित होने से pancreas से स्त्रावित होने वाला इन्सुलिन सही मात्रा में निकलता है, जिससे मधुमेह/डायबिटीज पर control हो पाता है|

पाचन के लिए लाभदायक: इस आसन के करने से पाचन ठीक होता है तथा कब्ज से राहत मिलती है|

मोटापा कम होता है: इस आसन का अभ्यास करने से पेट की चर्बी तो कम होती ही है साथ ही साथ कमर व hips की चर्बी भी घटती है, जिससे मोटापा कम होता है|

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शशकासन किन के लिए वर्जित है (For whom Shshkasana prohibited)?

किन किन को शशकासन नहीं करना चाहिए|

  • जिनके घुटनों में दर्द हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
  • जिन्हें slip-disc व cervical की समस्या हो उन्हें ये आसन नहीं करना चाहिए|
  • जिन्हें कमर में दर्द हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
  • जिन के पेट में किसी प्रकार की सर्जरी हुई हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
  • महिलओं को पीरियड्स के समय इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए|

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FAQ’s: शशकासन/शशांकासन से सम्बंधित सामान्य प्रश्न (General questions related to Shshkasana/Shashankasana)|

शशकासन को किन-किन नामों से जाना जाता है?(What are the other names of Shshkasana)?

शशकासन (Shshkasana) को शशांकासन (Shashankasana), Rabbit pose व Moon pose आदि नामों से जाना जाता है|

शशकासन कितनी बार करना चाहिए (How many times should we do Shshkasana)?

शशकासन बैठ कर किए जाने वाले आसनों में एक बहुत महत्वपूर्ण आसन है| इसका अभ्यास करते समय एक बार में कम से कम 4 से 5 बार अपनी क्षमता के अनुसार किया जा सकता है|

शशांकासन के मुख्य लाभ क्या हैं? (What are the main benefits of Shashankasana)?

यह बहुत लाभदायक आसन है| इसका अभ्यास तनाव, चिंता व क्रोध से मुक्ति दिलाने में सहायक है| शशांकासन करने से पैर और पीठ की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं| इस आसन के करने से पेट, Hips व कमर की चर्बी घटने से मोटापा कम होता है| पेट के दोष दूर होते हैं|

शशांकासन कितनी देर करना चाहिए? (How long should Shashankasana be done)?

कितनी देर तक शशांकासन करना चहिये का अर्थ है कि पूर्णता की स्थिति में कितने समय तक रुकना चहिए| शशकासन करते समय पूर्णता की स्थिति में रुकने का समय 1 से 3 मिनट तक होना चाहिए|

इस blog में शशकासन/शशांकासन क्या है (What is Shshkasana)?, शशांकासन की विधि (Shashankasana steps) और शशकासन के लाभ (Shashankasana benefits) के बारे में जाना|

शशांकासन से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|

Babita Gupta

M.A. (Psychology), B.Ed., M.A., M. Phil. (Education). मैंने शिक्षा के क्षेत्र में Assistant professor व सरकारी नशा मुक्ति केंद्र में Counsellor के रूप कार्य किया है। मैं अपने ज्ञान और अनुभव द्वारा blog के माध्यम से लोगों के जीवन को तनाव-मुक्त व खुशहाल बनाना चाहती हूँ।

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