आजकल बहुत अधिक लोगों को कब्ज की समस्या का सामना करना पड़ रहा है| अनियमित जीवन शैली, physical movement की कमी, खानपान की गलत आदतें व तनाव/stress आदि के कारण कब्ज होने की संभावना बढ़ जाती है| कब्ज होना शरीर की बीमारियों का मूल कारण है| कब्ज में सबसे बड़ी दिक्कत आती है कि हम मल त्याग नहीं कर पाते, लेट्रिन जाने में कष्ट होता है और कई बार ऐसा भी होता है कि व्यक्ति हररोज मल त्यागने की कोशिश भी नहीं करता| हमें हररोज फ्रेस होना चाहिए| अगर हम ठीक से fresh नहीं होते तो बड़ी आंत में मल जमा होने लगता है इससे कब्ज की समस्या हो जाती है और फिर अन्य बीमारियाँ होने की संभावना बढ़ने लगती है| इसलिए कब्ज की समस्या को दूर करने के उपाय करने चाहिए| कब्ज को दूर करने के लिए घरेलू उपाय किये जा सकते हैं|
इस blog में कब्ज को प्राणायाम के अभ्यास से कैसे दूर करें (How to get rid of constipation by Pranayama) इसके बारे में जानेगे|
Table of Contents
कब्ज को दूर करने के लिए प्राणायाम (Kabj dur karne ke liye pranayama)
कब्ज दूर करने के लिए योग का सहारा लिया जा सकता है| बहुत से ऐसे आसन व प्राणायाम हैं जिनका नियमित अभ्यास करके कब्ज दूर करने में मदद मिलती है| यहाँ कुछ ऐसे प्राणायाम के बारे में बताया जा रहा है, जिनका नियमित अभ्यास करने से मेटाबोलिज्म तेज होता है| पाचन अंग प्रभावित होते हैं| जठराग्नि तेज होती है और जो हम खाना खाते हैं वो आसानी से पच जाता है और कब्ज की समस्या से भी आराम मिलता है|
1. गहरे लम्बे श्वास प्राणायाम (Gahre lambe shvas pranayama)
गहरे- लम्बे श्वास प्राणायाम एक ऐसा प्राणायाम है जो पूरे शरीर पर प्रभाव डालता है| इसे Deep-Breathing भी कहते हैं|
गहरे लम्बे श्वास प्राणायाम करने की विधि (Gahre lambe shvas pranayama karne ki vidhi)
गहरे लम्बे श्वास प्राणायाम करने के लिए धीरे-धीरे श्वास बाहर निकालें व पेट को इतना अंदर की तरफ खींचें कि नाभिमूल रीढ़ से लगे|
अब निष्कासन मांसपेशियों को ऊपर की तरफ खींचते हुए मूलबंध लगाएं|
जब रुका न जाये तो पहले पेट ढीला करें, फिर मूलबंध खोलें तथा धीरे-धीरे कंठ तक आनन्दपूर्वक श्वास भरें तथा फिर मूलबंध लगाएं|
यह एक आवृति हुई इसे बार-बार दोहराएं|
गहरे लम्बे श्वास प्राणायाम करने के फायदे (Gahre lambe shvas pranayama Benefits)
इस प्राणायाम को करते समय जब सांस बाहर निकालकर पेट को अंदर की तरफ खींचते हैं तो पेट के अंदर की मांसपेशियों के संकोचन से निष्कासन अंग मजबूत होते है|
पेट अंदर खींचने से diaphragm ऊपर व पेट को ढीला करने से diaphragm नीचे गति करता है, जिससे पाचन तंत्र सक्रिय होता है, जिससे कब्ज, गैस आदि दूर करने में मदद मिलती है|
गहरे लम्बे श्वास प्राणायाम की पूरी जानकारी आप इस youtube link पर भी देख सकते हैं|
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2. अग्निसार (Agnisar pranayama)
यह प्राणायाम करने से पाचन व निष्कासन अंग प्रभावित होते हैं| इसे करने से जठराग्नि तेज होती है| कब्ज की समस्या से राहत मिलती है|
अग्निसार प्राणायाम करने की विधि (Agnisar pranayama ki vidhi): अग्निसार प्राणायाम को करने के लिए धीरे-धीरे पूरी श्वास बाहर निकालें तथा पेट को अंदर की ओर खींचें| अब सांस को बाहर रोककर रखें| जब तक श्वास को बाहर रोकना संभव हो, तब तक पेट को अंदर-बाहर करते रहें| जब श्वास रोकना मुश्किल लगे तो फिर से श्वास भरें, सांस बाहर निकालें, रोकें तथा पेट को अंदर-बाहर करें| यह एक आवृति हुई| अपने सामर्थ्य के अनुसार अवृतियाँ दोहराएँ|
अग्निसार प्राणायाम के फायदे (Agnisar pranayama Benefits)
– पेट के अंग प्रभावित होने से पाचन अंगों की मालिश होती है, जिससे पाचन अंग मजबूत बनते हैं|
– इस प्राणायाम का अभ्यास करने से जठराग्नि तेज होती है|
– इसे करने से निष्कासन अंग प्रभावित होकर क्रियाशील बनते हैं, जिससे कब्ज की समस्या से राहत मिलती है|
– इसे करने से पेट का मोटापा https://fitbrains.in/motapa-kya-hai/) कम होता है|
अग्निसार प्राणायाम की पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|
3. कपालभाति प्राणायाम (Kapalbhati pranayama)
कपालभाती प्राणायाम करने से कपाल व श्वसन प्रणाली पर तो प्रभाव पड़ता ही है, साथ ही साथ यह पेट के लिए भी लाभदायक है| यह पाचन तंत्र को भी शक्तिशाली बनाता है|
कपालभाति प्राणायाम करने की विधि (Kpalbhati pranayama ki vidhi)
कपालभाति करने के लिए दोनों हथेलियाँ घुटनों पर रखें| कमर-गर्दन सीधी रखें| श्वास भरें| श्वास भरने के बाद दो क्रियाएं साथ-साथ चलेंगी| श्वास को शक्ति से (शीघ्रता से) बाहर फैंकना तथा पेट को अंदर की तरफ खींचना| दो श्वास बाहर फैंकने के बीच थोड़ा अंतर रखें जिससे श्वास भरने की जरूरत नहीं पड़ेगी, यह अपने आप भरती रहेगी| आप पूरा ध्यान सांस बाहर फैंकने पर रखें|
कपालभाति प्राणायाम के फायदे (Kapalbhati pranayama benefits)
कपाल को शुद्ध करने व सांस नली सम्बन्धी समस्याओं को दूर करने वाला कपालभाति प्राणायाम बहुत ही लाभदायक प्राणायाम है| इसका नियमित अभ्यास करने से पाचन-तंत्र प्रभावित होकर शक्तिशाली बनता है, जिससे पाचन ठीक रहता है| कब्ज की समस्या से राहत मिलती है| पेट की चर्बी घटती है तथा मोटापा कम होता है|
कपालभाति प्राणायाम की पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|
FAQ’s: कब्ज के बारे में कुछ सामान्य प्रश्न (General Questions related to Kabj)
कौन-कौन से प्राणायाम से कब्ज दूर की जा सकती है?
योग का अभ्यास शरीर को स्वस्थ रखने में लाभकारी है| कब्ज दूर करने के लिए आसन व प्राणायाम का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है| कुछ ऐसे प्राणायाम हैं जिनका नियमित अभ्यास करने से कब्ज की समस्या में आराम मिलता है जैसे:
– गहरे-लम्बे श्वास प्राणायाम
– अग्निसार प्राणायाम
– कपालभाति प्राणायाम आदि|
कब्ज को प्रकृतिक रूप से कैसे कम करें? (How can soften constipation naturally?)
कब्ज को कम करने के लिए कई तरीके अपनाए जा सकते हैं| जैसे:
– पौष्टिक व संतुलित आहार लें|
– चौकर सहित आटे का प्रयोग करें|
– फाइबर युक्त खाद्यपदार्थों का सेवन करें जैसे फल, सब्जियां|
– भोजन में मोटे अनाज व दालों का प्रयोग करें|
– इनके साथ-साथ खूब पानी पिएं|
– कब्ज दूर करने के लिए घरेलू उपाय भी किए जा सकते हैं| इससे कब्ज दूर करने में मदद मिलती है|
– कब्ज दूर करने के लिए आसनों का अभ्यास भी मददगार है|
कब्ज दूर करने के लिए आसन व प्राणायाम की पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|
कब्ज से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|