इस blog में गर्भावस्था में होने वाले स्ट्रेस/तनाव (What is stress/tension during pregnancy)?, कारण (causes), लक्षण (Symptoms), तनाव को दूर करने के उपायों के बारे में जानेगे|
गर्भावस्था हर औरत के जीवन का सबसे खूबसूरत समय होता है| इस समय हर औरत पूर्णत्व का एहसास करती है| यह एक सुखद अहसास होता है| इस समय उसे शारीरिक व मानसिक परिवर्तनों का सामना करना पड़ता है| गर्भावस्था का समय बहुत संवेदनशील समय होता है| यह नौ-महीने का समय शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है|
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गर्भावस्था/प्रेगनेंसी में तनाव क्या है (What is stress during pregnancy)
गर्भावस्था में पेट में दर्द, smell आना, कमजोरी, थकान आदि होने से तनाव होता है| यदि महिला की पहली pregnancy हो तो ये लक्षण उसमें अधिक तनाव उत्पन्न कर देते हैं| कई महिलाएं घर व ऑफिस दोनों सम्भालती हैं तो कई प्रकार की परेशानियाँ आने से भी गर्भावस्था के समय तनाव बढ़ जाता है| Physical बदलाव के कारण कई बार बाहर जाने में शर्म महसूस होती है जिससे भी तनाव/टेंशन बढ़ती है|
इस समय कई बार महिलाएं तनाव, चिंता, अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं से घिर जाती हैं तथा इन समस्याओं को चुपचाप सहन करती रहती हैं| इससे तनाव अधिक हो जाता है तथा नकारात्मकता आने लगती है | ये बुरे प्रभाव आने वाले बच्चे के स्वास्थ्य पर भी पड़ते हैं|
गर्भावस्था में तनाव के लक्षण (Symptoms of stress during pregnancy)
- सिरदर्द
- नींद की कमी
- उल्टी व चक्कर आना
- बी.पी. की समस्या
- वजन कम होना
- बार-बार पेशाब आना
- कमर दर्द
- थकावट
- भूख की कमी
- चिड़चिड़ापन
गर्भावस्था में तनाव के कारण (Causes of stress during pregnancy)
- गर्भावस्था में हार्मोन्स में बदलाव के कारण जो शारीरिक परिवर्तन आते हैं, वे तनाव का कारण हो सकते हैं|
- इस समय शरीर व कमर में दर्द तनाव का कारण हो सकता है|
- यदि कोई महिला labor-pain या बच्चे की सेहत के बारे में अत्याधिक सोचने लगे, तो ये भी तनाव का कारण हो सकता है|
- इस समय कई लोग जो सलाह देते हैं उससे ऊब कर महिला तनाव ले सकती है
- महिलाओं को अपने आस-पास का माहौल सकारात्मक बना कर रखना चाहिए तथा नकारात्मक बातों से दूर रहना चाहिए|
गर्भावस्था में तनाव को दूर करने के उपाय (Release of stress during pregnancy)
बेवजह नकारात्मक न सोचें: किसी प्रकार की नकारात्मक सोच को अपने ऊपर हावी न होनें दें| अपने आस-पास के माहौल को खुशनुमा बना कर रखें| सभी से हंस कर बात करें और भविष्य के बारे में अच्छा सोचें| अच्छा सोचेंगे तो अच्छा ही होगा, इस पर विश्वास रखें| सकारात्मक रहने से हर मुश्किल से निकलने की क्षमता मिलती है| इससे आप अपने को तनाव से मुक्त रख सकती हैं|
पौष्टिक आहार लें: ताजे फल व सब्जियां खाएं| कई बार पौषक तत्वों की कमी से चिड़चिड़ापन व तनाव हो जाता है| मोटे अनाज का सेवन करें जैसे चना, मक्की, बाजरा आदि| विटामिन सी युक्त फल लें जैसे संतरा| पानी खूब पिएं, कभी-कभी नारियल पानी पीना भी फायदेमंद है| आयरन-युक्त सब्जियां जैसे ब्रोकली, हरी सब्जियां धोकर व पका कर खाएं| भिगोये हुए बादाम, अखरोट, तथा काजू खाएं|
अपनी दिनचर्या निर्धारित करें: अपने काम के हिसाब से अपनी दिनचर्या निर्धारित करें| जब आप के पास हर काम को करने का समय निश्चित होगा तो चिडचिडापन नहीं होगा तथा तनाव भी नहीं होगा| इससे आपको आराम करने का समय भी मिल जायेगा|
व्यस्त रहें व कुछ क्रिएटिव करें: अपने आप को कामों में व्यस्त रखें| व्यस्त रहेंगे तो उल्टे-सीधे ख्याल नहीं आएंगे तथा कुछ काम करने का सुख भी मिलेगा| कुछ नया व क्रिएटिव सीखने में समय लगायें| अपनी हॉबी को समय दें जैसे सिलाई, बेकिंग, कढ़ाई-बुनाई, रीडिंग-राइटिंग, क्राफ्ट| इससे मन खुश रहेगा तथा तनाव भी नहीं होगा|
योग व ध्यान करें: अपनी सेहत के हिसाब से व्यायाम या योग करें| योग-आसन के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें| प्राणायाम करें जैसे गहरे लम्बे श्वास प्राणायाम, अनुलोम विलोम प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम आदि| ध्यान या meditation करें जैसे ॐ का उच्चारण| यदि yoga करना संभव न हो तो पार्क या घर में घूमें|
हंसी योग करें: हररोज हंसी योग करें| जोर-जोर से हंसने के बहुत फायदे हैं, जो गर्भावस्था के समय माँ व बच्चे के लिए लाभकारी हैं| इससे तनाव दूर होता है, mood ठीक रहता है तथा नींद अच्छी आती है| हंसी आसन से हैप्पी हार्मोन्स का स्त्राव होता है जो तनाव कम करने में लाभदायक है| हंसने से positivity आती है, जो आपकी परिस्थितियों के लिए बहुत जरूरी है|
दोस्तों से बात करें: तनाव की स्थिति में अपने परिवार व दोस्तों के सहयोग से सकारात्मक सोच को बनाये रखें| इस समय औरत को अपने अंदर की शक्ति को बनाए रखना चाहिए व अपनी क्षमता को पहचानना चाहिए|
पूरी नींद लें: सही समय पर सोने जाएँ| 6 से 8 घंटे की पूरी नींद लें| सोने से पहले अच्छी नींद लेने के लिए अच्छी किताबें पढ़ें| आप अपना मन पसंद संगीत भी सुन सकते हैं, इससे नींद अच्छी आएगी| अच्छी व पूरी नींद लेने से आप स्वस्थ व तनावमुक्त रहेंगे|
रेगुलर चेकअप करवाएं: रेगुलर चेकअप के लिए डॉक्टर के पास जाएँ व उनकी सलाह के अनुसार अपना ध्यान रखें| तनाव होने पर अपने डॉक्टर की सलाह से मनोचिकित्सक से बात करें|
मनोचिकित्सक से सलाह लें: तनावयुक्त स्थिति से बचने का प्रयास करें| अगर फिर भी तनाव हो तो मनोचिकित्सक से सलाह लें| अपनी समस्याओं के लिए मनोचिकित्सक या काउंसलर से सम्पर्क करना उतना ही सामान्य बात है, जितना किसी अन्य बीमारी के लिए डॉक्टर के पास जाना|
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FAQ’s : Stress management during pregnancy के बारे में कुछ सामान्य प्रश्न (Questions)|
गर्भावस्था/प्रेगनेंसी में तनाव/टेंशन क्या है (What is stress/tension during pregnancy)?
गर्भावस्था में आने वाली समस्याओं से परेशान होकर महिलाओं में तनाव हो सकता है| कई बार पहली pregnancy के समय, जो दिक्कतें आती हैं उनके बारे में सोचकर महिलाएं तनाव से घिरने लगती हैं| गर्भावस्था के समय कई बार nuclear family होने के कारण महिलाओं के साथ कोई परिवार का सदस्य नहीं होता ऐसी अवस्था में तकलीफ होने पर तनाव होना स्वभाविक है| इस प्रकार के तनाव बढ़ते रहने से चिंता (Anxiety), अवसाद (Depression) जैसी मानसिक समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है|
गर्भावस्था में स्ट्रेस/तनाव को कैसे दूर करें (How to release stress/tension during pregnancy)?
गर्भावस्था में होने वाले तनाव को दूर करने के निम्न उपाय किए जा सकते हैं| गर्भावस्था में आने वाली दिक्कतों का सामना करने के लिए सकारात्मक (positive) सोचें| अपनों के सम्पर्क में रहें| पौष्टिक व संतुलित आहार लें| 6 से 8 घंटे की पूरी नींद लें| खाली न रहें थोड़ा-थोड़ा काम अपनी इच्छा व तबियत के अनुसार करते रहें| doctor की सलाह से योगाभ्यास करें| आसन, प्राणायाम व ध्यान तनाव को दूर करने में मदद करते हैं|
इस blog में गर्भावस्था में होने वाला तनाव (What is stress during pregnancy)?, कारण (causes), लक्षण (Symptoms of stress), तनाव को दूर करने के उपायों (How to release stress during pregnancy) के बारे में जाना|
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