योग का अभ्यास रोग निवारक होने के साथ-साथ रोग-प्रतिरोधक भी है| यह मन-मस्तिष्क व मांसपेशियों को मजबूत बनाने में सहायक है| यह शरीर के भिन्न-भिन्न हिस्सों पर अपना प्रभाव डालता है| इससे शरीर चुस्त व शक्तिवान बनता है| इसलिए योग का अभ्यास नियमित किया जाना चाहिए ताकि उनका पूरा लाभ मिल सकें|
डायबिटीज को control करने, पेट के दोष दूर करने व मोटापा कम करने वाला मंडूकासन (Mandukasana) बैठ कर किए जाने वाले आसनों में एक महत्वपूर्ण आसन है| आइए जाने मंडूकासन क्या है, इसे कैसे करते हैं, मंडूकासन करने के क्या लाभ हैं तथा किसको यह आसन नहीं करना चाहिए|
Table of Contents
मंडूकासन क्या है (what is Mandukasana in Hindi)?
वज्रासन में बैठ कर किए जाने वाला मंडूकासन बहुत लाभदायक आसन है| मंडूकासन में मंडूक का अर्थ है मेंढक| आसन का अभ्यास करते हुए जब हम पूर्णता की स्थिति में आते हैं तो शरीर की आकृति एक मेंढक के समान दिखाई देती है, इसलिए इसे मंडूकासन या frog pose कहते हैं|
मंडूकासन विधि (Mandukasana Steps in Hindi)
मंडूकासन विधि 1
Step 1: वज्रासन में बैठें| दोनों हाथों की मुठ्ठियाँ इस प्रकार बंद करें कि अंगूठे अंदर हों|
Step 2: अब अंगूठे के जड़मूल भाग की तरफ से दोनों मुठियों को नाभि के दाएं बाएं रखें|
Step 3: श्वास भरें व श्वास छोड़ते हुए धीरे-धीरे कमर के निचले भाग से आगे की ओर झुकें|
Step 4: ध्यान रहे, एडियाँ hips से लगी रहें|
Step 5: पूरी तरह आगे झुकने के बाद सामने की ओर देखें|
Step 6: यह पूर्णता की स्थिति है, सामान्य श्वास लेते रहें|
Step 7: सामर्थ्य के अनुसार रुकें| अब श्वास भरते हुए धीरे-धीरे वापिस आएं|
मंडूकासन (Mandukasana) करने की सही विधि की पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|
मंडूकासन विधि 2
Step 1: वज्रासन में बैठें|
Step 2: अब दोनों हाथों के कप बनाएं तथा पहले बाएं हाथ को नाभि पर रखें, फिर दाएं हाथ को नाभि पर रखें|
Step 3: श्वास भरें तथा श्वास छोड़ते हुए धीरे-धीरे कमर के निचले भाग से आगे की ओर झुकें|
Step 4: ध्यान रहे, एडियाँ और hips मिले रहें|
Step 5: पूरी तरह आगे झुकने के बाद सामने की ओर देखें|
Step 6: यह पूर्णता की स्थिति है, सामान्य श्वास लेते रहें|
Step 7: सामर्थ्य के अनुसार रुकें| अब श्वास भरते हुए धीरे-धीरे वापिस आएं|
मंडूकासन कब करना चाहिए (When to do Mandukasana)?
- मंडूकासन का अभ्यास भी अन्य आसनों की तरह ही खाली पेट ही करना चाहिए|
- इसलिए मंडूकासन भी सुबह या शाम को करना चाहिए|
- खाना खाने के 3 से 4 घंटे के बाद ही आसनों का अभ्यास करना चाहिए|
- जब हम group के साथ योगाभ्यास करते हैं तो योगासनों को कैसे करना है, कितनी देर करना चाहिए, किसी आसन को करते समय क्या ध्यान रखना चाहिए इसकी पूरी जानकारी प्राप्त करते हैं (इसलिए ग्रुप में योग करें इससे नियमितता भी आती है), लेकिन किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए अगर हमें आसन का अभ्यास करना हो तो उतनी देर तक एक आसन को समय नहीं दे पाते हैं| इसलिए आसनों का पूरा लाभ लेने के लिए आपको सुबह घर पर जरूरत के आसन जरुर करने चाहिएं|
मंडूकासन की कई आवृतियाँ करें तथा पूर्णता की स्थिति में रुकने का समय भी ज्यादा बढ़ाएं| कम से कम 3 से 5 मिनट अवश्य करें| तभी इससे अधिक लाभ प्राप्त होगा|
Read also: मोटे अनाज क्या हैं
मंडूकासन करने के फायदे (Mandukasana benefits in Hindi)
Diabetes/शुगर में लाभकारी: मंडूकासन का नियमित अभ्यास करने से पैन्क्रियाज activate होता है, जिससे शरीर में insuline की मात्रा बढ़ती है, जोकि मधुमेह को control करने में सहायक है| इसलिए यह आसन मधुमेह/डायबिटीज के रोगी के लिए लाभकारी है|
मोटापा दूर: मंडूकासन का अभ्यास करते हुए जब हम आगे की ओर झुकते हैं तो पूरा पेट अंदर की तरफ खींचता है, इससे पेट के अंग मजबूत होते हैं| इस आसन का नियमित अभ्यास करने से पेट का मोटापा दूर होता है|
नाभि के दोष दूर: मंडूकासन करने से नाभि के दोष दूर होते हैं| मंडूकासन का नियमित अभ्यास करने से धरण के दोष दूर होते हैं, नाभि अपने स्थान पर रहती है|
पेट के दोष दूर: मंडूकासन का अभ्यास करते हुए जब हम आगे की ओर झुकते हैं तो पेट के अंगों पर दबाव आता है, जिससे पेट की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं| पाचन सम्बंधी समस्याएं दूर होती हैं| अपच और कब्ज की समस्या से राहत मिलती है|
Sciatica pain से राहत: मंडूकासन का अभ्यास करने से रीढ़ के निचले भाग का कड़ापन दूर होता है, जिससे साइटिका की दर्द से राहत मिलने में मदद मिलती है| (इसे भी पढ़ें सर्वाइकल)
High B.P. में लाभदायक: मंडूकासन करते समय आगे की ओर झुकते हैं, तो blood circulation पूरे शरीर में ठीक प्रकार से होता है| इस आसन का नियमित अभ्यास करने से हाई ब्लडप्रेशर की समस्या में आराम मिलता है|
अन्त:स्त्रावी ग्रन्थियां सक्रिय: मंडूकासन का नियमित अभ्यास करने से अन्त:स्त्रावी ग्रन्थियां सक्रिय होती हैं, जिससे पूरे शरीर को लाभ मिलता है| Adrenal gland के प्रभावित होने से मानसिक स्वास्थ्य को लाभ मिलता है| इस आसन का नियमित अभ्यास करने से तनाव कम करने में मदद मिलती है|
Read also: पौष्टिक व संतुलित आहार
मंडूकासन किन-किन को नहीं करना चाहिए (For whom Mandukasana prohibited)?
जिनके पेट की सर्जरी हुई हो उन्हें 2-3 महीने तक यह आसन नहीं करना चाहिए|
गर्भावस्था में इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए|
High B.P. की समस्या अधिक हो या चक्कर आते हों तो यह आसन नहीं करना चाहिए|
घुटनों में दर्द अधिक हो तो भी यह आसन नहीं करना चाहिए|
FAQ’s: मंडूकासन के बारे में कुछ सामान्य प्रश्न (General Questions related to Mandukasana)
मंडूकासन कितने समय तक करना चाहिए? (Mandukasana kitni der karna chahiye?)
मंडूकासन की कई आवृतियाँ करनी चाहिए और इस आसन का नियमित अभ्यास कम से कम 3 से 5 मिनट अवश्य करना चाहिए|
मंडूकासन के क्या फायदे हैं? (Mandukasana ke kya fayde hain)
मंडूकासन बहुत फायदेमंद आसन है| इसका नियमित अभ्यास करने से पेट की चर्बी कम होती है, कब्ज से राहत मिलती है, High B.P. व diabetes के रोगी के लिए लाभदायक आसन है| इसे करने से तनाव कम करने में मदद मिलती है|