गोमुखासन की विधि और लाभ (Gomukhasana procedure and benefits in Hindi)

इस blog में गोमुखासन क्या है (What is Gomukhasana)?, गोमुखासन की विधि (Gomukhasana steps) और गोमुखासन के लाभ (Gomukhasana benefits) के बारे में बताया गया है|

तनाव व चिंता को कम करने वाला, कंधों व गर्दन के दर्द में आराम दिलाने वाला, भुजाओं, पैरों व पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने वाला गोमुखासन बहुत महत्वपूर्ण आसन है|

जब तक स्वास्थ्य ठीक न हो तो व्यक्ति के जीवन में सफलता की आशा करना असम्भव है| स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए योग जरूरी है| योग का अभ्यास रोग-निवारक भी होता है तथा आरोग्यकर भी होता है| कुछ आसन खांसी, मलावरोध व जठरीय (gastric) रोगों को दूर करते हैं, तो कुछ तनाव, चिंता व थकान दूर करते हैं| आसनों का नियमित अभ्यास व्यक्ति को रोग-मुक्त व स्वस्थ रखने में सहायक है|

गोमुखासन क्या है (what is Gomukhasana)?

बैठ कर किये जाने वाले आसनों में गोमुखासन बहुत ही महत्वपूर्ण आसन है| गोमुखासन तीन शब्दों के मेल से बना है गो+मुख+आसन | यहाँ गो का अर्थ है गाय, मुख का अर्थ है मुंह तथा आसन का अर्थ है आकृति या मुद्रा | आसन करते समय जब हम आसन की पूर्ण स्थिति में आते हैं तो शरीर की आकृति गाय के मुख के समान दिखाई देती है, इसलिए इसे गोमुखासन या cow-face-pose कहते हैं|
Gomukhasana Benefits Hindi, गोमुखासन

गोमुखासन की विधि ( Gomukhasana steps in Hindi)

गोमुखासन की विधि step by step इस प्रकार है:

Step 1: गोमुखासन के लिए आसन पर आराम से बैठ जाएं व एड़ी-पंजा मिलाएं|

Step 2: दाएं पैर को घुटने से मोड़ें और बाएं पैर के नीचे से लाते हुए उसकी एड़ी पर बैठ जाएं|

Step 3: बाएं पैर को घुटने से मोड़कर दाएं घुटने के ऊपर से इस प्रकार लायें कि घुटने पर घुटना आ जाए तथा बाएं पैर की एड़ी नितम्ब के पास आ जाए|

Step 4: जो घुटना ऊपर है उस तरफ के हाथ (बाएं) को ऊपर से तथा दूसरे हाथ को नीचे से कमर (पीठ) के पीछे लाते हुए इस प्रकार पकड़ें कि उंगलियां आपस में फंसी हों|

Step 5: ऊपर वाले हाथ की कोहनी कान के पीछे सिर पर सटी हो|

Step 6: यह पूर्णता की स्थिति है अब श्वास सामान्य लेते रहें|

Step 7: धीरे-धीरे हाथों को वापिस लायें तथा पैरों को सीधा करें|

Step 8: यही क्रिया दूसरी ओर से करेंगे|

Step 9: बाएं पैर को घुटने से मोड़ें और उसकी एड़ी पर बैठें|

Step 10: दाएं पैर को घुटने से मोड़कर इस प्रकार रखें कि घुटने पर घुटना आ जाए तथा दाएं पैर की एड़ी नितम्ब के पास आ जाए|

Step 11: दाएं हाथ को ऊपर से तथा बाएं हाथ को नीचे से पीठ के पीछे लाएं तथा उंगलियों को आपस में फंसाकर खींचे|

Step 12: यह पूर्णता की स्थिति है अब श्वास सामान्य लेते रहें|

Step 13: धीरे-धीरे हाथों को वापिस लायें तथा पैरों को सीधा करें|

गोमुखासन (Gomukhasana) करने की सही विधि व इसकी पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं:

गोमुखासन के फायदे (Gomukhasana benefits in Hindi)

तनाव व चिंता दूर: गोमुखासन का नियमित अभ्यास मानसिक समस्याओं को दूर करने में लाभदायक है| इसे करने से मानसिक थकान, तनाव व चिंता को कम किया जा सकता है|

गैस व पेट के रोग दूर: इस आसन के करने से निष्कासन अंग प्रभावित होते हैं जिससे गैस व अपच, कब्ज आदि पेट की बीमारियां दूर होती हैं|

फेफड़ों के लिए उपयोगी: इस आसन के करने से फेफडों में श्वास लेने की क्षमता बढ़ती है| श्वास संबंधी समस्या में आराम मिलता है तथा दमे के रोगी को राहत मिलती है|

मधुमेह के रोगियों के लिए लाभदायक: गोमुखासन का नियमित अभ्यास करने से मधुमेह-रोग होने की संभावना नहीं होतीं | यह आसन मधुमेह-ग्रस्त रोगियों के लिए बहुत लाभदायक है| इस आसन का नियमित अभ्यास करके मधुमेह को control किया जा सकता है|

साइटिका व सर्वाइकल की समस्या दूर: गोमुखासन का नियमित अभ्यास करके sciatica व cervical की समस्या को दूर किया जा सकता है|

गर्दन व पीठ के दर्द में आराम: इस आसन का नियमित अभ्यास करने से रीढ़, गर्दन व कंधे की मांसपेशियां खिंचाव में आती हैं, जिससे गर्दन व कंधे की दर्द, कमर दर्द  तथा पीठ दर्द की समस्या में आराम मिलता है|

पैर व हाथ की कमजोरी दूर: हर रोज इस आसन का अभ्यास करने से पैर व हाथ की नसों की कमजोरी दूर होती है तथा ये मजबूत बनती हैं|

घुटनों के दर्द में आराम: इस आसन का अभ्यास करने से घुटनों के आसपास खिंचाव आता है जिससे घुटनों के दर्द से राहत मिलती है| लेकिन अगर पहले से ही घुटनों में दर्द अधिक हो तो आसन का अभ्यास न करें|

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गोमुखासन किन-किन के लिए वर्जित है (For whom Gomukhasana prohibited)?

किन-किन लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए|

  • जिनके घुटनों में दर्द हो उन्हें ये आसन नहीं करना चाहिए|
  • कंधों में दर्द बहुत अधिक हो तो ये आसन नहीं करना चाहिए|

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FAQ’s: गोमुखासन से सम्बंधित सामान्य प्रश्न (General questions related to Gomukhasana)|

गोमुखासन कितनी बार करना चाहिए (How many times should we do Gomukhasana)?

गोमुखासन बैठ कर किए जाने वाले आसनों में बहुत महत्वपूर्ण आसन है| इसका अभ्यास करते समय हम दाएं व बाएं दोनों तरफ से करते हैं तब एक चक्र पूरा होता है| इस प्रकार गोमुखासन के 4 से 5 चक्र अपनी क्षमता के अनुसार किये जा सकता हैं|

गोमुखासन कब करना चाहिए? (When to do Gomukhasana)?

अन्य सभी आसनों तरह गोमुखासन भी सुबह के समय किया जाए तो अत्यधिक लाभ देता है| यदि सुबह ना कर सकें तो शाम के समय भी गोमुखासन किया जा सकता है| शाम के समय आसन करने व भोजन के बीच 3 से 4 घंटे का अंतर जरुर होना चाहिए|

गोमुखासन के मुख्य लाभ क्या हैं? (What are the main benefits of Gomukhasana)?

गोमुखासन बहुत लाभदायक आसन है| मधुमेह को control करने में विशेष रूप से लाभकारी आसन है| इसका अभ्यास तनाव व चिंता से मुक्ति दिलाने में सहायक है| गोमुखासन करने से हाथ, पैर और पीठ की मांसपेशियां खिंचाव में आने से मजबूत बनती हैं| इस आसन के करने से फेफड़ों में सांस लेने की क्षमता बढ़ती है| पेट के दोष दूर होने से लाभ मिलता है| इस आसन का नियमित अभ्यास करने से कंधे व गर्दन प्रभावित होकर मजबूत बनते हैं|

इस blog में गोमुखासन क्या है (What is Gomukhasana)?, गोमुखासन की विधि (Gomukhasana steps) और गोमुखासन के लाभ (Gomukhasana benefits) के बारे में जाना|

गोमुखासन से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|

Babita Gupta

M.A. (Psychology), B.Ed., M.A., M. Phil. (Education). मैंने शिक्षा के क्षेत्र में Assistant professor व सरकारी नशा मुक्ति केंद्र में Counsellor के रूप कार्य किया है। मैं अपने ज्ञान और अनुभव द्वारा blog के माध्यम से लोगों के जीवन को तनाव-मुक्त व खुशहाल बनाना चाहती हूँ।

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