करें योग रहें निरोग (Kare Yog rahe Nirog in Hindi)

“ करें योग रहें निरोग का ये नारा, शरीर को रखे स्वस्थ, है बड़ा ही प्यारा ”

इस blog में योग से शरीर को कैसे निरोग रखें (How to keep body healthy in hindi), योग करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखें (Yog karte samay kin baton ka rakhen dhyan), योग के फायदे (Yog ke fayde) तथा आसनों (Asanas) व प्राणायाम (Pranayama) के बारे में बताया गया है|

योग का हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर प्रभाव पड़ता है| योग हमारी इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण साधन है| ये हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को तो बढ़ाता ही है साथ ही साथ शरीर को स्वस्थ रखता है और लचीला बनाने में मदद करता है| योग करने से मांसपेशियों में ताकत आती है| योग सबसे पहले बाह्य शरीर को लाभ पहुंचता है तथा बाद में मानसिक तथा भावनात्मक स्तरों पर अपना प्रभाव डालता है|

योग करने के लिए सबसे पहले किसी group, किसी संस्था, किसी योग-केन्द्र या किसी प्रशिक्षक से जुड़ें| योग का अभ्यास हररोज करें| योग हमारी इम्युनिटी को बढ़ाने में हमारी मदद करता है| योग का अभ्यास किसी प्रशिक्षित टीचर के साथ करना अति-आवश्यक है| योग करते समय कब श्वास लेनी है, कब श्वास छोडनी है, तथा कब रोककर रखनी है इसका ध्यान रखना अति-आवश्यक है जो एक प्रशिक्षित टीचर ही बता सकता है| आजकल online भी yoga-classes उपलब्ध हैं, उनसे भी योगाभ्यास किया जा सकता है| इस blog में हम कुछ आसनों व कुछ प्राणायाम के बारे में चर्चा करेंगे, जोकि हम सभी को अवश्य करने चाहियें|

योग हर उम्र के व्यक्ति को करना चाहिए| अगर हम हररोज योगाभ्यास करते हैं तो उम्र बढ़ने पर भी हम योग आसानी से कर पाते हैं| कई बार हम देखते हैं कि जवान होते बच्चे अपने शरीर को उतना नहीं मोड़ पाते जितना योगाभ्यास करने वाला एक बुजुर्ग मोड़ लेता है| अर्थात् योगाभ्यास द्वारा ही शरीर लचीला बनता है|

शरीर को निरोग कैसे रखें (Sharir ko nirog kaise rakhe)?

शरीर को निरोग रखने के लिए योग का प्रतिदिन अभ्यास करें| इससे शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता मिलती है| शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता इम्युनिटी से मिलती है| इसलिए हमें अपनी इम्युनिटी बढ़ाने पर पूरा ध्यान देना चाहिए| इम्युनिटी बढ़ाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है जैसे तनाव से मुक्त रहें, शुद्ध व पौष्टिक भोजन करें, योग व व्यायाम करें तथा खुश रहें|

Do Yoga Stay Healthy in Hindi

योग करें: योग का अभ्यास रोग-निवारक (Preventive) भी होता है और आरोग्यकर भी| योग करने से शरीर स्वस्थ रहता है| शरीर में संतुलन आता है| मन प्रफुल्लित होता है, चेहरे पर चमक आती है, फेफड़ों में सांस लेने की क्षमता बढ़ती है, शरीर लचीला बनता है, शरीर में मोटापा नहीं आता, इम्युनिटी बढ़ती है तथा हम रोगों से कोसों दूर रहते हैं| योग शरीर के सभी भागों पर अपना प्रभाव डालता है| ये पेनक्रियाज, फेफड़े, गुर्दे, छोटी आंत,बड़ी आंत, सर्वाइकल, हाथ-पैर की मांसपेशियों, मस्तिष्क आदि सभी को प्रभावित करता है व स्वस्थ बनाता है| योग क्या है इसके बारे में भी जानें|

पौष्टिक व संतुलित आहार लें: घर पर बना ताजा भोजन खाएं| न अधिक खाएं न ही बहुत कम खाएं| ज्यादा खाने से इन्सुलिन सेंसटिविटी कम हो जाती है| खाना कम खाने से स्ट्रेस-हार्मोन का स्तर बढ़ता है| इसलिए जरूरत के अनुसार भोजन लें| अपने आहार में प्रोटीन, विटामिन, पोटाशियम, कैल्शियम, मिनरल्स, आयरन, जिंक का सेवन आवश्यकता के अनुसार करें| फाइबर युक्त भोजन तथा तरल पदार्थों का सेवन करें|

स्ट्रेस/तनाव न लें (Manage stress): इम्युनिटी को बढ़ाने व स्वस्थ रहने के लिए सब से ज्यादा जरूरी है अपने आप को तनाव से मुक्त रखें| मेरे पहले के blog में बताया गया है कि तनाव से मुक्त रहने के लिए सकारात्मक सोचें, पौष्टिक व संतुलित आहार लें, ध्यान करें, योग करें, अपने आप को खाली न रहने दें इस के लिए कुछ creative करें, भरपूर नींद लें आदि|

खुश रहें (Be happy): खुश रहने के लिए अपनी पसंद का काम करें| मित्रों से बात करें| खूब हंसे| हमेशा खुश रहें|

योग के नियम या योग करते समय ध्यान रखने योग्य बातें (yog karate samay kin baaton ka dhyaan rakhen)

योगाभ्यास सभी के लिए लाभदायक है| परन्तु इसका पूरा लाभ लेने के लिए इसके नियमों या सिद्धांतों की जानकारी होना जरूरी है| योग करते समय किन बातों का ध्यान रखें आइए जाने:-

  • योगासन करने से पहले कुछ व्यायाम अवश्य करना चाहिए जिससे शरीर warmup हो सके|
  • आसनों के अभ्यास के समय शरीर के अंगों की गति तीव्र नहीं होनी चाहिए और शरीर को झटका भी नहीं आने देना चाहिए|
  • आसनों को तीव्र गति से नहीं किया जाता, इसलिए शक्ति का अपव्यय नहीं होता|
  • आसन करते समय जिस आसन का अभ्यास चल रहा हो, उसी से सम्बन्धित अंगों पर अपने ध्यान को केन्द्रित करना चाहिए|
  • यदि हम व्यायाम नहीं करते तो मांसपेशियां संकुचित हो जाती हैं और शरीर में कड़ापन आ जाता है| इसलिए योग या व्यायाम अवश्य करना चाहिए|
  • शुरू में आसनों का अभ्यास कुछ सेकंड तक करना चाहिए| धीरे-धीरे समय को बढ़ाना चाहिए|
  • शरीर को थकाने से बचें|
  • किसी भी प्रकार की असुविधा महसूस होने पर सामान्य स्थिति में आ जाएँ तथा विश्राम करें|
  • किसी भी आसन में एक से तीन मिनिट तक रुकने का अभ्यास करना उचित माना गया है|
  • आसनों के अभ्यास के बाद सुखासन या शवासन में विश्राम करना चाहिए|
  • आसनों का अभ्यास स्वच्छ, खुले व हवादार स्थानों पर करना चाहिए|

Read: कमर दर्द को दूर करने के उपाय

योग के लाभ (Benefits of yoga in Hindi)

योग एक प्राकृतिक पद्धति है| यह हमें प्रकृति के साथ जोड़ती है| आसन व प्राणायाम दोनों ही बहुत महत्वपूर्ण हैं| योग से हमें बहुत लाभ मिलते हैं|

  • योग शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रखता है| योग द्वारा रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है|
  • योग द्वारा प्रत्येक अंग प्रभाव में आने से पूरा शरीर ठीक ढंग से कार्य करता है|
  • नियमित योगाभ्यास करने से मांसपेशियां मजबूत बनती हैं|
  • हड्डियाँ लचीली बनती हैं और शरीर के सभी जोड़ ठीक प्रकार से कार्य कर पाते हैं| जोडों के दर्द, घुटनों के दर्द आदि को दूर करने में मदद मिलती है|
  • शरीर के संतुलन को बनाए रखने में योग बहुत लाभदायक है|
  • रीढ़ लचीली व मजबूत बनती है| नियमित योग करने वाला व्यक्ति बुढ़ापे में भी झुकता नहीं है|
  • योग, रीढ़ सम्बंधी रोगों जैसे सर्वाइकल, कमर दर्द (lower back-pain), sciatica, slip-disc आदि को ठीक करने में लाभकारी है|
  • योग द्वारा फेफड़ों में oxygen लेने की क्षमता बढ़ती है| प्राणायाम दमा (asthma), खांसी, जुकाम, नजला आदि को ठीक करने में महत्वपूर्ण हैं|
  • योग करने से शारीरिक व मानसिक थकान दूर होती है| मन को शांति मिलती है| नींद अच्छी आती है तथा concentration बढ़ती है|
  • योग द्वारा असाध्य रोगों को control करने में मदद मिलती है| जैसे हाई ब्लडप्रेशर (High B.P.), डायबिटीज, आस्थमा आदि|
  • नियमित योग का अभ्यास करने से अतिरिक्त चर्बी घटती है, जिससे मोटापा कम होता है|
  • योग से पाचन ठीक रहता है तथा कब्ज से राहत मिलती है|
  • योग का अभ्यास महिलाओं में irregular periods की समस्या को दूर करने में लाभदायक है|
  • योग करने से सकारात्मकता आती है| तनाव से छुटकारा मिलता है तथा चिंता व  अवसाद/डिप्रेशन (Depression) को कम करने में मदद मिलती है|
  • पूरे शरीर में रक्त का संचार ठीक प्रकार से होता है|
  • योग के नियमित अभ्यास से चेहरे का तेज बढ़ता है|
  • योग करने से चुस्ती आती है तथा सुस्ती दूर भागती है|
  • योग में कुछ ऐसे विशेष आसन भी हैं जिन्हें, शरीर की अकडन दूर करने के लिए, चुस्ती लाने के लिए, थकान भगाने के लिए कभी भी और किसी भी समय किया जा सकता है|

योग के लाभ ही लाभ हैं| सम्पूर्ण शरीर की स्वस्थता, स्थिरता, स्फूर्ति, मन की प्रफुल्लता, शांति, संतुलन, उत्साह, साहस, धैर्य आदि सभी योग द्वारा संभव है| इसलिए योग करें स्वस्थ रहें|

Read also: मोटापा कैसे कम करें

योगाभ्यास में किये जाने वाले आसन व प्राणायाम (Yoga me kiye jane wale Asanas and Pranayama)

खड़े हो कर किये जाने वाले आसन

बैठ कर किये जाने वाले आसन

पीठ के बल लेट कर किये जाने वाले आसन

पेट के बल लेट कर किये जाने वाले आसन

प्राणायाम

FAQ’s: योग से सम्बंधित सामान्य प्रश्न (General questions related to yoga)|

योग स्वास्थ्य के लिए क्यों जरूरी है (Why yoga is important for health)?

स्वस्थ शरीर के बिना जीवन में किसी भी क्षेत्र में सफलता पाना असम्भव है| और स्वास्थ्य को ठीक रखने में योग का महत्वपूर्ण स्थान है| इस लिए योग हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है| योग करने से हड्डियाँ लचीली व मांसपेशियां मजबूत बनती हैं| रक्त का संचार (blood circulation) ठीक प्रकार से होता है| पाचन-अंग, हृदय, किडनी, लीवर आदि पुष्ट बनते हैं|

क्या योग सभी के लिए जरूरी है (Is yoga necessary for everyone)?

योग सभी के लिए जरूरी है| बच्चे हो या बड़े सभी को योगाभ्यास करना चाहिए| योग का नियमित अभ्यास करके हम स्वस्थ रह सकते हैं| योग करने से बच्चे का सर्वंगीण विकास होता है| युवाओं में यौवन को बनाए रखने व वृद्धावस्था की सार्थकता के लिए भी योग जरुरी है| इसलिए योग 12 वर्ष के ऊपर की उम्र के हर male व female को करना चाहिए|

आसन और योग में क्या अंतर है (What is the difference between asanas and yoga)?

योग शब्द संस्कृत की युज धातु से लिया गया है जिसका अर्थ है एकजुट होना या जुड़ना| योग द्वारा शरीर व मन आध्यात्मक व भावनात्मक रूप से जुड़ता है| अष्टांग योग के आठ अंग हैं जैसे यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान व समाधि|

योग के आठ अंगों में से आसन एक अंग है| शरीर को अधिक समय तक किसी एक विशेष स्थिति में रखना आसन कहलाता है| आसन अलग-अलग मुद्राओं में बैठने का अभ्यास है| आसन द्वारा हम शरीर को दाएं-बाएं व आगे-पीछे मोड़ पाते हैं| मांसपेशियों में खिंचाव लेना तथा ढीला छोड़ना भी आसनों के अभ्यास द्वारा संभव है|

प्राणायाम और योग में क्या अंतर है (What is the difference between pranayama and yoga)?

योग शब्द संस्कृत की युज धातु से लिया गया है जिसका अर्थ है एकजुट होना या जुड़ना| योग द्वारा शरीर व मन आध्यात्मक व भावनात्मक रूप से जुड़ता है| अष्टांग योग के आठ अंग हैं जैसे यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान व समाधि|

प्राणायाम, योग के आठ अंगों में से एक है| प्राणायाम का अर्थ है प्राण पर नियन्त्रण करना| श्वासों को अंदर लेना, बाहर छोड़ना व अंदर-बाहर रोकने का सुव्यवस्थित अभ्यास प्राणायाम कहलाता है| प्राणायाम द्वारा तनाव (Stress), चिंता (Anxiety) तथा अवसाद (Depression) को दूर करने में मदद मिलती है|

मेरे इस blog में योग से कैसे निरोग रहें (How to stay healthy with yoga), योग करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखें (Things to keep in mind), योग के लाभ (benefits of yoga) तथा मुख्य आसनों  (Asanas) व प्राणायाम (Pranayama) के बारे में जाना|

इस विषय से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|

Babita Gupta

M.A. (Psychology), B.Ed., M.A., M. Phil. (Education). मैंने शिक्षा के क्षेत्र में Assistant professor व सरकारी नशा मुक्ति केंद्र में Counsellor के रूप कार्य किया है। मैं अपने ज्ञान और अनुभव द्वारा blog के माध्यम से लोगों के जीवन को तनाव-मुक्त व खुशहाल बनाना चाहती हूँ।

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