वृक्षासन की विधि, लाभ और सावधानियां (Vrikshasana Benefits in Hindi)

इस blog में वृक्षासन क्या है (What is Vrikshasana), वृक्षासन की विधि और लाभ (Vrikshasana steps and benefits) के बारे में जानेंगे|

खड़े होकर किए जाने वाले आसनों में वृक्षासन बहुत ही महत्वपूर्ण आसन है| शरीर को वृक्ष की तरह सुदृढ़ और हड्डियों को मजबूत करने वाला यह बहुत लाभदायक आसन है|  

योगासन का नियमित अभ्यास व्यक्ति को स्वस्थ शरीर, दीर्घ आयु, उत्साह, बल व शक्ति देता है| शरीर को स्वस्थ रखने तथा मांसपेशियों को विकसित करने के उद्देश्य से योगासन बहुत ही महत्वपूर्ण माने गए हैं| खड़े होकर करने वाले आसनों में एक आसन वृक्षासन है जिसके करने से शरीर बलिष्ठ बनता है|

वृक्षासन क्या है (What is Vrikshasana/Tree pose)?

वृक्षासन दो शब्दों के मेल से बना है वृक्ष + आसन | वृक्ष का अर्थ है पेड़ तथा आसन का अर्थ है आकृति (shape) अर्थात् पेड़ के समान आकृति है जिसकी | वृक्षासन करते हुए जब व्यक्ति पूर्णता की स्थिति में आता है तो वह स्थिति देखने में पेड़ (tree) के समान लगती है| इसलिए इसे वृक्षासन या Tree pose कहते हैं|

Vrikshasana Benefits in HIndi

वृक्षासन की विधि ( Vrikshasana Steps in Hindi)

वृक्षासन योग करने की सही विधि आप video द्वारा मेरे इस youtube link पर देख सकते हैं:

Step 1: वृक्षासन करने के लिए आसन पर सीधे खड़े हो जाएँ| एड़ी-पंजा मिलाएं| दोनों भुजाएं शरीर के साथ मिली हुई हों|

Step 2: श्वास भरते हुए अपने दायें पैर को घुटने से मोड़कर उसकी एड़ी को बांई जंघा-मूल (जंघा की जड़) में लगाएं|

Step 3: पंजों का रुख नीचे की ओर हो तथा घुटने को दायें तरफ खिंचाव में रखें|

Step 4: श्वास भरते हुए दोनों हाथों को सिर से ऊपर ले जाकर नमस्कार की मुद्रा में मिला दें|

Step 5: उँगलियों से उँगलियाँ व अंगूठे से अंगूठा मिला हुआ हो| हाथों को ऊपर की ओर खीँच कर रखें|

Step 6: किसी एक जगह दृष्टि टिका कर रखें ताकि balance बना रहे|

Step 7: यह पूर्णता की स्थिति है| अब सामान्य श्वास लेते रहें| कुछ सेकंड इसी स्थिति में बने रहें|

Step 8: अब अपने हाथों को दाएं-बाएं से वापिस लाएं| दाएं पैर को सीधा करें|

Step 9: यही क्रिया बाईं तरफ से करें| फिर विश्राम करें| लम्बे गहरे श्वास लें इससे श्वास सामान्य हो जायेंगे|

Step 10: शुरू में अपने शरीर की क्षमता के अनुसार कुछ सेकंड तक रुकें| धीरे-धीरे balance बनने लगेगा| फिर पूरे आसन में रुकने की अवधि को 1 से 3 मिनट तक बढ़ाएं|

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वृक्षासन के लाभ (Vrikshasana Benefits in Hindi)

  • शरीर सुदृढ़ बनता है: इस आसन के करने से जब हम पैर पर वजन डालते हुए खड़े होते हैं तो पैरों व thigh की मांसपेशियां मजबूत होती हैं तथा शरीर वृक्ष की तरह सुदृढ़ बनता है|
  • हड्डियाँ मजबूत होती हैं: इस आसन के करने से रीढ़, hips, हाथों तथा पैरों की हड्डियाँ मजबूत होती हैं|
  • शारीरिक संतुलन: इस आसन को करते समय हम अपने एक बार दाएं व दूसरी बार बाएं पैर पर balance बना कर स्थिर व सीधे खड़े रहना सीखते हैं तो पैरों में stability आती है व हमारे शरीर का संतुलन बनता है|
    Vrikshasana Pose
  • आत्मविश्वास बढ़ता है: वृक्षासन करने से शारिरिक फायदा तो होता ही है साथ ही साथ मानसिक लाभ भी मिलता है| जब हम पूरा ध्यान लगा कर शरीर को संतुलित करते हुए आसन करते हैं तो इससे शरीर के साथ-साथ विचारों में भी संतुलन बनता है| इससे एकाग्रता (concentration) बढ़ती है, दिमाग तंदरुस्त बनता है, तनाव घटता है तथा self-confidence आता है|
  • साइटिका (sciatica) के दोष दूर: वृक्षासन करते समय hips में खिंचाव होता है| Hips पर प्रभाव पड़ने के कारण नियमित आसन का अभ्यास करते रहने से धीरे-धीरे साइटिका के दोष दूर होने लगते हैं|
  • श्वसन प्रक्रिया बेहतर बनती है: जब हम पैर के ऊपर खड़े होकर हाथों को ऊपर की तरफ खींचते हैं तो rib-cage ऊपर उठता है| जिसके कारण फेफड़े फैलते हैं और फेफड़ों (lungs) में श्वास लेने की क्षमता बढ़ती है | इस प्रकार श्वसन प्रक्रिया बेहतर होने से अधिक मात्रा में ऑक्सीजन (oxygen) फेफडों में जाती है|

वृक्षासन किन-किन के लिए वर्जित है (For whom Vrikshasana prohibited)?

वृक्षासन निम्नलिखित बिमारियों से ग्रसित लोगों को नहीं करना चाहिए:

  • साइटिका (sciatica) की pain अधिक हो तो ये आसन उस समय नहीं करना चाहिए|
  • Hips और घुटनों में दर्द अधिक हो तो उस समय ये आसन नहीं करना चाहिए|
  • गठिया (आर्थराइटिस) की समस्या हो तो ये आसन नहीं करना चाहिए|
  • चक्कर आने की समस्या वाले इस आसन का अभ्यास न करें|
  • बी.पी. की समस्या अधिक हो तो उस समय भी इस आसन को न करें|

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FAQ’s: वृक्षासन से सम्बंधित सामान्य प्रश्न (General questions related to Vrikshasana)|

वृक्षासन कितनी देर करना चाहिए? (How long should vrikshasana be done)?

वृक्षासन खड़े होकर किए जाने वाले आसनों में से एक है| इसका पूरा अभ्यास हो जाने पर, धीरे-धीरे आसन की पूर्णता की स्थिति में रुकने की अवधि को 1 मिनट से 3 मिनट तक अपने सामर्थ्य के अनुसार करें|

वृक्षासन कब करना चाहिए? (When should vrikshasana be done)?

वृक्षासन भी अन्य सभी आसनों तरह सुबह के समय किया जाए तो अत्यधिक लाभ देता है| यदि सुबह समय ना हो तो शाम के समय भी वृक्षासन करना लाभदायक है| शाम के समय आसन करने व भोजन के बीच 3 से 4 घंटे का अंतर जरुर होना चाहिए|

वृक्षासन करते समय क्या सावधानियां रखें? (precautions during vrikshasana)

वृक्षासन ध्यान से धीरे-धीरे करें| अपने आपको गिरने न दें| शुरू में किसी चीज का सहारा लें| अभ्यास हो जाने पर बिना सहारे के करें| किसी भी प्रकार का झटका लगने से बचें|

इस blog में वृक्षासन क्या है (What is Vrikshasana), वृक्षासन की विधि और लाभ (Vrikshasana steps and benefits) के बारे में जाना|

इस विषय से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|  

Babita Gupta

M.A. (Psychology), B.Ed., M.A., M. Phil. (Education). मैंने शिक्षा के क्षेत्र में Assistant professor व सरकारी नशा मुक्ति केंद्र में Counsellor के रूप कार्य किया है। मैं अपने ज्ञान और अनुभव द्वारा blog के माध्यम से लोगों के जीवन को तनाव-मुक्त व खुशहाल बनाना चाहती हूँ।

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