मेरे इस blog में जानुशिरासन क्या है (What is Janushirasana)?, जानुशिरासन करने की विधि (Janushirasana steps) और जानुशिरासन के लाभ (Janushirasana benefits) के बारे में बताया गया है|
डायबिटीज को control करने, पेट की चर्बी घटाने व पेट के रोगों से छुटकारा दिलाने वाला जानुशिरासन बहुत महत्वपूर्ण आसन है|
योगासनों का अभ्यास शरीर को स्वस्थ रखने तथा मन को शांत रखने में महत्वपूर्ण हैं| योगाभ्यास को धैर्य व एकाग्रता के साथ करने से शरीर पर उसका आश्चर्यजनक प्रभाव पड़ता है| नियमित योग करने से शरीर लचीला बनता है, मांसपेशियां व हड्डियाँ मजबूत बनती हैं, आलस दूर होता है तथा शारीरिक व मानसिक तकलीफों में राहत मिलती है|
Table of Contents
जानुशिरासन क्या है (what is Janushirasana/Janushirshasana)?
बैठ कर करने वाले आसनों में जानुशिरासन एक महत्वपूर्ण आसन है| जानुशिरासन का शाब्दिक अर्थ:- जानु का अर्थ घुटने तथा शिर का अर्थ है सिर | इस आसन में अपने सिर को घुटनों पर लगाया जाता है इसलिए इसे जानुशिरासन कहते हैं| इस आसन को जानुशिर्षासन (Janushirshasana) भी कहते हैं|
जानुशिरासन की विधि (Procedure/Steps of Janushirasana in Hindi)
जानुशिरासन (Janushirasana) करने की सही विधि की पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|
जानुशिरासन करने की विधि इस प्रकार है|
Step 1: जानुशिरासन के लिए आसन पर सीधे बैठ कर एड़ी-पंजा मिलाएं|
Step 2: दाएं पैर को घुटने से मोडकर एड़ी को बाई जंघा-मूल से लगायें|
Step 3: दोनों हथेलियों को बाएं घुटने पर रखें|
Step 4: श्वास भरते हुए दोनों भुजाओं को ऊपर की ओर तानें|
Step 5: श्वास बाहर निकलते हुए कमर के निचले भाग से आगे की ओर झुकें|
Step 6: अपनी कलाइयों को पंजों से आगे निकालें|
Step 7: अब हाथ की उंगली के छल्ले बनाकर पैर के अंगूठे को पकडकर अपनी ओर खींचें|
Step 8: माथा घुटनों को छुए तथा कोहनियां आसन की ओर हों| यथासम्भव कोहनियां आसन पर लगाने का प्रयास करें|
Step 9: ये पूर्णता की स्थिति है, अब सामान्य श्वास लेते रहें|
Step 10: अब श्वास भरते हुए धीरे-धीरे वापिस आयें व अपनी भुजाएं ऊपर की ओर तानें|
Step 11: दाएं-बाएं से हाथ नीचे करें व पैर को सीधा करें|
Step 12: अब यही क्रिया बाएं पैर से करें| फिर विश्राम करें|
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जानुशिरासन के लाभ (Janushirasana benefits in Hindi)
रीढ़ लचीली बनती है: जानुशिरासन करते हुए जब हम कमर के निचले भाग से आगे की ओर झुकते हैं तो कमर व hips की मांसपेशियों में खिंचाव आता है, साथ ही साथ रीढ़ के आस-पास की मांसपेशियों में भी खिंचाव आता है, जिससे कमर व रीढ़ लचीली बनती है|
डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक है: जानुशिरासन करने से pancreas activate हो जाते हैं, जिससे इन्सुलिन की मात्रा बढ़ जाती है तथा खून में sugar का level controll होने लगता है तथा मधुमेह control होती है|
पेट की चर्बी घटती है: जानुशिरासन का नियमित अभ्यास करने से धीरे-धीरे पेट व शरीर की चर्बी कम होने से मोटापा कम होने लगता है व वजन भी नहीं बढ़ता तथा हम fit नजर आते हैं|
पीठ का कड़ापन दूर होता है: आसन का अभ्यास करते समय जब हम कमर के निचले भाग से आगे की ओर झुकते हैं तो इससे पीठ का कड़ापन दूर होता है|
पीठ, कमर व टांगें मजबूत: जानुशिरासन का अभ्यास करने से गर्दन, कंधे, पीठ, कमर व पिण्डली की मांसपेशियों में खिंचाव आने से ये मजबूत बनती हैं|
पिण्डलियों के दोष दूर होते हैं: जानुशिरासन का अभ्यास करने से पैर की मांसपेशियों में खिंचाव आता है जिससे पिण्डलियों के दोष दूर होते हैं|
पाचन क्रिया तीव्र: जानुशिरासन का अभ्यास करते हुए जब हम आगे की ओर झुकते है तो पेट पर दबाव पड़ता है तथा आंत सक्रिय हो जाती है, इससे पेट के भीतर जठर-अग्नि तेज होती है| इससे पाचन क्रिया में सुधार होता है, पेट के रोग ठीक होते हैं और कब्ज की समस्या खत्म होती है|
Varicose-veins की समस्या दूर होती है: जानुशिरासन के नियमित अभ्यास द्वारा घुटनों के पिछले भाग की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं, जिससे Varicose-veins की समस्या धीरे-धीरे दूर हो जाती है|
दिमाग शांत रहता है: जानुशिरासन करने से दिमाग शांत रहता है| अभ्यास के समय जब हम अपने सिर को घुटनों पर लगते हैं तो रक्त का संचार सिर की तरफ होने से सिरदर्द, तनाव व चिंता से छुटकारा पाने में मदद मिलती है| नियमित अभ्यास करने से धीरे-धीरे शरीर व मस्तिष्क को तनाव से आराम मिलता है|
जानुशिरासन किन-किन के लिए वर्जित है (For whom Janushirasana prohibited)?
जानुशिरासन किन-किन लोगों को नहीं करना चाहिए|
- जिन्हें सर्वाइकल की समस्या अधिक हो उन्हें जानुशिरासन नहीं करना चाहिए|
- कमर में दर्द हो तो यह आसन नहीं करना चाहिए|
- Slip-disc की problem अधिक हो तो ये आसन नहीं करना चाहिए|
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FAQ’s: जानुशिरासन से सम्बंधित सामान्य प्रश्न (General questions related to Janushirasana)|
जानुशिरासन कितनी बार करना चाहिए (How many times should we do Janushirasana)?
जानुशिरासन बैठ कर किए जाने वाले आसनों में बहुत महत्वपूर्ण है| इसका अभ्यास करते समय कमर के निचले भाग से आगे की तरफ झुकते हैं, यह क्रिया दोनों पैरों से करने पर एक चक्र पूरा होता है| जानुशिरासन के इस प्रकार के 7 से 10 चक्र अपनी क्षमता के अनुसार किये जा सकता हैं|
जानुशिरासन के लाभ क्या हैं? (What are the main benefits of Janushirasana/Janushirshasana)?
जानुशिरासन बहुत लाभदायक आसन है| जानुशिरासन डायबिटीज के रोगी के लिए फायदेमंद है| इस आसन के करने से पेट को लाभ मिलता है| इस आसन का नियमित अभ्यास करने से कंधे, गर्दन, कमर, पीठ आदि सभी प्रभावित होकर मजबूत बनते हैं| पिंडलियों में खिंचाव आने से इनके दोष दूर होते हैं|
जानुशिरासन की सावधानियां क्या हैं? (What are precautions of Janushirasana)?
जानुशिरासन करते समय क्या सावधानियां रखें इसके बारे में जानना बहुत जरूरी है? जानुशिरासन करते समय हम कमर के निचले भाग से आगे की ओर झुकते हैं तो शुरुआत में धीरे-धीरे झुकें| जबरदस्ती न करें| सावधानी से जानुशिरासन का अभ्यास करते-करते हम पूरी तरह से आगे झुकना सीख जाते हैं|
जानुशिरासन धीरे-धीरे व सावधानी से करना चाहिए| किसी भी प्रकार का झटका लगने से बचें| जानुशिरासन का अभ्यास करने से कमर दर्द में आराम मिलता है, लेकिन अगर कमर में दर्द हो तो आसन का अभ्यास न करें|
इस blog में जानुशिरासन क्या है (What is Janushirasana)?, जानुशिरासन करने की विधि (Janushirasana steps) और जानुशिरासन के लाभ (Janushirasana benefits) के बारे में जाना|
इस विषय से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|
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