इस blog में मर्कटासन क्या है (What is markatasana)?, मर्कटासन कैसे करते हैं? (Markatasana procedure) और मर्कटासन के लाभ (Markatasana benefits) के बारे में जानेगे|
योगासनों का अभ्यास शरीर को स्वस्थ रखने तथा रोगों को दूर करने के लिए आवश्यक है| आसनों की विभिन्न मुद्राओं से शरीर में रक्त का संचार भलीभांति होने से रक्त प्रत्येक अंग तक सुचारू रूप से पहुंचता है| योग के आसनों का प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है| कुछ आसन फेफड़ों को प्रभावित करते हैं तो कुछ मांसपेशियों को, कुछ रीढ़ को, तो कुछ मस्तिष्क को | इस प्रकार योगासनों का अभ्यास करने से शरीर पूर्ण रूप से विकसित, चुस्त, लचीला व शक्तिवान हो जाता है|
रीढ़ को लचीली बनाने वाला, कमर दर्द में आराम दिलाने वाला, दिमाग थकान से आराम दिलाने वाला, जोड़ों के दर्द से मुक्ति दिलाने वाला, पेट की समस्याओं से राहत दिलाने वाला और पाचन व निष्कासन ठीक करने वाला मर्कटासन बहुत महत्वपूर्ण है|
Table of Contents
मर्कटासन क्या है (What is Markatasana)?
पीठ के बल लेट कर किये जाने वाले आसनों में मर्कटासन बहुत ही महत्वपूर्ण आसन है| जब हम आसन करते हुए पूर्णता की स्थिति में आते हैं तो शरीर की आकृति लेटे हुए बंदर के समान दिखाई देती है| जिस प्रकार बंदर (मर्कट) अलग-अलग मुद्राओं में लेटता है उसी प्रकार मर्कटासन करने की अलग-अलग विधियां हैं| मर्कटासन को monkey spinal twist pose भी कहते हैं|
मर्कटासन करने का तरीका (Procedure of Markatasana in Hindi)
हम मर्कटासन तीन विधियों से करेंगे|
मर्कटासन विधि 1:
Step 1: पीठ के बल लेटें| एड़ी-पंजे मिलाएं|
Step 2: दोनों हाथों को कन्धों के बराबर खोलें| हथेलियों का रुख आकाश की ओर हो|
Step 3: अब घुटनों से पैरों को मोड़ें व एडियां hips के नजदीक रखें|
Step 4: श्वास भरते हुए दोनों घुटने दाएं तरफ झुकाते हुए आसन पर लगाएं व गर्दन को बाएं तरफ घुमाएं व बायां कान आसन से लगाएं|
Step 5: ऊपर वाले घुटने से नीचे वाले घुटने को दबाएं|
Step 6: दोनों हाथ आसन पर लगे रहें|
Step 7: यह पूर्णता की स्थिति है कुछ क्षण रुकें व सामान्य श्वास लेते रहें|
Step 8: अब श्वास छोड़ते हुए धीरे-धीरे गर्दन को सीधा करें व घुटनों को ऊपर उठाएं|
Step 9: एडियां hips के नजदीक रखें| अब श्वास भरते हुए दोनों घुटने बाएं तरफ आसन पर लगाएं|
Step 10: दाएं कान को दाएं तरफ आसन पर लगाएं| अब सामान्य श्वास लेते रहें|
Step 11: श्वास छोड़ते हुए घुटने ऊपर उठाएं व पैर सीधे करें|
Step 12: हाथों को शरीर के पास रखें व पैरों में फासला करके शवासन में विश्राम करें|
मर्कटासन विधि 2:
Step 1: अपने पैरों में कंधों जितना फसला करें|
Step 2: दोनों हाथों को कंधों की सीध में खोलें हथेलियों का रुख आकाश की ओर हो|
Step 3: दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें|
Step 4: श्वास भरते हुए दोनों घुटनों को दाएं तरफ झुकाते हुए आसन पर लगाएं| बायां घुटना दाएं पैर की एड़ी को छुए|
Step 5: गर्दन को बाएं तरफ घुमाते हुए बायां कान आसन से लगाएं| अब सामान्य श्वास लेते रहें|
Step 6: श्वास छोड़ते हुए घुटनों को ऊपर लाएं व गर्दन को सीधा करें|
Step 7: अब यही क्रिया दूसरी तरफ से करेंगें|
Step 8: श्वास भरते हुए दोनों घुटनों को बाएं तरफ आसन पर लगाएं| दायां घुटना बाएं पैर की एड़ी को छुए|
Step 9: गर्दन को दाएं तरफ घुमाते हुए दायां कान आसन से लगाएं| अब सामान्य श्वास लेते रहें|
Step 10: श्वास छोड़ते हुए घुटनों को ऊपर लाएं व गर्दन को सीधा करें|
Step 11: अब पैरों को सीधा करें व हाथों को शरीर के दाएं-बाएं रखें| शवासन में विश्राम करें|
मर्कटासन विधि 3:
Step 1: एड़ी-पंजे मिलाएं| दोनों हाथ कंधों की सीध में फैलाएं|
Step 2: श्वास भरते हुए दाएं पैर को 90 डिग्री ऊपर उठाएं|
Step 3: श्वास छोड़ते हुए अपने पैर को बाएं हाथ के नजदीक या बाएं हाथ पर रखें|
Step 4: बायां पैर सीधा रखें|
Step 5: गर्दन को दाएं तरफ घुमाएं व दायां कान आसन पर लगाएं|
Step 6: ये पूर्णता की स्थिति है| कुछ क्षण रुकें व सामान्य श्वास लेते रहें|
Step 7: अब श्वास भरते हुए गर्दन को सीधा करें व पैर को 90 डिग्री पर लाएं व सीधा करें|
Step 8: अब यही क्रिया दूसरी तरफ से करेंगें|
Step 9: श्वास भरते हुए बाएं पैर को 90 डिग्री तक ऊपर उठाएं|
Step 10: श्वास छोड़ते हुए दाएं हाथ पर रखें|
Step 11: दायां पैर सीधा रखें|
Step 12: गर्दन को बाएं तरफ घुमाएं व बायां कान आसन पर लगाएं|
Step 13: अब सामान्य श्वास लेते रहें|
Step 14: श्वास भरते हुए गर्दन को सीधा करें व पैर को 90 डिग्री पर लाएं व सीधा करके आसन पर रखें|
Step 15: शवासन में विश्राम करें|
मर्कटासन (Markatasana) करने की सही विधि व इसकी पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|
मर्कटासन के लाभ (Markatasana benefits in Hindi)
रीढ़ लचीली: इस आसन के करने से रीढ़ तिरछी दिशा में मुड़ती है जिससे रीढ़ लचीली व मजबूत बनती है|
फेफड़े पुष्ट: मर्कटासन करते हुए श्वास भरकर शक्ति के अनुसार रोककर रखने से खिंचाव अधिक बढ़ता है जिससे फेफड़े पुष्ट होते हैं तथा फेफड़ों में श्वास लेने की क्षमता बढ़ती है|
पेट के दोष दूर: जब हम तिरछी दिशा में मुड़ते हैं तो नाभि, पेट की दाएं-बाएं की मांसपेशियां व बड़ी आंत के प्रभाव में आने से पाचन ठीक होता है तथा कब्ज की समस्या से राहत मिलती है|
मधुमेह में लाभदायक: मर्कटासन का अभ्यास करते हुए जब तिरछी ओर मुड़ते हैं तो पेट पर पूरा खिंचाव आने से पैंक्रियाज activate होता है, जो डायबिटीज के रोगी के लिए लाभदायक है|
चर्बी (Fat) कम: इस आसन के करने से नितम्ब (Hips), जंघा (Thighs) तथा पेट व पेट के side की चर्बी घटती है| इस आसन का नियमित अभ्यास करने से मोटापा घटता है|
घुटनों के दर्द: मर्कटासन का अभ्यास करते हुए जब घटने से घुटना दबाते हुए तिरछी दिशा में मुड़ते हैं तो जंघा और घुटनों की मांसपेशियां खिंचाव में आने से मजबूत व लचीली बनती हैं तथा घुटनों के दर्द होने से बचे रहते हैं|
Muscles Strong: मर्कटासन का नियमित अभ्यास करने से हाथों व पैरों की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं|
सर्वाइकल के दोष दूर: इस आसन को करते हुए दोनों हाथों को खींचकर रखने से भुजाएं, कलाइयाँ, कंधे मजबूत बनते हैं इससे सर्वाइकल के दोष दूर होते हैं|
कमर दर्द व slip-disc के दोष दूर: इस आसन का अभ्यास करते समय रीढ़ ऊपर व नीचे के भाग से विपरीत दिशा में मुडने से लचीली व मजबूत बनती है| इस प्रकार रीढ़ पर प्रभाव पड़ने से कमर दर्द व slip-disc की समस्या में आराम मिलता है|
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मर्कटासन किन-किन के लिए वर्जित है (Markatasana is prohibited for whom)?
- जिन्हें कमर में अधिक दर्द हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
- जिन्हें cervical की समस्या अधिक हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
- जिनके पेट की सर्जरी हुई हो उन्हें भी यह आसन नहीं करना चाहिए|
- मासिक धर्म/पीरियड्स (periods) के समय यह आसन नहीं करना चाहिए|
- जिन्हें High B.P. की समस्या हो उन्हें बिना सांस रोके यह आसन करना चाहिए|
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FAQ’s: मर्कटासन से सम्बंधित सामान्य प्रश्न (General questions related to Markatasana)|
मर्कटासन का क्या अर्थ है? (What is the meaning of Markatasana?)
मर्कटासन पीठ के बल लेटकर किया जाने वाला आसन है| आसन करते हुए जब हम पूर्णता की स्थिति में आते हैं तो शरीर की आकृति लेटे हुए बंदर के समान दिखाई देती है| इसलिए इसे मर्कटासन या monkey spinal twist pose भी कहते हैं|
मर्कटासन के मुख्य लाभ क्या हैं? (What are the main benefits of Markatasana?)
मर्कटासन का अभ्यास करने के मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं| जैसे
मर्कटासन का अभ्यास करने से hips, पैर तथा joints में flexibility आती है|
पेट सम्बंधी समस्याओं में आराम मिलता है|
कब्ज से राहत मिलती है|
दिमाग को relax करने में यह आसन लाभदायक है| इसे करने से तनाव दूर होता है|
चर्बी घटाने में यह आसन फायदेमंद है|
इस blog में मर्कटासन क्या है (What is markatasana)?, मर्कटासन कैसे करते हैं? (Markatasana procedure) और मर्कटासन के लाभ (Markatasana benefits) के बारे में जाना|
मर्कटासन से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|