योगासनों का स्वरूप रोग निवारक और आरोग्यकर दोनों ही होता है| कुल मिलाकर ये रोगों को शरीर पर आक्रमण करने से रोकते हैं| कुछ आसन खांसी, मलावरोध और जठरीय रोगों को भी दूर करते हैं| पवनमुक्तासन इसी प्रकार का आसन है|
Table of Contents
पवनमुक्तासन क्या है (What is Pawanmuktasana)?
पेट की गैस व मोटापा दूर करने वाला पवनमुक्तासन बहुत महत्वपूर्ण आसन है| पवनमुक्त दो शब्दों से मिल कर बना है पवन + मुक्त | इस में पवन का अर्थ है वायु तथा मुक्त का अर्थ है छोड़ना| यह आसन पेट व आंतों से वायु/वात को बाहर निकालने में सहायक है इसलिए इसे पवनमुक्तासन कहते हैं|
पवनमुक्तासन करने का तरीका (Procedure of Pawanmuktasana in Hindi)
Step 1: पीठ के बल लेटें| एड़ी, पंजे व घुटने मिलाएं|
Step 2: दाएं पैर को घुटने से मोड़ें| दोनों हाथों की उँगलियों को आपस में फंसाते हुए पैरों को पकड़ें|
Step 3: श्वास भरें व पैरों से पेट को दबाएं|
Step 4: जिनको सर्वाइकल की समस्या नहीं है केवल वही श्वास छोड़ते हुए गर्दन को ऊपर उठाएं व नासिका को घुटने से लगाएं|
Step 5: यह पूर्णता की स्थिति है अब सामान्य श्वास लेते रहें व कुछ क्षण रुकें|
Step 6: श्वास भरते हुए गर्दन नीचे व श्वास छोड़ते हुए दायां पैर सीधा करें|
Step 7: अब यही क्रिया बाएं पैर से करेंगें| बाएं पैर को घुटने से मोड़कर दोनों हाथों के grip में लें|
Step 8: श्वास भरें व पैर से पेट को दबाएं|
Step 9: श्वास छोड़ते हुए गर्दन ऊपर उठाएं व नासिका को घुटने से लगाएं| कुछ क्षण रुकें|
Step 10: श्वास भरते हुए गर्दन नीचे व श्वास छोड़ते हुए बायां पैर सीधा करें|
Step 11: अब यही क्रिया दोनों पैरों से करेंगें| दोनों पैरों को घुटने से मोड़ें व एडियां hips के नजदीक रखें|
Step 12: पैरों को दोनों हाथों के grip में लें व पैरों से पेट को दबाएं|
Step 13: श्वास छोड़ते हुए गर्दन को ऊपर उठाएं व नासिका दोनों घुटनों के मध्य लेकर जाएँ|
Step 14: कुछ क्षण रुकें| श्वास भरते हुए गर्दन नीचे व श्वास छोड़ते हुए पैर सीधे करें|
Step 15: अब शवासन में विश्राम करें|
पवनमुक्तासन (Pawanmuktasana) करने की सही विधि व इसकी पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|
पवनमुक्तासन के फायदे (Pawanmuktasana benefits in Hindi)
पेट की गैस दूर करने में लाभदायक: इस आसन का नियमित अभ्यास करने से वायु विकार दूर होता है तथा पेट के फुलाव कम होता है|
पेट की चर्बी कम होती है: इस आसन के करने से पेट की अतिरिक्त चर्बी घटती है तथा मोटापा कम होता है|
कब्ज व पाचन क्रिया ठीक होती है: इस आसन का नियमित अभ्यास करने से पाचन व निष्कासन ठीक होता है तथा कब्ज की समस्या से राहत मिलती है|
पेट विकार ठीक होते हैं: यह आसन पेट के भाग पर गहरा आंतरिक दबाव डालता है| इस आसन के करने से आंतें, Liver, तिल्ली व अमाशय के विकार समाप्त होते हैं|
पीठ के लिए लाभदायक: जब हम सिर को ऊपर उठा कर नासिका घुटनों के पास लाते हैं तो कमर के भाग में खिंचाव होता है पीठ की मांसपेशियों से अतिरिक्त चर्बी कम होती है तथा मांसपेशियां मजबूत होती है|
रीढ़ प्रभावित: रीढ़ की तंत्रिकाओं (spinal nerves) को ठीक रखने में यह आसन लाभदायक है| इस आसन के करने से रीढ़ की तंत्रिकाएं/स्नायु सुगठित (structured) होते हैं|
पवनमुक्तासन किन-किन के लिए वर्जित है (For whom Pawanmuktasana is prohibited)?
किन-किन को यह आसन नहीं करना चाहिए|
- जिन्हें पेट संबंधी समस्या हो या हर्निया की समस्या हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
- जिन्हें साइटिका की दर्द हो या कमर में दर्द अधिक हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
- जिन्हें सर्वाइकल की समस्या हो या slip disc की समस्या हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
- गर्भावस्था के समय भी यह आसन नहीं करना चाहिए|