इस blog में अर्ध हलासन क्या है? (Ardha Halasana kya hai) अर्ध हलासन के लाभ, अर्ध हलासन करने की विधि, आसन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां तथा किसको यह आसन नहीं करना चाहिए इसके बारे में जानेगे|
योग व्यक्ति की शारीरिक क्षमता, उसके मन व भावनाओं और ऊर्जा के स्तर के अनुसार कार्य करता है| योग में आसन व प्राणायाम शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास करने में भी लाभदायक हैं| अर्ध हलासन एक ऐसा ही महत्वपूर्ण आसन है जो पेट, रीढ़, फेफड़े, पैरों पर तो प्रभाव डालता ही है, इसे करने से मानसिक विकार दूर करने में भी मदद मिलती है|
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अर्ध हलासन क्या है (What is Ardha Halasana)?
अर्ध हलासन में अर्ध का अर्थ है आधा और हल का अर्थ है खेत जोतने वाला हल| इस आसन का अभ्यास करते हुए जब हम पूर्णता की स्थिति में आते हैं तो शरीर की आकृति आधे हल की आकृति के समान दिखाई देती है इसलिए इसे अर्ध हलासन कहते हैं| इसे Half plough pose भी कहते हैं|
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अर्ध हलासन करने का तरीका (Ardha Halasana Steps in Hindi)
Step 1: अर्ध हलासन करने के लिए आसन पर पीठ के बल लेटें| एड़ी-पंजे मिलाएं|
Step 2: दोनों हाथ शरीर के दाएं बाएं रखें| हथेलियों का रुख आसन की ओर हो|
Step 3: सांस भरते हुए बिना घुटने मोड़े अपने पैरों को धीरे-धीरे 30 डिग्री तक ऊपर उठाए| कम से कम 30 सेकंड तक रुकें| एक मिनट तक रुकें तो ओर बेहतर है|
Step 4: अब अपने पैरों को धीरे-धीरे 60 डिग्री तक ऊपर उठाए और यहाँ कुछ सेकंड तक रुकें|
Step 5: अपने पैरों को धीरे-धीरे 90 डिग्री तक ऊपर उठाए और अब यहाँ इस अवस्था में तब तक रुके रहें जब तक आप रुके रह सकें|
Step 6: यहाँ hips से कंधों तक की स्थिति खिंची हुई रहेगी| यह अर्ध हलासन की पूर्णता की स्थिति है| अब सामान्य सांस लेते रहें|
Step 7: अब धीरे-धीरे पैरों को वापिस लाएं व आसन पर रखें| ध्यान रहे पैरों को आसन पर रखते हुए सिर जमीन से ऊपर ना उठे|
अर्ध हलासन करने की सही विधि की पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|
अर्ध हलासन के फायदे (Ardha Halasana Benefits in Hindi)
पेट के लिए लाभदायक: पेट सम्बंधी समस्याओं में अर्ध हलासन का अभ्यास बहुत उपयोगी है| इसे करने से जठराग्नि तेज होती है| पाचन शक्ति बढ़ती है| पेट के विकार दूर करने में मदद मिलती है| पेट की समस्याओं जैसे कब्ज, बदहजमी, गैस, अपच से छुटकारा दिलाने वाला अर्ध हलासन बहुत महत्वपूर्ण आसन है|
पाचन तंत्र मजबूत बनता है: अर्ध हलासन का अभ्यास करते हुए जब हम 30 डिग्री तक पैरों को ऊपर उठाते हैं तो उत्तानपादासन की तरह पेट के अंगों पर प्रभाव पड़ता है| नाभि अपने स्थान पर रहती है और बड़ी आंत पर प्रभाव पड़ने से पाचन तंत्र मजबूत बनता है|
कब्ज की समस्या दूर: अर्ध हलासन का नियमित अभ्यास करने से पुरानी कब्ज की समस्या को दूर करने में भी मदद मिलती है|
Diabetes control होता है: अर्ध हलासन का नियमित अभ्यास करने से पैंक्रियाज पर प्रभाव पड़ने से pancreas activate होता है तथा मधुमेह को नियंत्रित करने में लाभ मिलता है|
रीढ़ लचीली व मजबूत: जब हम 90 डिग्री तक पैरों को ऊपर उठाकर रुकते हैं तो रीढ़ के प्रभाव में आने से रीढ़ लचीली व मजबूत बनती है|
पीठ की मांसपेशियां मजबूत: इस आसन के करने से पीठ की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं| इसका नियमित अभ्यास करने से कमर दर्द व पीठ दर्द में आराम मिलता है|
मोटापा घटता है: इस आसन का नियमित अभ्यास करने से पेट के अंगों पर खिंचाव आता है| इससे पेट की चर्बी कम होती है तथा मोटापा घटता है| यह वजन कम करने में भी लाभदायक है| वजन कम करने के लिए अर्ध हलासन करने के साथ-साथ भोजन में तली हुई चीजें छोड़ेंगे और पौष्टिक आहार लेंगे तो अधिक लाभ मिलेगा|
तनाव और चिंता दूर: अर्ध हलासन तनाव व चिंता दूर करने में लाभदायक है| इसका नियमित अभ्यास करने से तनाव व चिंता को दूर करने में मदद मिलती है|
अर्ध हलासन किन-किन के लिए वर्जित है (Who should not do Ardha Halasana)?
किन-किन को यह आसन नहीं करना है, यह जानना भी बहुत जरूरी है|
– जिनको कमर या पीठ में दर्द अधिक हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
– पेट में जख्म हों या पेट का हल ही में operation हुआ हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
– हर्निया से पीड़ित व्यक्ति को यह आसन नहीं करना चाहिए|
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अर्ध हलासन करते समय क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? (Ardha halasana ki savdhaniya/precautions kya hain)
- अर्ध हलासन करते समय जब पैरों को वापिस आसन पर रखें तो सावधानी से धीरे-धीरे रखें पटकें नहीं और सिर को भी ऊपर की तरफ ना उठने दें|
- ज्यादा तनाव व चिंताग्रस्त व्यक्ति को इसका अभ्यास सावधानी पूर्वक करना चाहिए तथा किसी योग्य योग-शिक्षक की देखरेख में ही इसका अभ्यास करना चाहिए|
FAQ’s: अर्ध हलासन के बारे में कुछ सामान्य प्रश्न (General Questions related to Ardha Halasana)
अर्ध हलासन के विशेष फायदे क्या हैं (What is the importance of Ardha Halasana/Half plough pose)?
अर्ध हलासन बहुत लाभदायक आसन है| इसका नियमित अभ्यास करने से पेट के विकार तथा रीढ़ सम्बंधी दोष दूर करने में मदद मिलती है| यह आसन कब्ज व बदहजमी से छुटकारा दिलाता है| इसे करने से चर्बी घटती है और मोटापा कम होता है| यह आसन मधुमेह व बवासीर जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में सहायक है| इसे करने से तनाव व चिंता से बाहर निकलने में मदद मिलती है|
अर्ध हलासन कितनी बार करना चाहिए? (How many times Ardha Halasana should be performed?)
अर्ध हलासन का अभ्यास करते समय जब हम पैरों को 90 डिग्री तक ऊपर उठा कर रुकते हैं तो एक round होता है| ऐसे round हमें कम से कम 3 से 5 बार करने चाहिए|
इस आसन से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|