Om ka Uchcharan Karne ka Tarika and Benefits in Hindi (ॐ का उच्चारण करने का तरीका और फायदे)

इस blog में ॐ का अर्थ (Meaning of Om), ॐ/ओम का महत्व क्या है (Significance of Om), ॐ का उच्चारण क्या है (Om chanting kya hai), ॐ का उच्चारण करने की विधि (How to do Om chanting), ॐ के उच्चारण के फायदे (Om chanting benefits) के बारे में जानेगे|

ॐ की ध्वनि बहुत ही महत्वपूर्ण ध्वनि है| ऐसा माना जाता है कि ॐ का जाप करने से व्यक्ति को ज्ञान व मोक्ष की प्राप्ति होती है| हजारों सालों से ऋषि, मुनि, योगी, सिद्ध पुरुष ओम का जाप करते आए हैं| ॐ के उच्चारण का नियमित अभ्यास करने से शरीर के साथ-साथ मन व मष्तिष्क पर भी प्रभाव पड़ता है|

Om ka Uchcharan Karne ka Tarika

ओम का अर्थ क्या है? (What is the meaning of Om)

ओम शब्द तीन शब्दों अ+उ+म से मिलकर बना है| अ का अर्थ है उत्पन्न करना, उ का अर्थ है उठाना और म का अर्थ है मौन हो जाना| जब हम ॐ (ओम) बोलते हैं तो अ+उ की ध्वनि मिलकर “ओ” के रूप में निकलती है और म की ध्वनि करते हुए खत्म होती है| ओम की ध्वनि अपने आप में एक मंत्र है| ॐ किसी एक से बंधा हुआ नहीं है| ॐ अपने आप में सम्पूर्ण है| ओम में भूत, वर्तमान व भविष्य समाए हुए हैं| सभी धर्मों में ॐ का जाप किया जाता है| ॐ सभी जगह समाया हुआ है| यही आदि है और यही अन्त है|

ॐ/ओम का महत्व क्या है? (What is the significance of Om)

ॐ का नियमित अभ्यास बहुत महत्वपूर्ण है| ॐ/ओम स्वयं में ही अनंत है| हररोज ओम का जाप करने से हमें अपने अंदर आनंद की अनुभूति होती है| ओम का जाप कम से कम 108 बार जरुर करना चाहिए| अध्यनों से पता चला है कि कम से कम 6 मिनट ॐ का उच्चारण करने से बहुत सारे रोग ठीक हो सकते हैं| ओम के उच्चारण का बहुत अधिक महत्व है| कहा जाता है कि ओम का उच्चारण करने का शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक महत्व है| अगर शारीरिक महत्व की बात करें तो ॐ का उच्चारण करने से शरीर के कष्ट दूर होते हैं| मानसिक महत्व इसलिए है कि ॐ के उच्चारण से मानसिक विकार जैसे तनाव, चिंता, डिप्रेशन आदि दूर होते हैं और आध्यात्मिक महत्व यह है कि ॐ हमारे धर्म से जुड़ा है| ॐ हमारी पूजा, अर्चना, हवन, यज्ञ आदि के समय सबसे पहले प्रयोग किया जाने वाला शब्द है| जब हम ॐ की बात धर्म से जोडकर करते हैं तो इसमें हम ॐ का जाप करने की बात करते हैं|

ॐ का उच्चारण क्या होता है (Om ka uchcharan kya hai)

ओम (Om) का उच्चारण करने से नाभि के नीचे के भाग से एक गूंज शुरू होती है और फिर इसका कम्पन सीने से होता हुआ कंठ में महसूस होता है और अंत में इस ध्वनि का प्रभाव मस्तिष्क तक जाता है| अ+उ+म से बने ओम का उच्चारण करते हुए हम ऐसे ध्वनि करते हैं- अ..ओ………म…….|
ॐ में अ का उच्चारण पेट के निचले भाग से नाभि तक उ करने से पेट से कंठ तक ओर म का उच्चारण करने से मष्तिष्क में कम्पन होती है| ध्यान या मैडिटेशन करने के लिए ॐ का उच्चारण बहुत महत्वपूर्ण है| ॐ का उच्चारण करने से मन शांत होता है, जिससे तनाव व चिंता कम करने में मदद मिलती है|

ॐ का उच्चारण कैसे करें (Om ka uchcharan kaise kare)

ॐ केवल एक शब्द नहीं है बल्कि एक ध्वनि है| ओम का उच्चारण हम ज्यादातर किसी धार्मिक काम की शुरुआत में करते हैं| उस समय ॐ का कई बार जाप किया जाता है| ओम का उच्चारण हम योग में भी करते हैं| योग में ओम शब्द का उच्चारण करने के लिए ओ और म की ध्वनि को 2:1 में किया जाता है| उच्चारण करने की सही विधि के बारे में जानते हैं| इसका उच्चारण करने के लिए जमीन पर चद्दर, दरी या mat बिछाकर बैठें| आइये step by step ॐ का उच्चारण करे|

Step 1: किसी भी एक आसन में सुविधाजनक बैठें, जैसे सुखासन|

Step 2: अंगूठे व उसके साथ वाली अंगुली को मिलाकर हथेली का पीछे का भाग घुटनों पर रखें, बाकि तीन उँगलियाँ सीधी रहेंगी|

Step 3: अब एक लम्बी, गहरी व सूक्ष्म सांस (बिना आवाज वाली) अंदर भरनी है और ओ + म की ध्वनि 2:1 में करनी है|

Step 4: सांस भरने के बाद होंठों को गोल करते हुए ओ की ध्वनि करनी है| जिसे हम अ..ओ………. की तरह करेंगे|

Step 5: फिर होंठों को बंद करते हुए म…… की ध्वनि करनी है| जिसे हम humming sound की तरह करेंगे|

Step 6: इस तरह ॐ की ध्वनि करते हुए पूरा ध्यान सांसों पर रखना है| शुरू में कम से कम 3 से 5 बार जरुर करना है| धीरे-धीरे इसे करने का time और संख्या बढ़ाते जाएं| इससे पूरा लाभ पाने के लिए कम से कम 5-6 मिनट जरुर करें|

Step 7: जब आप इस उच्चारण का पूरा अभ्यास कर लें, तो अपनी हथेलियों को आपस में रगड़ें, इससे ये गर्म हो जायेंगी और इस उर्जा को अपनी आँखों व मुंह पर लगाएं|

ॐ/ओम का उच्चारण करने की सही विधि की पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|

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ॐ का उच्चारण करने के फायदे (Benefits of om chanting)

ॐ का नियमित उच्चारण बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है| इसके करने से जो कंपन या vibration उत्पन्न होती है उससे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं|

Blood circulation: ॐ का उच्चारण करने से शरीर में जो कंपन होती है उससे पूरे शरीर में रक्त (blood) का स्त्राव (circulation) ठीक प्रकार से होता है|

फेफड़ों में सांस लेने की क्षमता: ओम के उच्चारण से lungs पर प्रभाव पड़ता है| जिससे फेफड़े मजबूत होते हैं तथा सांस लेने की क्षमता बढ़ती है|

पाचन में सहायक: जब हम “ओ” की ध्वनि करते हैं तो पेट में नाभि के इर्द-गिर्द vibration पैदा होती है, इससे digestion improve होता है|

Thyroid से बचाव: ॐ का बार-बार अभ्यास करने से गले में होने वाली vibration थाइरोइड ग्रन्थियों को प्रभावित करती है, जिससे thyroid की समस्या से दूर रहने में मदद मिलती है| ओम का उच्चारण thyroid के रोगी के लिए भी लाभकारी है|

Blood-pressure control: ॐ का उच्चारण करने से शरीर relax होता है और B.P. की समस्या control करने में मदद मिलती है|

अच्छी नींद: ओम का नियमित उच्चारण करने से मन को शांति मिलती है| अगर हम ॐ का उच्चारण करके सोते हैं तो नींद अच्छी आती है|

तनाव व चिंता से राहत: ओम का उच्चारण करते हुए, जब हम म…म की ध्वनि करते हैं तो जो कंपन होता है उसका प्रभाव हमारे मस्तिष्क पर पड़ता है जिससे मानसिक शांति मिलती है तथा तनाव व चिंता जैसे मानसिक विकार दूर होते हैं|

Memory sharp व Concentration: ओम का उच्चारण करने से मस्तिष्क प्रभावित होता है, जिससे concentratio बढ़ती है और memory sharp होती है|

सकारात्मक उर्जा का संचार: ॐ का उच्चारण करने से हमारे अंदर व आस-पास सकारात्मक उर्जा का संचार होता है| Negative energy दूर होती है, जिससे मन-मष्तिष्क को शांति मिलती है|

वात, कफ व पित शांत: ओम का उच्चारण करने से पूरा शरीर प्रभावित होता है, इससे वात, कफ व पित शांत होते हैं|

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FAQ’s: ॐ के उच्चारण से सम्बंधित सामान्य प्रश्न (General questions related to Om Chanting)

ओम का उच्चारण कब करना चाहिए? (Om ka uchcharan kab karna chahiye)

ॐ का उच्चारण सुबह सूर्योदय से पहले करना लाभकारी रहता है| इसे शाम के समय भी किया जा सकता है| रात के समय सोने से पहले भी ॐ का उच्चारण कर सकते हैं| रात को अगर नींद ना आ रही हो तो भी ॐ का उच्चारण किया जा सकता है, ओम का उच्चारण करने से अच्छी नींद आ जाती है|

ओम का उच्चारण कितनी देर करना चाहिए? (Om ka uchcharan kitni der karna chahiye)

– ओम/ॐ का उच्चारण कम से कम तीन बार जरुर करना चाहिए| जब नियमित रूप से बैठकर ॐ का उच्चारण करें तो कम से कम 5-6 मिनट जरुर करना चाहिए| 

– ॐ/ओम के उच्चारण से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|

Babita Gupta

M.A. (Psychology), B.Ed., M.A., M. Phil. (Education). मैंने शिक्षा के क्षेत्र में Assistant professor व सरकारी नशा मुक्ति केंद्र में Counsellor के रूप कार्य किया है। मैं अपने ज्ञान और अनुभव द्वारा blog के माध्यम से लोगों के जीवन को तनाव-मुक्त व खुशहाल बनाना चाहती हूँ।

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