इस blog में चना क्या है (Chana kya hai?), चने खाने के प्रकार/तरीके (Chana kaise khaye/tarike) और चने के फायदे (chana khane ke fayde) के बारे में जानेगे|
हमारे देश में भोजन के रूप में गेंहू व चावल मुख्य रूप से प्रयोग में लाये जाते हैं| इनके बाद चने का भी प्रयोग बहुत अधिक मात्रा में किया जाता है| चना ना केवल आटे के रूप में प्रयोग में लाया जाता है बल्कि इसे साबुत भी खाया जाता है और दाल के रूप में भी|
इस प्रकार चना हमारे भोजन का एक अनिवार्य भाग है| हमारे देश के अलग-अलग भागों में इसको अलग-अलग तरीकों से भोजन में शामिल करके इसका आनंद लिया जाता है| नाश्ते के रूप में काला चना बहुत अधिक प्रयोग किया जाता है| चने के गुणों को देखते हुए हमें इसे भोजन का हिस्सा जरुर बनाना चाहिए|
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चना क्या है? (Chana kya hota hai)
चना या काला चना एक दलहनी फसल है| चने को Gram, Black chana, Bangal gram या Black chickpea के नाम से भी जाना जाता है| साबुत चना अनाज के रूप में, टूटा हुआ या दला हुआ चना दाल के रूप में प्रयोग में लाया जाता है| दाल को पीसकर बेसन बनाया जाता है| चना मुख्य: दो प्रकार का होता है – काला चना (जो कई रंग में मिलता है जैसे भूरा, लाल, हरा) और सफेद चना| सफेद चने को काबुली चना भी कहते हैं| यह साइज़ में बड़ा होता है|
चने में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम, पोटाशियम व कार्बोहाइड्रेट आदि पौषक तत्व पाए जाते हैं| इन पौषक तत्वों के कारण चना शरीर को कई प्रकार के लाभ पहुंचता है| यह शरीर को शक्ति देता है और कमजोरी को दूर करता है| चने को आहार में शामिल करने से व्यक्ति strong बन सकता है, उसकी ताकत बढ़ती है| एक बात बताऊ घोड़ों की शक्ति बढ़ाने के लिए भी चने को भोजन के रूप में खिलाया जाता है|
काले चने की nutritional value प्रति 100 ग्राम redclifflabs से ली गई है जिसका link दिया गया है|
चना एक दलहनी फसल है, यह मोटे अनाज के अंतर्गत आता है, लेकिन इसे mote anaj/millets https://fitbrains.in/mote-anaj-kya-hai/ में शामिल नहीं किया गया है| इसे रबी व खरीफ दोनों समय उगाया जा सकता है| इसे हर मौसम में खाया जा सकता है| चने के आटे को गेंहू के आटे के साथ मिलाकर भी खाया जाता है|
चने को खाने के प्रकार:
चने का सेवन हम सभी अलग-अलग तरह से करते हैं| मतलब ये कि चने को कई प्रकार से खाया जाता है| ‘चना एक खाने के तरीके अनेक|’ कुछ लोग इससे सब्जी बनाते हैं, कुछ भिगोकर खाते हैं, कुछ भूनकर खाते हैं, तो कुछ अंकुरित करके खाते हैं| जैसे
काला चना (Black chickpea): इसे देसी चना भी कहा जाता है| यह देखने में काला, लाल, भूरा या अधिक भूरा होता है| इसको सब्जी बनाकर खाया जाता है| चने को उबालकर चाट बनाकर भी खाते हैं| यह मोटा अनाज सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है| इसको पीसकर आटे के रूप में प्रयोग किया जाता है|
कच्चा/हरा चना (Hara chana/Cholia): इसे छोलिया भी कहते हैं| देखने में यह हरे रंग का होता है| इससे सब्जी, चटनी आदि बनाए जाते हैं| गुणों से भरपूर कच्चा चना बहुत पौष्टिक व स्वादिष्ट होता है| इससे सब्जी भी बनाई जाती है और चटनी भी| इसे कच्चा भी खाया जाता है| इसको पौधे सहित भूनकर और फिर छीलकर खाएं तो इसका स्वाद निराला लगता है| इसे ‘होले’ कहा जाता है|
भुना हुआ चना (roasted gram): भुना चना बहुत ही पौष्टिक व स्वादिष्ट होता है| काले चने को भूनकर बनता है| भूने हुए चने को गुड़ (jaggery) के साथ खाने से शरीर को ताकत मिलती है| इसे भूनने से पहले हल्का गीला करके नमक, नमक व हल्दी, नमक व हिंग आदि लगा दें तो इसका स्वाद ओर भी बढ़ जाता है|
अंकुरित चना (Gram sprouts): काले चने को रातभर पानी में भिगोकर रख देते हैं| फिर सुबह उसका पानी निकाल दिया जाता है| फिर उसे किसी कपड़े में बांधकर या छलनी में ढककर रख देते हैं तो ये अंकुरित हो जाते हैं| यह अंकुरित चने काले चनों से अधिक पौष्टिक होते हैं| अंकुरित करने से इनके पौषक तत्व बढ़ जाते हैं| अगर इन्हें कच्चे रूप में ही सुबह खाली पेट खाया जाए तो ये बहुत ही अच्छे रहते हैं| इनको उबालकर भी खाया जाता है| इसमें टमाटर, प्याज आदि मिलाकर चाट बनाकर खाना अच्छा लगता है|
भीगा चना (Soaked chana): चने को रात भर या 6-7 घंटे भिगोकर रखने के बाद उसका प्रयोग करें तो स्वास्थ्य के लिए अच्छा है| इसको नमक डालकर व उबालकर बोकली बनती हैं, इन्हें खाना स्वस्थ्य के लिए अच्छा है| इन तड़का लगाकर इनकी सब्जी बनाकर भी खाया जा सकता है|
चने का आटा (Chane का atta): काले चने को पिसवाकर उसका आटा बनाया जाता है| इससे रोटी भी बनाई जाती है| इस रोटी को मिस्सी रोटी कहते हैं| इस आटे को गेंहू के आटे में मिलाकर भी प्रयोग किया जाता है| चने का प्रयोग multi grain में भी किया जाता है|
बेसन (Besan): चने को दलकर व इसका छिलका उतारकर पिसवा लें तो यह बेसन बन जाता है| बेसन का पुड़ा या चिल्ला बहुत पौष्टिक व स्वादिष्ट होता है| इसको बनाते समय बेसन में कटी हुई पालक या उबला आलू या कोई अन्य चीज मिलाकर बनाने से चिल्ले की पौष्टिकता ओर भी बढ़ जाती है|
सफ़ेद चना (Chickpea): सफेद चने को छोले और काबुली चना भी कहते हैं| यह खाने में स्वादिष्ट होता है| इसे पूरी, भटूरे आदि के साथ खाना अच्छा लगता है|
चना खाने के फायदे (Benefits of gram/chana)
चने को भोजन में शामिल करने के बहुत फायदे हैं| शरीर की विभिन्न समस्याओं को दूर करने में चने का बहुत महत्व है|
इम्युनिटी बढ़ाता है: चना खाने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है|
Diabetes को control करता है: चना खाने से मेटाबोलिज्म तेज होता है| यह blood sugar को control करता है| इसलिए चना मधुमेह के रोगी के लिए लाभदायक है|
ताकत आती है: चने में प्रोटीन ज्यादा पाया जाता है| चना खाने से ताकत आती है| इससे शरीर स्वस्थ रहता है| यह कमजोरी व थकान दूर करने में सहायक है|
खून साफ करता है: चना खाना स्वस्य्थ के लिए लाभदायक है| चना शरीर में जमा toxin पदार्थों को बाहर निकलता है|
आयरन होने के कारण रक्त की पूर्ति करता है| भुना चना गुड़ के साथ खाने से आयरन ज्यादा बढ़ता है|
ब्लडप्रेशर (B.P.) control: चना blood presure को control करता है| इसमें पोटाशियम भरपूर मात्रा में होने से यह बी पी को control करने में मदद करता है|
त्वचा के लिए लाभदायक: चने में anti- oxident व मैग्नीशियम के गुण होते हैं जिसकी वजह से ये त्वचा के लिए बहुत अच्छा है| इससे skin पर glow आती है|
कैंसर में लाभदायक: चने में कैंसररोधी गुण पाया जाता है जो कैंसर को जन्म देने वाली कोशिकाओं को ख़त्म करने में मददगार है|
हार्ट (Heart) को स्वस्थ रखता है: चने में फोलिक एसिड, विटामिन और मैग्नीशियम पाए जाते हैं, इससे हृदय को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है| यह good कॉलेस्ट्रोल को बढ़ाता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है|
खून की कमी दूर होती है: चने में आयरन होता है| यह शरीर में खून की पर्याप्त मात्रा बनाए रखने में मददगार है| काले चने खून में हिमोग्लोबिन को बढ़ाते हैं जो एनीमिया के रोगी के लिए बहुत फायदेमंद हैं| इन्हें खाने से blood circulation अच्छा होता है|
शारीरिक विकास: काले चने में प्रोटीन काफी मात्रा में मिलता है| चना खाने से नई कोशिकाओं का निर्माण करने और शरीर का विकास करने में मदद मिलती है|
फाइबर से भरपूर: काले चनों में फाइबर अधिक मात्रा में होता है जिससे पाचन तंत्र मजबूत बनता है| कब्ज की समस्या से राहत दिलाने में काले चने लाभदायक माने जाते हैं|
वजन घटाता है: चने में फाइबर अधिक होता है, इसलिए इसे खाने से पेट लम्बे समय तक भरा रहता है और बार-बार खाने की जरूरत महसूस नहीं होती| इससे वजन घटाने में मदद मिलती है|
पाचन ठीक होता है: चना पाचन तंत्र को मजबूत बनता है| चने में मौजूद फाइबर के कारण पाचन क्रिया ठीक होती है, इसे खाने से पेट साफ होता है| कब्ज की समस्या से राहत मिलती है| साथ ही यह अपच (Indigestion) और एसिडिटी की समस्या में भी लाभदायक है|
आँखों के लिया लाभदायक: चने में ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो आँखों के लिए फायदेमंद हैं| इसे खाने से आँखें स्वस्थ रहती हैं|
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FAQ’s: चने के बारे में कुछ सामान्य प्रश्न (General Questions related to Chana/Gram)
चना खाने से क्या लाभ होता है? (What are the benefits of eating Gram/Black chana?)
चना खाने से शरीर में ताकत आती है, खून बढ़ता है| चना बीमारियों के बचाने में सहायक है जैसे मधुमेह, ब्लडप्रेशर, एनीमिया आदि| यह पाचन को ठीक रखता है| कब्ज की समस्या में आराम दिलाता है| त्वचा व आँखों के लिए लाभदायक है|
रोज सुबह भीगा हुआ चना खाने से क्या होता है? (What happens to eat wet gram every morning?)
भीगे हुए चने में आयरन, प्रोटीन व अन्य तत्वों की मात्रा पहले से अधिक बढ़ जाती है| इसे खाने से हम पूरा दिन active रहते हैं| चने का सेवन करने से शरीर में खून की कमी नहीं होती|
क्या चना खाने से वजन बढ़ता है?
चना खाने से वजन नहीं बढ़ता| चने में फाइबर व प्रोटीन होने के कारण यह वजन कम करने में सहायक है|
चने को गुड़ के साथ खाने से क्या फायदा मिलता है?
गुड़ और चने में आयरन और पोटाशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है| इसे खाने से शरीर में HB level (हिमोग्लोबिन) बढ़ता है और यह कोलेस्ट्रॉल level को कम करता है|
चने से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|