योग करने से शारीरिक तो स्वास्थ्य रहता ही है, इसके साथ साथ यह मानसिक व भावनात्मक रूप से भी लाभकारी है| योगासन शरीर को लचीला व मजबूत बनाने में मदद करते हैं| तिर्यक ताड़ासन भी एक ऐसा ही आसन है जिसे करने से पूरे शरीर को लाभ मिलता है| इसे करने से liver, kidney, pancreas, छोटी-आंत, बड़ी आंत सभी प्रभाव में आते हैं| इस आसन से ना केवल बच्चों का कद बढ़ता है बल्कि मांसपेशियां मजबूत बनती हैं, रीढ़ लचीली बनती है, कब्ज दूर होती है, मन शांत होता है और तनाव दूर होता है|
आइए जाने तिर्यक ताड़ासन क्या है, इसे करने का तरीका, इसके फायदे और किस-किस को यह आसन नहीं करना चाहिए|
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तिर्यक ताड़ासन क्या है? (Tiryak tadasana kya hai)?
तिर्यक ताड़ासन तीन शब्दों से मिलकर बना है, तिर्यक+ताड़+आसन| इसमें तिर्यक का अर्थ है तिरछा, ताड़ का अर्थ है ताड़ (खजूर) का पेड़ और आसन का अर्थ है मुद्रा| आसन का अभ्यास करते हुए जब हम पूर्णता की स्थिति में आते हैं तो शरीर की आकृति तिरछी या एक साइड में झुकी हुई दिखाई देती है इसलिए इसे तिर्यक ताड़ासन कहते हैं| इसे तिरछे ताड़ के पेड़ की मुद्रा या Swaying Palm tree pose भी कहा जाता है|
तिर्यक ताड़ासन करने की विधि (Tiryak tadasana karne ki vidhi in Hindi)
Step 1: तिर्यक ताड़ासन करने के लिए आसन पर सीधे खड़े हो जाएं| दोनों हाथ शरीर के दाएं-बाएं रखें|
Step 2: अब अपने पैरों में कंधों जितना फांसला करें| (इसे हम एड़ी-पंजा मिलाकर भी कर सकते हैं)
Step 3: सांस भरते हुए दोनों हाथों को side से लेकर जाते हुए सिर के ऊपर गूँथ लें और फिर ऊपर की ओर तान दें| भुजाएं कानों के साथ लगी रहें|
Step 4: सांस भरते हुए धीरे-धीरे दाएं तरफ झुकें| बिल्कुल side से झुकना है, आगे या पीछे नहीं|
Step 5: अधिक से अधिक झुकने का प्रयास करें| 90 डिग्री तक झुकना उत्तम माना जाता है| अब सामने की ओर देखें|
Step 6: यह पूर्णता की स्थिति है सामान्य श्वास लें| (यहाँ आप उतनी देर भी रुक सकते हैं, जितनी देर आप सांस को रोक सकें)
Step 7: अपने सामर्थ्य के अनुसार रुकें, फिर धीरे-धीरे वापिस आएं|
Step 8: अब यही क्रिया बाएं ओर करनी है|
Step 9: सांस भरते हुए धीरे-धीरे बाएं तरफ झुकें| पूर्णता की स्थिति में सामान्य सांस लें|
Step 10: क्षमता के अनुसार रुकें, धीरे-धीरे side पर रुकने के समय को बढ़ाएं| फिर धीरे-धीरे वापिस आएं
Step 11: यह एक round हुआ| इस प्रकार के कम से कम 5 round करें| सामर्थ्य के अनुसार round बढ़ाएं और फिर विश्राम करें|
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तिर्यक ताड़ासन के लाभ (Tiryak tadasana benefits in hindi)
चर्बी घटती है: इस आसन को करते हुए जब हम side में झुकते हैं तो पेट के एक side पर खिंचाव आता है और दूसरी तरफ के अंग दबते हैं| इसलिए इस आसन का नियमित अभ्यास करने से पेट के दोनों side की चर्बी कम होती है|
मोटापा घटाने के लिए: यह मोटापा कम करने में मददगार है| इसे करने से पेट के side की चर्बी घटती है, जिससे मोटापा घटने में मदद मिलती है|
Height बढ़ाने में लाभदायक: तिर्यक ताड़ासन का नियमित अभ्यास बच्चों की लम्बाई बढ़ाने में लाभदायक है| यह आसन भी ताड़ासन की तरह बच्चों का कद बढ़ाने में मदद करता है|
पाचन तंत्र: तिर्यक ताड़ासन का अभ्यास करने से पाचन तंत्र मजबूत बनता है और पाचन सम्बंधी समस्याएं दूर होती हैं|
कब्ज की समस्या में आराम मिलता है| तिर्यक ताड़ासन का अभ्यास शंख प्रक्षालन के समय भी किया जाता है, जिससे मल त्यागने में आसानी होती है इसलिए यदि इस आसन का नियमित अभ्यास किया जाए तो कब्ज की समस्या से राहत मिलती है|
सर्वाइकल कम होती है: इस आसन का अभ्यास करने से कंधों में खिंचाव आता है| कंधों की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं| इस आसन का नियमित अभ्यास हमें सर्वाइकल होने से बचाता है|
कमर दर्द में आराम: इस आसन का अभ्यास करने से कमर के निचले भाग पर खिंचाव आता है जिससे कमर दर्द में आराम मिलता है|
रीढ़ के लिए लाभदायक: इसे करने से रीढ़ की अच्छी मालिश हो जाती है| इससे रीढ़ में लचीलापन आता है, कड़ापन दूर होता है और यह मजबूत बनती है|
पीठ दर्द के लिए: इसका नियमित अभ्यास करने से पीठ दर्द में आराम मिलता है|
Immunity बढ़ाने में लाभदायक: तिर्यक ताड़ासन immunity बढ़ाने वाला महत्वपूर्ण आसन है| इसे करने से संक्रामक रोगों से लड़ने के लिए शक्ति मिलती है तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है|
हाई ब्लडप्रेशर control: हाई ब्लडप्रेशर के रोगी के लिए यह एक लाभदायक आसन है| तिर्यक ताड़ासन का नियमित अभ्यास करने से हाई ब्लडप्रेशर को control करने में मदद मिलती है|
Diabetes रोगी के लिए फायदेमंद: तिर्यक ताड़ासन करते हुए जब हम एक side पर झुकते हैं तो एक तरफ के अंग खींचते हैं ओर दूसरी तरफ के अंग दबते हैं| इससे pancreas activate होता है, जिससे blood sugar पर नियन्त्रण हो जाता है| इसलिए तिर्यक ताड़ासन का नियमित अभ्यास करने से मधुमेह के रोगी को बहुत लाभ होता है|
रक्त का संचार: तिर्यक ताड़ासन का अभ्यास करने से पूरे शरीर में रक्त का संचार ठीक प्रकार से होता है| साथ ही blood के साथ ऑक्सीजन भी हर अंग तक पहुंचती है|
फेफड़ों के लिए लाभदायक: तिर्यकताड़ासन करते हुए सीना तना रहता है, जिससे फेफड़ों में सांस लेने की क्षमता बढ़ती है, शरीर में ऑक्सीजन की अधिक मात्रा पहुंचती है और फेफड़े मजबूत बनते हैं|
तनाव दूर होता है: तिर्यक ताड़ासन का अभ्यास करने से मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ता है| इससे मन शांत होता है, concentration बढ़ती है और तनाव दूर होता है|
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तिर्यक ताड़ासन कैसे करना चाहिए इसकी पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|
तिर्यक ताड़ासन किन-किन को नहीं करना चाहिए (For whom Tiryak tadasana is prohibited)?
किन किन को यह आसन नहीं करना चाहिए|
- जिन्हें गर्दन या कंधों में दर्द अधिक हो या सर्वाइकल की समस्या हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
- जिन्हें कमर या पीठ में दर्द अधिक हो, उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
- जिन्हें Low B.P. की समस्या हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
- जिनकी हाल ही में पेट की सर्जरी हुई हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
- गर्भावस्था में यह आसन नहीं करना चाहिए|
तिर्यक ताड़ासन करते समय क्या सावधानियाँ बरतें (Tiryak tadasana ki savdhaniyan)
- जिन्हें गर्दन या कंधों में दर्द हो उन्हें यह आसन सावधानी से करना चाहिए|
- हाई बी.पी. के रोगी को यह आसन सावधानी से करना चाहिए|
FAQ’s: तिर्यक ताड़ासन के बारे में कुछ सामान्य प्रश्न (General Questions related to Tiryak tadasana)
तिर्यक ताड़ासन क्या है? (Tiryak tadasana kya hai?)
तिर्यक ताड़ासन खड़े होकर किये जाने वाले आसनों में से एक आसन है| पूर्णता की स्थिति में यह झूलते हुए ताड़ के वृक्ष के समान दिखाई देता है| यह एक महत्वपूर्ण आसन है, जिससे हमें बहुत लाभ मिलते हैं|
तिर्यक ताड़ासन कैसे किया जाता है? (Triyak tadasana kaise kiya jata hai?)
तिर्यक ताड़ासन करने के लिए पैरों में फासला करके आसन पर खड़े हो जाएं| हाथों को side से ऊपर उठाते हुए सिर से ऊपर ले जाकर आपस में गूँथ लें| अब सांस भरते हुए धीरे-धीरे दाएं तरफ झुकें| अधिक से अधिक झुकने का प्रयास करें| कुछ क्षण रुकने के बाद धीरे-धीरे वापिस आएं| अब यही क्रिया बाएं तरफ से भी करें| धीरे-धीरे वापिस आएं और विश्राम करें|
तिर्यक ताड़ासन के क्या फायदे हैं? (Tiryak tadasana ke kya fayde hain)
तिर्यक ताड़ासन बहुत फायदेमंद आसन है| इसका नियमित अभ्यास करने से पेट की चर्बी कम होती है, कब्ज से राहत मिलती है, High B.P. व diabetes के रोगी के लिए लाभदायक आसन है| इसे करने से बच्चों का कद बढ़ता है| immunity बढ़ाने, concentration बढ़ाने व तनाव कम करने में यह बहुत लाभदायक है|
तिर्यक ताड़ासन से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|