शरीर को स्वस्थ रखने तथा मांसपेशियों को विकसित करने के लिए योगाभ्यास बहुत महत्वपूर्ण हैं| योग के अभ्यास द्वारा शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ती ही है साथ ही व्यक्ति शारीरिक व मानसिक रूप से भी स्वस्थ होता है| इसलिए योग करें स्वस्थ रहें|
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धनुरासन क्या है (what is Dhanurasana)?
पेट के बल लेट कर किये जाने वाला यह एक महत्वपूर्ण आसन है| जब हम पूर्णता की स्थिति में आते हैं तो शरीर की आकृति एक धनुष के समान दिखाई देती है इएलिए इसे धनुरासन या bow-pose कहते हैं|
धनुरासन करने का तरीका (Procedure of Dhanurasana in Hindi)
Step 1: पेट के बल लेटें|
Step 2: एड़ी-पंजे मिलाएं| पंजे बाहर की ओर ताने|
Step 3: दोनों हाथ शरीर के दाएं-बाएं रखें व माथा आसन पर हो|
Step 4: पैरों को घुटने से मोड़े व अपने हाथों से पैर के टखने पकड़ें|
Step 5: श्वास भरें और आगे से धड़ व पीछे से घुटनों को ऊपर उठायें|
Step 6: शरीर का पूरा भार (weight) पेट पर रहे|
Step 7: यह पूर्णता की स्थिति है| कुछ सेकंड रुकें व सामान्य श्वास लेते रहें|
Step 8: धीरे-धीरे वापिस आएं व मकरासन में विश्राम करें|
धनुरासन (Dhanurasana) करने की सही विधि व इसकी पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|
धनुरासन के फायदे (Dhanurasana benefits in Hindi)
धनुरासन एक ऐसा आसन है जिसका नियमित अभ्यास करने से भुजंगासन तथा शलभासन के फायदे एक साथ मिल जाते हैं|
रीढ़ स्वस्थ, सुदृढ़ व लचीली बनती है: पूरा दिन हम आगे की ओर झुकते हैं लेकिन इस आसन में हम पीछे की ओर झुकते हैं जिससे रीढ़ की गोटियों के बीच की गद्दियों में दबाव आता है व रीढ़ सीधी व मजबूत रहती है| धनुरासन का नियमित अभ्यास करने से रीढ़ व इसके आस-पास की मांसपेशियों में खिंचाव आने से यह स्वस्थ, सुदृढ़ व लचीली बनती है|
कमर दर्द के लिए बहुत अच्छा आसन: धनुरासन का नियमित अभ्यास करने से कमर के दर्द में आराम मिलता है|
पेट, Hips व Thighs की चर्बी कम होती है: धनुरासन का अभ्यास करते समय जब हम अपनी भुजाओं से पैरों को पकड कर ऊपर की ओर खींचते हैं तो Thighs में खिंचाव आने से Thighs व Hips की तथा पेट के बल शरीर का पूरा भार आने से पेट की अतिरिक्त चर्बी कम होती है|
पेट की समस्याओं में आराम: धनुरासन करते समय हम पेट के बल पूरे शरीर का भार उठाते हैं| इससे पेट के अवयवों की मसाज होती है| धनुरासन का अभ्यास यकृत (Liver), अग्न्याशय (Pancreas) तथा वृक्क (Kidney) को स्वस्थ बनाता है| पाचन सुदृढ़ होता है तथा कब्ज की शिकायत दूर होती है| गैस की समस्या दूर होती है तथा पेट के रोग ठीक होते हैं|
भुजाएं व पैर बलिष्ठ बनते हैं: धनुरासन करते समय जब हम अपनी भुजाओं से पैरों को पकड कर ऊपर की ओर खींचते हैं तो पैर व हाथ खिंचाव में आने से इन की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं|
फेफडों में श्वास लेने की क्षमता: धनुरासन करते हुए सीने पर खिंचाव आता है जिससे फेफड़े फैलते हैं| फेफडों के फैलने से उनमें श्वास लेने की क्षमता बढ़ती है|
सर्वाइकल के दोष दूर: धनुरासन का नियमित अभ्यास करने से गर्दन व कंधे खिंचाव में आने से सर्वाइकल (Cervical) के दोष ठीक होते हैं|
साइटिका के दोष दूर: धनुरासन करने से Hips व Thighs में खिंचाव आने के कारण साइटिका (Sciatica) के दर्द की समस्या ठीक होती है|
High B.P. के दोष दूर: धनुरासन करने से उच्च रक्तचाप के दोष दूर होते हैं|
तनाव आदि में आराम: धनुरासन का प्रतिदिन अभ्यास करने से तनाव (Stress), अवसाद (Depression) व चिंता (Tension) को दूर करने में सहायता मिलती है|
धनुरासन किन-किन के लिए वर्जित है (For whom Dhanurasana is prohibited)?
- जिन्हें कमर में बहुत अधिक दर्द हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
- जिनके पेट की सर्जरी हुई हो या जिन्हें हर्निया की समस्या हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
- हृदय के रोगियों (Heart patients) को यह आसन नहीं करना चाहिए|