आधुनिक समय में भागदौड़ व प्रतिस्पर्धा के कारण व्यक्ति बहुत अधिक बीमारियों से ग्रस्त होता जा रहा है| ऐसी स्थिति में योग एक ऐसा साधन है जो रोग प्रतिरोधक भी है और रोग निवारक भी| योग में बहुत से ऐसे आसन व प्राणायाम हैं, जिनका नियमित अभ्यास करने से ये हमारे शरीर को सुदृढ़, लचीला, स्वस्थ बनाते हैं तथा इन्हें करने से रक्त का संचार पूरे शरीर में ठीक प्रकार से हो पाता है|
शरीर में ऑक्सीजन लेने की क्षमता बढ़ती है| स्त्राव ग्रन्थियों से स्त्राव ठीक प्रकार से हो पाता है| पश्चिमोतानासन एक इसी प्रकार का आसन है जिससे शरीर की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं, हड्डियों में लचीलापन आता है, मोटापा कम होता है, पाचन ठीक होता है, तनाव कम होता है, सुस्ती दूर होती है|
आइए जाने कि पश्चिमोतानासन क्या है (What is Pashchimotanasana), इसे करने का तरीका क्या है, (Paschimottanasana steps) इसके क्या फायदे हैं (Paschimottanasana Benefits) तथा इसे किस किस को नहीं करना चाहिए|
Table of Contents
पश्चिमोत्तानासन क्या है (Paschimottanasana kya hai?)
पश्चिमोत्तानासन में पश्चिम का अर्थ है पीछे का भाग और उत्तान का अर्थ है उठाना या तानना| जब हम पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास करते हैं तो पूर्णता की स्थिति में शरीर के पीछे का पूरा भाग खिंचाव में आता है, इसलिए इस आसन को पश्चिमोत्तानासन कहा जाता है| इसे sitted forward bend pose भी कहते हैं|
पश्चिमोत्तानासन कैसे करते हैं (Paschimottanasana Steps in Hindi)
पश्चिमोत्तानासन करने की विधि step by step इस प्रकार है|
Step 1: आसन करने के लिए सबसे पहले पैरों को आगे की ओर फैलाकर दन्डासन में बैठें|
Step 2: श्वास भरते हुए धीरे-धीरे दोनों हाथ ऊपर की ओर तानें|
Step 3: श्वास छोड़ते हुए कमर के निचले भाग से आगे की तरफ झुकें|
Step 4: घुटनों को बिना मोड़े पैर के अंगूठों को पकड़कर अपनी ओर खींचें|
Step 5: सिर को घुटनों पर लगायें|
Step 6: जितना संभव हो, कोहनियों से आसन को छूने का प्रयास करें|
Step 7: यह पूर्णता की स्थिति है, सांस सामान्य लें और अपने सामर्थ्य के अनुसार कुछ क्षण रुकें|
Step 8: अब श्वास भरते हुए धीरे-धीरे वापिस आएं|
Step 9: दंडासन में विश्राम करें|
पश्चिमोतानासन कैसे करें इसकी पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|
पश्चिमोत्तानासन के लाभ (Paschimottanasana Benefits)
रीढ़ के दोष दूर: पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास करते समय शरीर के पीछे का, पैर के नीचे के भाग से सिर के पीछे तक का, भाग तनता है जिससे रीढ़ पर प्रभाव पड़ता है, जिससे रीढ़ की ऐंठन दूर होती है, लचीलापन बढ़ता है और रीढ़ के दोष दूर होते हैं
कमर दर्द: इसका अभ्यास करने से कमर के निचले भाग का अकड़न दूर होती है जिससे कमर लचीली बनती है और कमर दर्द में आराम मिलता है| लेकिन यदि कमर में अधिक दर्द हो तो उस समय यह आसन नहीं करना चाहिए|
घुटनों के दर्द में लाभदायक: जब हम नियमित रूप से आसन का अभ्यास करते हैं और घुटनों को मुड़ने नहीं देते तो घुटनों के पीछे के भाग की मांसपेशियां खिंचाव में आकर दृढ़ होती हैं जिससे घुटनों के दर्द से राहत मिलती है|
Sciatica में लाभकारी: आसन का अभ्यास करते समय पैरों के पीछे की मांसपेशियां तनती हैं जिससे पूरे पैरों में खिंचाव आता है और साइटिका की दर्द से राहत मिलती है|
मोटापा कम होता है: जब हम आसन का नियमित अभ्यास करते हैं तो पेट दबता है इससे abdominal wall को मजबूती मिलती है| पेट व hips की चर्बी घटती है और मोटापा कम करने में मदद मिलती है|
डायबिटीज नियंत्रित होती है: पेट के दबने से स्त्राव ग्रन्थियों से स्त्राव ठीक प्रकार से होता है| Pencreas ग्रन्थि के स्त्राव का ठीक प्रकार से निकलने के कारण मधुमेह control करने में मदद मिलती है|
पाचन क्रिया ठीक होती है: जब हम नियमित रूप से पश्चिमोतानासन का अभ्यास करते हैं तो यह पाचन क्रिया को बढ़ता है, जिससे कब्ज की समस्या से राहत मिलती है|
सुस्ती दूर होती है: पश्चिमोतानासन का अभ्यास सुस्ती दूर कर चुस्ती लाने में मददगार है|
मानसिक विकार दूर होते हैं: इसका अभ्यास करते हुए जब हम आगे की ओर झुकते हैं तो समर्पण की भावना आती है| इसका नियमित अभ्यास करने से मानसिक विकार दूर होते हैं जैसे स्वप्न दोष, तनाव, चिंता, अवसाद आदि|
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किस किस को यह आसन नहीं करना चाहिए (Who should not do Paschimottanasana)
जिन्हें कमर में दर्द अधिक हो तो यह आसन नहीं करना चाहिए|
हृदय रोगी को यह आसन नहीं करना चाहिए|
High B.P. हो तो यह आसन नहीं करना चाहिए|
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सावधानियां (Savdhaniyan)
शुरू में जब पश्चिमोतानासन का अभ्यास करते हैं तो हम पूरी तरह से आगे नहीं झुक पाते, इसलिए सावधानी से करें| कमर व पीठ पर अत्यधिक तनाव न आने दें|
FAQ’s: पश्चिमोतानासन के बारे में कुछ सामान्य प्रश्न (General Questions related to Paschimottanasana)
पश्चिमोतानासन करने से क्या होता है? (Paschimottanasana karne se kya hota hai?)
पश्चिमोतानासन बहुत ही महत्वपूर्ण आसन है| इसे करने से बहुत लाभ होता है| यह पेट व रीढ़ के दोष दूर करने में सहायक है| इसे करने से पैरों में खिंचाव आता है, जिससे पैरों की तकलीफ में आराम मिलता है| यह तनाव, चिंता, डिप्रेशन, अवसाद को दूर करता है|
पश्चिमोतानासन कब नहीं करना चाहिए? (Paschimottanasana kab nahi karna chahiye?)
जिन्हें हृदय रोग हो या High B.P. की समस्या हो तो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
जिनके पेट का ऑपरेशन हुआ हो या जिनकी कमर में दर्द अधिक हो तो उन्हें पश्चिमोतानासन नहीं करना चाहिए|
पश्चिमोतानासन से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|