इस blog में सेतुबधासन क्या है (What is Setubadhasana meaning)?, सेतुबधासन कैसे करते हैं? (Setubadhasana procedure) और सेतुबधासन के लाभ (Setubadhasana benefits) के बारे में बताया गया है|
स्वस्थ शरीर के बिना मनुष्य के जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता की आशा करना संभव नहीं है| शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग एक अच्छा माध्यम है| योगाभ्यास करने से शरीर के सभी अवयव सुचारू रूप से कार्य करते हैं जिससे हमें शारिरिक व मानसिक लाभ प्राप्त होता है| इससे शरीर रोगमुक्त बनता है, शरीर में स्थिरता आती है तथा थकान, तनाव व चिंता को दूर करने में सहायता मिलती है| यह केवल तभी संभव है जब हम योग का अभ्यास नियमित रूप से करें| योगासनों का सावधानीपूर्वक व नियमित अभ्यास करने से शरीर स्वस्थ बनता है तथा व्यक्तित्व आकर्षक|
रीढ़ को लचीली बनाकर कमर दर्द में आराम दिलाने वाला, दिमाग शांत करने वाला, तनाव व चिंता से मुक्ति दिलाने वाला, चर्बी घटाने और पाचन व निष्कासन ठीक करने वाला सेतुबधासन बहुत महत्वपूर्ण है|
Table of Contents
सेतुबंधासन क्या है (What is Setubandhasana/Bridge pose)?
सेतुबंधासन में सेतु का अर्थ है पुल या bridge, बंध का अर्थ है बांधना या बनाना इस प्रकार सेतुबधासन का अर्थ है पुल बनाना| आसन करते समय जब हम पूर्णता की स्थिति में आते हैं तो शरीर की आकृति एक पुल के समान दिखाई देती है इसलिए इसे सेतुबंधासन या Bridge pose कहते हैं|
सेतुबंधासन करने की विधि (Procedure of setubandhasana in Hindi)
Step 1: पीठ के बल लेटें| पैरों में कंधों जितना फासला करें|
Step 2: दोनों हाथ शरीर के दाएं-बाएं रखें|
Step 3: दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें व दोनों हाथों से टखनों को पकड़ें|
Step 4: श्वास भरते हुए शरीर के बीच के भाग से ऊपर उठें|
Step 5: कंधे, सिर तथा तलवे आसन पर लगे रहें|
Step 6: यह पूर्णता की स्थिति है| अब सामान्य श्वास लेते रहें|
Step 7: कुछ क्षण रुकें तथा धीरे-धीरे रुकने की अवधि को बढ़ाएं|
Step 8: अब श्वास छोड़ते हुए धीरे-धीरे वापिस आयें व शवासन में विश्राम करें|
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सेतुबंधासन (Setubandhasana) करने की सही विधि व इसकी पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|
सेतुबंधासन लाभ (Setubandhasana benefits in Hindi)
सेतुबधासन का नियमित अभ्यास करने से बहुत लाभ होते हैं जो निम्न प्रकार हैं:
कमर दर्द में लाभदायक: इस आसन के करने से कमर दर्द में आराम मिलता है तथा कमर की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं|
पाचन ठीक होता है: इस आसन का नियमित अभ्यास करने से पाचन क्षमता बढ़ती हैं तथा कब्ज की समस्या से राहत मिलती है|
रीढ़ प्रभावित: इस आसन का अभ्यास करने से रीढ़ (spine) विपरीत दिशा में मुडती है जिससे यह लचीली बनती है|
चर्बी घटती है: इस आसन का नियमित अभ्यास करने से पेट, hips, thighs की चर्बी कम होती है, जिससे मोटापा कम होता है|
पेट के लिए लाभदायक: पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आता है तथा मांसपेशियां मजबूत बनती हैं|
मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक: इस आसन का नियमित अभ्यास करने से तनाव, चिंता तथा अवसाद (depression) से मुक्ति मिलती है|
सेतुबंधासन किन-किन के लिए वर्जित है (Setubandhasana is prohibited for whom)?
- जिन्हें हर्निया की समस्या अधिक हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
- जिनके गर्दन या कंधे में दर्द अधिक हो या सर्वाइकल हो, तो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
- जिनके पेट, कंधे आदि की सर्जरी हुई हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
- जिनके घुटनों में दर्द हो, तो सेतुबधासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए|
- जिनके पेट में अल्सर हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
- गर्भावति महिलाओं को यह आसन सावधानी से करना चाहिए|
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FAQ’s: सेतुबधासन से सम्बंधित सामान्य प्रश्न (General questions related to setubadhasana)|
सेतुबधासन कितनी देर करना चाहिए? (How long should we hold setubadhasana)?
सेतुबधासन पीठ के बल लेटकर किए जाने वाले आसनों में बहुत महत्वपूर्ण है| शुरू में सेतुबधासन का अभ्यास करते हुए पूर्णता की स्थिति में रुकने के समय को अपनी क्षमता के अनुसार 20 से 30 सेकंड तक करना चाहिए| अभ्यास हो जाने पर धीरे-धीरे इस समय को बढ़ाते हुए 1 से 3 मिनट तक करना चाहिए|
सेतुबधासन कितनी बार करना चाहिए? (How many times setubandhasana should do?)
सेतुबधासन का अभ्यास धीरे-धीरे और सावधानी से करना चाहिए| अभ्यास करते समय शुरू में दो या तीन बार सेतुबधासन करना चाहिए तथा हर बार अपने सामर्थ्य के अनुसार कुछ सेकंड तक रुकना चाहिए| पूरा अभ्यास (prectice) हो जाने पर एक बार में 4 से 5 बार ऊपर उठाना चाहिए तथा हर बार अपने सामर्थ्य के अनुसार 1 से 3 मिनट तक रुकने का प्रयास करना चाहिए|
सेतुबधासन किसे नहीं करना चाहिए? (Who should not do bridge pose or setubadhasana)?
कमर, गर्दन या घुटनों में दर्द हो तो सेतुबधासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए| जिन के गर्दन, पीठ या पेट की सर्जरी हुई हो, जिन्हें कोई गम्भीर बीमारी हो तो उन्हें सेतुबधासन नहीं करना चाहिए| गर्भावस्था में इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए|
सेतुबधासन से शरीर का कौन सा भाग प्रभावित होता है? (Which part of the body is affected by setubadhasana?)
सेतुबधासन का नियमित अभ्यास करने से रीढ़ व इसके आसपास की मांसपेशियां प्रभावित होकर मजबूत बनती हैं| कमर की मांसपेशियों में खिंचाव आता है और ये मजबूत बनती हैं, जिससे पीठ का कड़ापन दूर होता है| सेतुबधासन करने से पेट के अंग प्रभावित होते हैं, इनकी मालिश होती है तथा पाचन व निष्कासन ठीक होता है|
इस blog में सेतुबधासन क्या है (Setubadhasana meaning in Hindi)?, सेतुबधासन कैसे करते हैं? (Setubadhasana procedure) और सेतुबधासन के लाभ (Setubadhasana benefits) के बारे में जाना|
सेतुबधासन से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|
well explained!
Thank you bhai. Bohat accha laga apke article padke. Bohat kuch janneko mila…