अनियमित पीरियड्स के कारण, लक्षण और ठीक करने के उपाय (How to cure Irregular periods with yoga?)

मेरे इस blog में अनियमित पीरियड्स क्या है (What is irregular periods)?, अनियमित पीरियड्स के लक्षण (Irregular periods lakshan), अनियमित पीरियड्स के कारण (Causes of irregular periods), अनियमित पीरियड्स को कैसे ठीक करें? (How to cure irregular periods), आदि के बारे में बताया गया है|

योग शरीर व मन के लिए बहुत लाभदायक हैं| योगासनों का नियमित अभ्यास शरीर पर मनवांछित प्रभाव डालता है| महिलाओं को हर महीने आने वाले periods या मासिक धर्म में समस्याओं का सामना करना पड़ता है|

युवा लडकियों को मासिक धर्म के समय पेट में दर्द आदि समस्याएं ज्यादा होती हैं जोकि आयु बढ़ने के साथ धीरे-धीरे कम होने लगती हैं| इन समस्याओं से बचने के लिया योगाभ्यास बहुत महत्वपूर्ण है|

अनियमित मासिक धर्म क्या होता है?(What is irregular periods?)

लडकियों व महिलाओं में हर महीने आने वाले पीरियड्स एक प्राकृतिक, सामान्य व जरूरी प्रक्रिया (process) है| लडकियों में मासिक धर्म या periods सामान्यत: 10 से 15 वर्ष की आयु के बीच शुरू होते हैं| इसके कारण ही एक महिला पूर्णत्व का आभास करती है| लेकिन कई बार ऐसा होता है कि ये पीरियड्स या तो समय पर नहीं आते या फिर समय से पहले ही आ जाते हैं|

इन पीरियड्स के आने का मासिक चक्र 28 दिन का होता है जो तीन से पांच दिन चलता है| लेकिन अगर ये 35 दिन के बाद आए या 21 दिन से पहले आ जाए और ऐसा बार-बार होने लगे तो यह अनियमित पीरियड्स या irregular periods माने जाते हैं|

अनियमित पीरियड्स के कारण (Causes of Irregular periods)

अनियमित मासिक धर्म या Irregular periods के कई कारण हो सकते हैं जैसे

हार्मोन्स में change,

Poly Cystic Ovary Syndrome (PCOS),

बहुत अधिक एक्सरसाइज,

तनाव, चिंता,

Thyroid problem आदि|

अनियमित माहवारी के लक्षण (Aniymit mahvari ke lakshan)

जल्दी या देर से पीरियड्स आना (यदि पीरियड्स 35 दिन के बाद या 21 दिन से पहले आ जाए)

पीरियड्स का ना आना

पीरियड्स का कम/अधिक समय तक रहना (5 दिन से कम या 8 दिन से ज्यादा)

असामान्य bleeding होना

बहुत ज्यादा दर्द होना

सिर दर्द रहना

स्तनों में दर्द होना

ब्लड क्लॉट (blood clots) का size ज्यादा होना

मासिक धर्म के समय आने वाली समस्याएं या लक्षण (Symptoms of menstruation problem)

कई बार मासिक धर्म के समय पेट-दर्द, सिर-दर्द, breast-pain, पेट या पीठ में ऐंठन (Crumps), disturbed-sleep, mood-swings थकान, कब्ज आदि समस्याएं आती हैं|

अनियमित मासिक धर्म की परेशानी से बचाने वाले उपाय (Remedies to the problem of irregular menstruation)

अनियमित मासिक धर्म या irregular periods की परेशानी से बचाने के लिए प्रतिदिन योगाभ्यास करें, पौष्टिक व संतुलित आहार लें, खूब पानी पीएं, सकारात्मक सोचें, खुश रहने की कोशिश करें, मानसिक स्ट्रेस/तनाव न लें, थका देने वाले कार्यों से बचें| इसके साथ-साथ 6-8 घंटे की पूरी नींद लें| इन सब उपायों को करने से irregular periods की समस्या से बचा जा सकता है|

माहवारी के दौरान कुछ हार्मोन निकलते हैं जिनके कारण ओवेरी में खून की कमी हो सकती है| इस समय पेट के निचले हिस्से में बहुत दर्द या ऐंठन या ऊपर लिखित अन्य लक्षण महसूस हो सकती है| ये लक्षण अलग-अलग महिलाओं में अलग-अलग हो सकते हैं| लेकिन कभी-कभी यह दर्द इतना असहनीय हो जाता है कि बहुत सी महिलाएं इससे परेशान होकर दवाइयों का सेवन करने लगती हैं|

आहार द्वारा उपाय:-

पीरियड्स नियमित हों या अनियमित पेट-दर्द, सिर-दर्द, breast-pain, पेट या पीठ में ऐंठन (Crumps), disturbed-sleep, mood-swings, थकान, कब्ज आदि की समस्या हो तो उस समय अपने खानपान में कुछ बदलाव करके इनसे राहत मिल सकती है| कुछ को इनसे आराम आ जाता है लेकिन कई बार आराम नहीं भी मिलता है| खाने में पौष्टिक आहार का सेवन करें| खाने में हल्दी, अदरक, दालचीनी का प्रयोग करें| Aloe vera, गुड व शहद लिया जा सकता है| प्रोटीन व मिनरल्स जैसे कैल्शियम, आयरन से युक्त आहार लें| आहार में कुछ ओर पौषक तत्व या चीजें जरुर शामिल करें जैसे

आयरन और कैल्शियम युक्त आहार:- Periods के समय खून की कमी होने लगती है जिससे शरीर में आयरन की कमी भी हो सकती है| इसलिए माहवारी के समय हरी पत्तेदार सब्जियों का अधिक मात्रा में जरुर सेवन करें| इनमें आयरन काफी मात्रा में होता है, जिससे खून की मात्रा बढ़ाने में मदद मिलती है| कैल्शियम का उचित मात्रा में सेवन करने से न केवल दर्द व ऐंठन में आराम मिलता है बल्कि यह थकान दूर करने तथा mood-swings के लक्षणों को भी कम करने में सहायक है| दूध, दही, पनीर कैल्शियम के अच्छे स्त्रोत हैं| हरी पत्तेदार सब्जियां, बीन्स, ब्रोकली, fruits जैसे खजूर, अनार, सेब आदि, Nuts and seeds जैसे pumpkin seeds, बादाम, अखरोट आदि आयरन व कैल्शियम के अच्छे स्त्रोत हैं| इनसे मासिक धर्म के दौरान दर्द, heavy-flow व irregular-periods की समस्याएं ठीक करने में सहायता मिलती है| हर्बल टी का use किया जा सकता है इससे ऐंठन व दर्द से आराम मिलता है|

प्रोटीन युक्त आहार:- भोजन में प्रोटीन युक्त आहार लें| ये शरीर की सुरक्षा व विकास करने का काम करते हैं| सोयाबीन, दालें, milk and milk products आदि से हमें प्रोटीन मिलता है| यदि आप मांसाहारी हैं तो periods के समय अंडा, मीट, मछली, ले सकते हैं इनमें प्रोटीन, विटामिन-D, विटामिन-E विटामिन B-6 आदि उचित मात्रा में मिलता है|

मैग्नीशियम युक्त आहार:- मैग्नीशियम युक्त आहार लेने से दर्द व ऐंठन में आराम मिलता है|अपने आहार में बादाम, दही, पीनट-बटर, काली बीन्स, पालक आदि शामिल करें| डार्क चॉकलेट खाई जा सकती है, इसमें मैग्नीशियम व फाइबर की काफी मात्रा होती है| इन सब से शरीर को उचित मात्रा में मैग्नीशियम मिल जाता है| फिर भी जरूरत हो तो doctor ही सलाह से सप्लीमेंट्स ले सकते हैं|

ब्रोमेलैन एंजाइम के लिए केला, अनानास व किवी खा सकते हैं| ब्रोमेलैन एंजाइम से सूजन दूर होती है तथा दर्द से राहत मिलती है|

योग द्वारा उपाय:-

योग बहुत महत्वपूर्ण है जो irregular-periods को नियमित करने तथा मासिक धर्म से सम्बंधित अन्य समस्याओं से छुटकारा पाने में हमारी मदद करता है| कुछ ऐसे आसन हैं जिनके नियमित अभ्यास से इन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है जैसे – भद्रासन, जानुशिरासन, भुजंगासन, धनुरासन, सुप्तवज्रासन, पादोत्तानासन, चक्रासन व सूर्य नमस्कार आदि|

भद्रासन (Bhadrasana) यह एक बहुत ही सरल व आसान आसन है| आसन करने की विधि इस प्रकार है|

Step 1: दोनों पैरों को सामने फैलाएं व हाथों को नितम्ब के पास रखते हुए दंड आसन में बैठें|

Step 2: अब दोनों पैरों के तलवों को मिलाएं|

Step 3: हाथों से पैरों की उंगलियों को पकड़ें व एडियों को अधिक से अधिक अंदर की ओर खींचें|

Step 4: पैरों के अंदर का भाग जांघों से मिला हो|

Step 5: घुटनों के नीचे का भाग आसन से लगा हो|

Step 6: यह पूर्णता की स्थिति है| क्षमता के अनुसार कुछ समय रुकें| धीरे-धीरे रुकने की अवधि को बढ़ाएं|

How to Cure Irregular Periods with Yoga Hindi?

इस आसन का अभ्यास करने से शरीर सुदृढ़ बनता है तथा मस्तिष्क को स्थिरता मिलती है| इससे पेट के अंग क्रियाशील होते हैं तथा पेट में होने वाली समस्याओं से आराम मिलता है| महिलाओं को मासिक धर्म में होने वाली दर्द व अन्य समस्याओं से मुक्ति मिलती है तथा पीरियड्स regular होते हैं| आर्थराइटिस और साइटिका का दर्द हो तो यह आसन नहीं करना चाहिए|

जानुशिरासन (janushirasana) इस आसन के करने से यौन विकार दूर होते हैं| यह आसन प्रजनन अंगों को उत्तेजित करता है| इस आसन के करने से हार्मोन्स संतुलित रहते हैं| जठराग्नि तेज होती है| पाचन तंत्र पुष्ट होता है|

भुजंगासन (Bhujangasana) इस आसन का नियमित अभ्यास करने से महिलाओं के irregular periods सम्बन्धी परेशानियाँ दूर होती हैं| पेडू के सभी अंगों की मसाज होती है| पीठ व पेट दर्द में आराम मिलता है| कब्ज से राहत मिलती है| पेट व नितम्ब (Hips) की चर्बी कम होती है|

धनुरासन (Dhanurasana) धनुरासन करते समय जब धड़ व घुटनों को ऊपर की ओर खींचते हैं तो पेट के अंगों पर प्रभाव पड़ता है| महिलाओं के गर्भाशय व मासिक धर्म की अनियमितताएं दूर होती हैं| पेट की चर्बी घटती है| पाचन ठीक होता है तथा रीढ़ लचीली बनती है|

सुप्तवज्रासन (Suptavajrasana) इस आसन के करने से पाचन क्रिया ठीक रहती है तथा कब्ज की समस्या से राहत मिलती है| पेट, thighs, hips व कमर की चर्बी कम होती है| यह आसन reproductive organs के लिए लाभकारी है इस आसन का नियमित अभ्यास करने से प्रजनन अंग पुष्ट बनते हैं तथा मासिक धर्म नियमित होता है|

पादोत्तानासन (Padottanasana) यह कायाकल्प आसन कहलाता है| इस आसन के करने से शरीर के सभी अंग (नाभि के आस-पास का भाग, liver, spleen, stomuch, छोटी आंत, बड़ी आंत, मूल-नाल, महिलाओं के गर्भाशय, भुजाएं व पैर आदि) प्रभाव में आते हैं| स्त्रियों के लिए यह आसन बहुत अच्छा है इसका अभ्यास करने से मासिक-धर्म नियमित (regular) होता है| धरण के दोष दूर होते हैं तथा नाभि अपने स्थान पर रहती है| हर्निया व साइटिका के दोष दूर होते हैं| पेट-दर्द, गैस व बदहजमी की समस्या ठीक होती है|

चक्रासन (Chakrasana) इस आसन के करने से पेट व रीढ़ दोनों सुदृढ़ बनते हैं| रीढ़ लचीली बनती है| मस्तिष्क में रक्त की पूर्ति होती है| हृदय की किसी धमनी में रुकावट पैदा नहीं होती| महिलाओं के मासिक धर्म में नियमितता आती है, इस समय पेट में होने वाले दर्द से मुक्ति मिलती है तथा गर्भाशय की कमियां दूर होती हैं| यह आसन कमर के निचले भाग का दर्द, slip-disc व सर्वाइकल का दर्द ठीक करने में सहायक है|

सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) सूर्यनमस्कार अपने आप में एक सम्पूर्ण आसन है| सूर्यनमस्कार आसनों तथा प्राणायाम की मिश्रित प्रक्रिया है| यह स्त्रियों के लिए बहुत अच्छा आसन है| इस का अभ्यास करने से अनियमित माहवारी ठीक होती है तथा गर्भाशय के विकार ठीक होते हैं| पेट, Hips व जंघाओं की वसा घटती है| रीढ़ तथा शरीर का प्रत्येक अंग लचीला बनता है| फेफड़ों में श्वास लेने की क्षमता बढ़ती है| शरीर में रक्त का संचार सुचारू रूप से होता है|

अनियमित पीरियड्स/ Irregular periods के बारे में पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|

FAQ’s: अनियमित पीरियड्स से सम्बंधित सामान्य प्रश्न (General questions related to irregular periods)|

अनियमित माहवारी कितने दिन की होती है? (How many days are irregular menstruation?)

अगर पीरियड्स 35 दिन के बाद आयें या 21 दिन से पहले आ जाएं और ऐसा बार-बार होने लगे तो ये  अनियमित माहवारी या irregular periods कहलाते हैं|

पीरियड्स अनियमित क्यों होता है? (What are the causes of irregular periods?)

पीरियड्स के अनियमित होने के कई कारण हो सकते हैं| जैसे हार्मोन्स में असंतुलन होना, मोटापा या अधिक वजन, Poly Cystic Ovary Syndrome (PCOS), Thyroid की समस्या होने के कारण, अधिक तनाव या चिंता होने से, नींद कम आने की समस्या से, जरूरत से अधिक exercise करने के कारण आदि|

पीरियड्स रेगुलर करने के लिए क्या करें? (How to get regular periods naturally?)

पीरियड्स को regular करने के कई तरीके हो सकते हैं| जैसे

1.योग करें: अनियमित पीरियड्स को नियमित करने के लिए योग सबसे लाभदायक तरीका है| योग करने के कोई side effect भी नहीं हैं और इसे अपने सामर्थ्य के अनुसार भी किया जा सकता है|

2.मोटापा या वजन control करें: Exercise या योग द्वारा मोटापे को नियंत्रित रखें ताकि वजन न बढ़े| इसके साथ-साथ वजन को नियंत्रित करने के लिए पौष्टिक व संतुलित आहार का सेवन करें|

3.हर्ब और मसाले: कुछ ऐसे मसाले और हर्ब हैं जो औषधीय गुणों के कारण पीरियड्स को regular करने में लाभदायक हैं जैसे हल्दी, सौंफ, दालचीनी, जीरा, अदरक आदि|

4.Vitamin का सेवन करें: irregular periods को ठीक करने के लिए भोजन में विटामिन युक्त आहार की मात्रा बढ़ाएं|

5.फल खाए: पीरियड्स को नियमित करने के लिए हररोज सेब, pineapple का प्रयोग करें| सेब का सिरका भी लिया जा सकता है|

हमने इस blog में अनियमित पीरियड्स क्या है (What is irregular periods)?, अनियमित पीरियड्स के लक्षण (Irregular periods lakshan), अनियमित पीरियड्स के कारण (Causes of irregular periods), अनियमित पीरियड्स को कैसे ठीक करें? (How to cure irregular periods), आदि के बारे में जाना|

अनियमित पीरियड्स से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|

Babita Gupta

M.A. (Psychology), B.Ed., M.A., M. Phil. (Education). मैंने शिक्षा के क्षेत्र में Assistant professor व सरकारी नशा मुक्ति केंद्र में Counsellor के रूप कार्य किया है। मैं अपने ज्ञान और अनुभव द्वारा blog के माध्यम से लोगों के जीवन को तनाव-मुक्त व खुशहाल बनाना चाहती हूँ।

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