त्रिकोणासन की विधि और लाभ (Trikonasana steps and benefits in Hindi)

इस blog में त्रिकोणासन क्या है (Trikonasana kya hai), त्रिकोणासन की विधि  (Trikonasana steps) और लाभ (Trikonasana ke labh) के बारे में बताया गया है|

चर्बी घटाने वाला, वजन को कम करने तथा stress/anxiety में आराम दिलाने वाला त्रिकोणासन बहुत ही महत्वपूर्ण आसन है| ताड़ासन की तरह यह भी एक हाइट बढ़ाने वाला आसन है|

योगासनों का अभ्यास शरीर तथा मन में स्थिरता लाने में सक्षम है| योग शरीर, मन और भावनाओं के बीच संतुलन करने तथा तालमेल बैठाने का एक साधन है| कुछ आसन ऐसे होते हैं जिनमें अभ्यास करते समय शरीर का संतुलन बनाने के लिए आँखे खोलकर आसन किया जाता है| त्रिकोणासन एक ऐसा ही आसन है|

त्रिकोणासन क्या है (What is Trikonasana)?

त्रिकोणासन तीन शब्दों के मेल से बना है| त्रि+कोण+आसन | अर्थात् तीन कोणों से मिलकर बना आसन| इस आसन की पूर्णता की स्थिति में शरीर तीन कोणों की आकृति (pose) में दिखाई देता है|

What is Trikonasana?

त्रिकोणासन कैसे करें (Trikonasana Procedure)

त्रिकोणासन करने की सही विधि आप video द्वारा मेरे इस youtube link पर देख सकते हैं:

त्रिकोणासन करने की विधि इस प्रकार है|

Step 1: त्रिकोणासन के लिए अपने आसन पर सीधे खड़े हो जाएँ, अपने दोनों पैरों में अधिक से अधिक फासला करें व दोनों हाथ दाएं-बाएं शरीर से मिले हुए हों|

Step 2: श्वास भरते हुए अपने दोनों हाथों को कंधों की सीध में लायें|

Trikonasana Yoga

Step 3: दाएं पैर को दाईं तरफ घुमाएँ| अब श्वास छोड़ते हुए धीरे–धीरे अपनी दाईं ओर झुकें| घुटनों को मुड़ने न दें|

Step 4: दाएं हाथ की हथेली टकने को छुएं व बाईं हथेली का रुख सामने की ओर रखें|

Step 5: फिर गर्दन को बाईं तरफ घुमाते हुए बाएं हाथ के अंगूठे पर देखें|

Step 6: कुछ सेकंड तक इसी स्थिति में रुकें| इस अवस्था में सामान्य श्वास लेते रहें| इस प्रकार आसन के करने से पेट के एक तरफ के अंग दब रहे हैं तथा दूसरी तरफ के खिंचाव में|

Trikonasana Benefits in Hindi

Step 7: श्वास भरते हुए धीरे-धीरे मध्य में वापिस आयें| दाएं पैर को सीधा करें| अब यही क्रिया बाईं ओर से करें|

Step 8: बाएं पैर को बाईं तरफ घुमाएँ| श्वास छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपने बाईं ओर झुकें|

Step 9: बाएं हाथ की हथेली से बाएं टकने को छुएं व दाईं हथेली का रुख सामने की ओर रखें|

Step 10: फिर गर्दन को दाईं तरफ घुमाते हुए दाएं हाथ के अंगूठे पर देखें| सामर्थ्यानुसार कुछ सेकंड इस स्थिति में बने रहें|

Trikonasana images

Step 11: श्वास भरते हुए धीरे-धीरे मध्य में वापिस आयें| बाएं पैर को सीधा करें| दोनों हाथ दाएं-बाएं से वापिस लायें| अब विश्राम करें| धीरे-धीरे अभ्यास करते हुए पूरा आसन करने के समय को 1 से 3 मिनट तक बढ़ाएं|

Read: मोटे अनाज क्या हैं

त्रिकोणासन के लाभ (Trikonasana Benefits)

  • चर्बी घटती है: त्रिकोणासन करने से पेट के दाएं-बाएं भाग प्रभाव में आने से पेट की चर्बी घटती है व मोटापा दूर होता है| इस आसन के करने से नितम्ब (hips) की मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता है जिससे hips का fat कम होता है|
  • शरीर मजबूत बनता है: त्रिकोणासन के करने से हाथ, पैर व जांघों की मांसपेशियां खिंचाव में आती हैं जिससे शरीर मजबूत बनता है|
  • सर्वाइकल (cervical) के दोष दूर होते हैं: त्रिकोणासन का अभ्यास सही तरीके से किया जाये तो कंधों के alignment को ठीक रहते हैं व cervical के दोष दूर होते हैं|
  • पिण्डलियों के दोष दूर होते हैं: त्रिकोणासन का नियमित अभ्यास करने से पैरों की मांसपेशियां खिंचाव में आती हैं जिससे पिण्डलियों के दोष दूर होते हैं तथा varicose-veins की समस्या कम होती है|
  • पाचन अंग सशक्त बनते हैं: जब हम नियमित इस आसन का अभ्यास करते हैं तो यह पाचन क्रिया में सहायता करता है| इस आसन के करने से पाचन-तंत्र सक्रिय बनता है तथा कब्ज की समस्या से राहत मिलती है|
  • पीठ दर्द की समस्या दूर होती है: नियमित और सही तरीके से इस आसन के करने से पीठ का दर्द कमर दर्द कम होता है|
  • साइटिका (sciatica) के दोष दूर: सही प्रकार से आसन किया जाये तो hips पर खिंचाव आने से साइटिका के दोष दूर होते हैं|
  • श्वसन प्रक्रिया सुदृढ़: फेफड़ों के फैलने व सिकुड़ने से फेफड़ों में श्वास लेने की क्षमता बढ़ती है व फेफड़े सुदृढ़ बनते हैं|
  • कठोरता दूर होती है: इस आसन के करने से रीढ़ प्रभावित होती है तथा रीढ़ व कमर की कठोरता दूर होती है व लचीली बनती हैं|

त्रिकोणासन किन-किन के लिए वर्जित है (For whom Trikonasana Prohibited?)

किन-किन व्यक्तियों को ये आसन नहीं करना चाहिए|

  • High B.P. की समस्या ज्यादा हो या चक्कर आते हों तो त्रिकोनासन नहीं करना चाहिए|
  • हृदय सम्बन्धी समस्या वाले इस आसन को न करें|
  • ये आसन कमर दर्द को कम करता है, लेकिन कमर में दर्द ज्यादा हो तो इस आसन को न करें|

Read also : Katichakrasana

FAQ’s: त्रिकोणासन से सम्बंधित सामान्य प्रश्न (General questions related to trikonasana)|

त्रिकोणासन हमें कितनी देर और कितनी बार करना चाहिए (How long and how many times should we do Trikonasana)?

त्रिकोणासन खड़े होकर किए जाने वाले आसनों में से एक और महत्वपूर्ण आसन है| इसका पूरा अभ्यास हो जाने पर, आसन की पूर्णता की स्थिति में रुकने की अवधि को 1 मिनट से 3 मिनट तक बढ़ाएं| Trained हो जाने पर त्रिकोणासन को क्षमता के अनुसार 5 से 10 बार किया जा सकता है|

त्रिकोणासन कितने प्रकार के होते हैं? (How many types of Trikonasana)?

त्रिकोणासन मुख्य रूप से तीन प्रकार के हैं|

बद्ध त्रिकोणासन

उत्थित त्रिकोणासन

परिवृत त्रिकोणासन|

त्रिकोणासन करते समय क्या सावधानियां रखें? (precautions during Trikonasana)

त्रिकोणासन धीरे-धीरे व सावधानी से करना चाहिए| किसी भी प्रकार का झटका लगने से बचें| अगर घुटने में दर्द हो या जोड़ों में दर्द हो तो आसन का अभ्यास सावधानी से करें| चक्कर आते हों तो भी त्रिकोणासन का अभ्यास न करें|

इस blog में त्रिकोणासन क्या है (What is Trikonasana), त्रिकोणासन की विधि (Trikonasana steps) और त्रिकोणासन के लाभ (Trikonasana benefits) के बारे में जाना|

इस विषय से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|

Babita Gupta

M.A. (Psychology), B.Ed., M.A., M. Phil. (Education). मैंने शिक्षा के क्षेत्र में Assistant professor व सरकारी नशा मुक्ति केंद्र में Counsellor के रूप कार्य किया है। मैं अपने ज्ञान और अनुभव द्वारा blog के माध्यम से लोगों के जीवन को तनाव-मुक्त व खुशहाल बनाना चाहती हूँ।

Leave a Comment