बाजरा के फायदे (Bajra/Pearl Millet Ke Fayde in Hindi)

इस blog में बाजरा क्या है (Bajra/Pearl millet kya hai?), बाजरा के पौषक तत्व (Mote anaj-Bajra ke poshak tatav), बाजरे के उपयोग (Pearl millet uses), बाजरे के फायदे (Bajre ke fayde), के बारे में जानेगे|

Bajra Pearl Millet

बाजरे का भोजन के रूप में प्रयोग, अन्य मोटे अनाज की अपेक्षा, सबसे अधिक किया जाता है| अगर दानों के आकार के बारे में बात करें तो बाजरा मोटे अनाजों में दूसरे स्थान पर आता है| पौषक तत्वों से भरपूर बाजरा बहुत गुणकारी अनाज है| यह ग्लूटेन फ्री अनाज है| फाइबरयुक्त होने के अलावा, इसमें आयरन, प्रोटीन, विटामिन्स, मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक बहुत मात्रा में होते हैं| इसलिए इसे न्यूट्री सीरियल कहा जाता है|

Image of Pearl millet Bajre ka sitta

बाजरा क्या है (What is Bajra/Pearl Millet)

बाजरामोटे अनाज की श्रेणी में आता है| अगर दानों के आकार को देखें तो यह दूसरे स्थान पर आता है| पौषक तत्वों की विशेषता के कारण यह अनाज अदभुत अनाज या न्यूट्री सीरियल कहलाता है| इसे मोती बाजरा (Pearl millet) भी कहते हैं| पहले समय में बाजरा बहुत अधिक प्रयोग किया जाता था, गेंहू का चलन तो बहुत बाद में शुरू हुआ है|

इसमें फाइबर पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है| फाइबर युक्त होने के कारण यह पाचन व निष्कासन में सहायक हैं| इसे खाने से कब्ज की समस्या नहीं होती | इसे खाने के बाद प्यास भी बहुत लगती है| इसलिये हम बार-बार पानी पीते हैं और खूब पानी पीना पाचन तंत्र के लिए लाभदायक है|

Image of Bajra (Pearl Millet)

मोटे अनाजों में बाजरा सबसे अधिक उगाया जाने वाला अनाज है| यह ऐसा मोटा अनाज है जो उन जगहों पर भी उगाया जा सकता है जहाँ बारिश कम होती है या मिटटी की गुणवत्ता अच्छी नहीं है| बाजरे की पैदावार के लिए कम पानी की जरूरत पडती है| इसकी खेती कम पानी और बिना फ़र्टिलाइज़र के की जाती है| इसकी पैदावार आसानी से हो जाती है तथा यह कम खर्चीली फसल है| इसलिए इसकी पैदावार पर खर्च कम होता है और आमदनी अधिक होती है|

बाजरे का पौधा पशुओं को चारे के रूप में खिलाया जाता है और बाजरे के दाने निकालने के बाद जो भूसा बचता है उसे पशुओं के नीचे बिछाने के काम लिया जाता है| इस भूसे को बूंबला कहते हैं| जिस पर बाजरे के दाने लगे होते हैं उसको सिट्टा (Sitta) कहते हैं|

बाजरे में कौन-कौन से पौषक तत्व पाए जाते हैं? (Bajra Nutritional Value)

फाइबरयुक्त बाजरे में आयरन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक आदि पौषक तत्व पाए जाते हैं| इसमें ग्लूटेन नहीं होता|

Image of Bajre ka aata (Millet flour)

बाजरे के भाव (Average Price of Bajra/Pearl Millet)

  • अलग-अलग स्टेट में बाजरे का भाव अलग-अलग है|
  • Average Retail price :– 30/- per kg
  • Average Whole sale price :- 2000/- per Quintal

बाजरा के क्या उपयोग हैं? (Bajra/Pearl Millet Uses)

बाजरा अपने पौषक तत्वों के कारण बहुत उपयोगी है| बाजरे का उपयोग अलग-अलग चीजें बनाने में किया जाता है|

– बाजरे की रोटी
– बाजरे की खिचड़ी
– चिला
– हलवा
– चूरमा
– मीठी सुहाली (मीठी-मट्ठी)
– Biscuit
– राबड़ी
– टिक्की
– इडली
– डोसा
– उपमा

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बाजरे के फायदे (Bajra/Pearl Millets Ke Fayde)

बाजरा एक ऐसा मोटा अनाज है जिसमें बहुत अधिक पौषक तत्व पाए जाते हैं, इसलिए यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है| बाजरा खाने के निम्नलिखित लाभ हैं|

उर्जा: बाजरे में आयरन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, प्रोटीन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक आदि काफी मात्रा में पाया जाता है इसलिए बाजरे के सेवन से शरीर को एनर्जी मिलती है| ऊर्जा का अच्छा स्त्रोत होने के कारण इसे सर्दियों में use किया जाता है| इसे खाने से शरीर को ताकत मिलती है और शरीर स्वस्थ रहता है|

पाचन में सहायक: बाजरा पाचन-तंत्र को मजबूत करता है| इसमें (यह) फाइबर से भरपूर होने के कारण पाचन क्रिया में मदद करता है| इसके सेवन से कब्ज ठीक होती है| इसे खाने के बाद प्यास भी बहुत लगती है| इसलिये हम बार-बार पानी पीते हैं और खूब पानी पीना पाचन तंत्र के लिए लाभदायक है| पेट के अन्य दोष गैस, एसिडिटी आदि ठीक रहते हैं|

एनीमिया: बाजरा आयरन का अच्छा स्त्रोत है| इसलिए बाजरा खाने से खून में आयरन की कमी दूर होती है और यह हमें एनीमिया नहीं होने देता| खून की कमी होने पर भी बाजरे का सेवन लाभदायक होता है|

तनाव को कम करता है: बाजरा तनाव को कम करने में मदद करता है| इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स (Anti-oxident) व एमिनो एसिड के गुण होते हैं, इसलिए यह तनाव को दूर करने में मददगार है|

Heart problem कम होती हैं: बाजरा खाने से blood circulation ठीक रहता है, जिससे धमनियां block नहीं होती और हम हृदय सम्बंधी रोगों से बचे रहते हैं|

Cholesterol का नियन्त्रण: हमारे शरीर के blood में कोलेस्ट्रॉल का एक निश्चित स्तर होता है| यदि कोलेस्ट्रॉल की मात्रा इस स्तर से बढ़ जाए तो यह शरीर की धमनियों में जमा होना शुरू हो जाता है, जिससे हमारा blood-circulation बिगड़ने लगता है| बाजरा कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखता है| यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है तथा खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है|

High B.P. control: बाजरे में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होने के कारण High B.P.  होने का खतरा कम रहता है| बाजरे का सेवन रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक है|

कैंसर नहीं होने देता: बाजरे में कैंसर विरोधी गुण होते हैं, इसलिए ये हमें कैंसर नहीं होने देता, खासतौर पर स्तन-कैंसर|

वजन घटाने में सहायक: बाजरा धीमी गति से पचता है इसलिए इसे खाने से भूख कम लगती है| बार-बार खाना खाने की इच्छा नहीं होती| बाजरे में फाइबर की मात्रा अधिक होती है इसके कारण पेट जल्दी भर जाता है इसलिए भी यह वजन घटाने में सहायक है| इसे खाने से मोटापा नहीं बढ़ता|

अस्थमा में लाभकारी: बाजरा खाने से अस्थमा होने की संभावना घट जाती है|

डायबिटीज में लाभकारी: बाजरा diabetes के रोगियों के लिए बहुत लाभकारी है| बाजरे में कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो धीरे-धीरे पचते हैं और ग्लूकोस के level को अधिक समय तक maintain रखते हैं| blood में sugar के level पर नियन्त्रण रहने से डायबिटीज control में रहती है|

त्वचा सम्बंधी समस्याओं में लाभकारी: बाजरे में विटामिन-C व विटामिन-E पाया जाता है इसलिए इसे खाने से त्वचा कोमल हो जाती है और झुरियां कम पडती हैं|
इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक: इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स के गुण होते हैं| यह हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है| रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढने से हम बहुत सी बीमारियों से बच जाते हैं|

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FAQ’s: बाजरे से सम्बंधित सामान्य प्रश्न (Questions Related to Bajra/Pearl Millet)

बाजरे का सेवन कैसे करें? (How to eat/use Bajra?)

बाजरा मोटे अनाज की श्रेणी में आता है| सभी मोटे अनाज को 5-6 घंटे भिगोकर खाने की सलाह दी जाती है| इसलिए बाजरे को भी पानी में भिगोकर रखें, फिर प्रयोग करें| बाजरे से रोटी, खिचड़ी, biscuits, सुहाली (ऐसी रोटी जो छोटी-छोटी, थोड़ी मोटी मगर मीठी होती हैं) आदि बनाई जाती हैं| इसे roast करके भी खाया जाता है| 

साबुत अनाज को हम एक साल तक रख सकते हैं| लेकिन आटा को बहुत अधिक समय तक नहीं रखना चाहिए| अगर इसके आटे को महीने – दो महीने रखा जाए तो शरीर को पौषक तत्व नहीं मिल पाते| क्योंकि यह केवल पेट तो भर देता है, लेकिन इसकी nutritional value घट जाती है|

बाजरे की रोटी: बाजरे की रोटी बनाने के लिए जितना आटा लिया है उतना ही पानी लें और पानी को उबाल लें| अब बर्तन में आटा डालकर इस गर्म पानी को डालें और चम्मच की सहायता से मिलाकर रख दें| यह पूरी तरह से अभी नहीं गुथेगा| थोड़ी देर बाद जब यह गर्म ना रहे तब आप हाथ से इसे अच्छी तरह मल लें और dough बना लें| अब यह चपाती बनाने के लिए तैयार है|

बाजरे की खिचड़ी: बाजरे की खिचड़ी बनाने के लिए इसे थोड़ा सा पानी छिड़ककर आधा घंटा रख दें| फिर हल्का सा कूट लें ताकि इसका छिलका उतर जाए| अब इस छिलके को पिछोड़कर (छिलका अलग करना) हटा लें| फिर पानी छिड़ककर थोड़ी देर रखें| फिर से हल्का सा कूट लें और छिलका अलग कर लें| अब गैस पर पानी उबालें और उसमें बाजरा डाल दें साथ ही थोड़ी सी चने की दाल भी डाल दें| इसमें स्वादानुसार नमक डालें और धीरे-धीरे कम आंच पर पकने दें| बीच-बीच में चलाते रहें| दाना गल जाने पर आंच से उतार दें| अब जैसे आप खाना चाहें उसी के साथ serve करें|

बाजरे से क्या-क्या बना सकते हैं? (What we can make from Bajra?)

बाजरा सेहत के साथ-साथ स्वाद के लिए भी जाना जाता है| बाजरे का उपयोग अलग-अलग चीजें बनाने में किया जाता है|

– बाजरे की रोटी
– बाजरे की खिचड़ी 
– चिला 
– हलवा 
– चूरमा 
– मीठी सुहाली (मीठी-मट्ठी)
– Biscuit

बाजरा खाने के क्या-क्या लाभ हैं? (Bajra/Pearl millet khane ke labh)

बाजरा फाइबरयुक्त व ग्लूटेन-फ्री है| इसके अतिरिक्त बाजरे में आयरन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक आदि पौषक तत्व पाए जाते हैं| ये मोटे अनाज की श्रेणी में आता है| इसे खाने के बहुत फायदे हैं जैसे:

– बाजरा खाने से शरीर को एनर्जी मिलती है|
– यह शरीर में खून की कमी नहीं होने देता|
– फाइबरयुक्त होने के कारण पाचन-तंत्र को मजबूत करता है|
– Heart के लिए बहुत लाभदायक है|
– Diabetes के रोगी के लिए लाभदायक है|
– जिन्हें गेंहू खाने से किसी प्रकार की allergy होती है, उनके लिए बाजरा अच्छा option है|
– यह blood-circulation के लिए फायदेमंद है|
– इसे खाने से मोटापा दूर होता है|
– यह कब्ज, गैस जैसी दिक्कतों को दूर करता है|

क्या गर्मी में बाजरा खाना चाहिए? (Can we eat bajra in summer?)

सर्दी के मौसम में बाजरा खूब खाया जाता है| यह अमृत से कम नहीं है| गर्मी के दिनों में भी बाजरा खाया जा सकता है| शरीर में इसकी गर्माहट को balance करने के लिए दही, छास या लस्सी का प्रयोग बाजरे के साथ किया जाता है| बाजरे की रोटी मक्खन के साथ भी खाई जाती है| इसके साथ में ठंडा दूध या लस्सी ली जा सकती है| बाजरे की खिचड़ी भी खाई जाती है| गर्मियों में खिचड़ी को गोजी के साथ खाना लाभदायक रहता है| गोजी बनाने के लिए दही में दूध डालकर अच्छी तरह रिडक लें (मिलाएं), बस गोजी तैयार है| इस गोजी को गर्मियों में बाजरे की खिचड़ी के साथ खाने से बाजरे की तासीर बदलती है और ये सेहत के लिए अच्छी होती है|

क्या हम बाजरा रोज खा सकते हैं? (Can we eat bajra/Pearl millet daily?)

बाजरा हमारी अच्छी सेहत के लिए लाभदायक है| जिस प्रकार हम नियमित रूप से गेंहू की रोटी खाते हैं, उसी प्रकार हम बाजरे की रोटी को भी दालों व सब्जियों के साथ खा सकते हैं| बाजरा में ग्लूटेन नहीं होता और आयरन, प्रोटीन व अन्य पौषक तत्व अधिक मात्रा में होते हैं इसलिए हररोज बाजरा खाने के लिए recommend किया जाता है|

मोटे अनाज में दूसरा नाम किसका आता है?

मोटे अनाज में दूसरे नाम पर आता है बाजरा| यह आकार में ज्वार से छोटा होता है और बहुत पौष्टिक होता है| बाजरा स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है|

बाजरे से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|

Babita Gupta

M.A. (Psychology), B.Ed., M.A., M. Phil. (Education). मैंने शिक्षा के क्षेत्र में Assistant professor व सरकारी नशा मुक्ति केंद्र में Counsellor के रूप कार्य किया है। मैं अपने ज्ञान और अनुभव द्वारा blog के माध्यम से लोगों के जीवन को तनाव-मुक्त व खुशहाल बनाना चाहती हूँ।

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