इस blog में सर्पासन क्या है (What is Sarpasana)?, सर्पासन की विधि (Sarpasana procedure) और सर्पासन के लाभ (Sarpasana benefits) के बारे में जानेगे|
कंधे, हाथों और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने वाला, पेट के अंगों को प्रभावित करने वाला, पेट की चर्बी घटाने वाला, तनाव व चिंता से मुक्ति दिलाने वाला सर्पासन बहुत महत्वपूर्ण आसन है|
भाग-दौड़ भरी जिंदगी में अपने आप को फिट रखने के लिए व्यायाम जरूरी है| इसके लिए एक्सरसाइज, दौड़ना या जिम कुछ भी किया जा सकता है| लेकिन योग एक ऐसा व्यायाम है जो शरीर व मन-मस्तिष्क के साथ-साथ व्यक्ति को भावनात्मक व सामाजिक तौर पर भी फिट रखता है| योग का अभ्यास करते समय गति कम होती है जिससे यह (योग) शरीर को थकने नहीं देता तथा तनाव व चिंता से भी दूर रखता है|
Table of Contents
सर्पासन क्या है (what is Sarpasana)?
पेट के बल लेट कर किये जाने वाले आसनों में सर्पासन एक बहुत ही महत्वपूर्ण आसन है| सर्पासन दो शब्दों से मिलकर बना है सर्प + आसन| यहाँ सर्प का अर्थ सांप या नाग है तथा आसन का अर्थ आकृति या मुद्रा है| आसन करते समय जब हम पूर्णता की स्थिति में आते हैं तो शरीर की आकृति सांप के समान दिखाई देती है और आसन करते हुए जब हम पेट के बल दाएं-बाएं डोलते हैं तो शरीर की आकृति रेंगते हुए सांप के समान दिखाई देती है इसलिए इसे सर्पासन या snake-pose कहते हैं| सर्पासन, भुजंगासन का ही एक अन्य रूप है|
सर्पासन की विधि (Procedure of Sarpasana in Hindi)
यहाँ हम सर्पासन दो विधियों से करेंगे|
विधि 1:
Step 1: सबसे पहले पेट के बल लेटें|
Step 2: अब एडियां-पंजे मिलाएं| पंजों का पृष्ठ भाग व ठोड़ी आसन पर हो|
Step 3: दोनों हाथों की उँगलियाँ आपस में फंसाते हुए कमर के पीछे hips पर रखें तथा अंगूठे समानांतर हों|
Step 4: श्वास भरते हुए हाथों को पीछे की ओर खींचे व थोड़ा ऊपर उठा कर रखें|
Step 5: सिर, कंधे व धड़ ऊपर की ओर उठे हों|
Step 6: यह पूर्णता की स्थिति है यहाँ यथासम्भव रुकने का प्रयास करें व सामान्य श्वास लेते रहें|
Step 7: धीरे-धीरे श्वास छोड़ते हुए वापिस आयें व मकरासन में विश्राम करें|
विधि 2:
Step 1: पेट के बल लेटकर एडियां-पंजे मिलाएं|
Step 2: पंजे लेटे हुए व ठोड़ी आसन पर हों|
Step 3: दोनों हाथों की उंगलियां आपस में फंसाते हुए कमर के पीछे रखें व अंगूठे एक दूसरे के समानांतर हों|
Step 4: श्वास भरते हुए दोनों हाथों को पीछे की ओर खींचें| आगे से धड़ व पीछे से पैर ऊपर उठायें|
Step 5: भरी हुई श्वास के साथ पेट के बल दाएं-बाएं डोलें|
Step 6: दाएं-बाएं डोलते हुए ना तो कंधे और ना ही घुटने आसन पर लगें|
Step 7: श्वास लेने की जरूरत पड़े तो side पर करवट के बल लें, बीच में नहीं|
Step 8: कंधे व घुटने आसन पर न लगें|
Step 9: क्षमता के अनुसार दाएं-बाएं डोलते रहें| फिर मकरासन में विश्राम करें|
सर्पासन (Sarpasana) करने की सही विधि व इसकी पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|
सर्पासन के फायदे (Sarpasana benefits in Hindi)
तनाव दूर होता है: नियमित रूप से सर्पासन का अभ्यास करने से हमें तनाव व चिंता से मुक्ति मिलती है|
पेट की मसाज: सर्पासन करते समय जब हम दाएं व बाएं पेट के बल डोलते हैं तो पेट की मांसपेशियों व पेट के सभी अंगों की मालिश होती है|
पेट के विकार दूर होते हैं: सर्पासन का नियमित अभ्यास करने से जठराग्नि तेज होती है| कब्ज व गैस जैसी समस्यायें ठीक होती है नाभि के ऊपर का दर्द ठीक होता है तथा इस प्रकार पेट सम्बंधी विकार दूर करने में यह आसन बहुत लाभदायक है|
पेट की चर्बी घटती है: इस आसन को करते हुए जब हम दाएं व बाएं पेट के बल डोलते हैं तो पेट व पेट के side की चर्बी घटती है, इससे मोटापा कम होता है|
फेफड़ों की श्वसन-क्षमता प्रभावित: सर्पासन का अभ्यास करते समय जब हम आगे से ऊपर उठते हैं और सांस अंदर भरकर रखते हैं तो फेफड़ों के फैलने से फेफड़े सुदृढ़ बनते हैं और फेफड़ों में श्वास लेने की क्षमता बढ़ती है|
रीढ़ लचीली बनती है: सर्पासन का नियमित अभ्यास करने से कमर दर्द में तो आराम मिलता ही है, इसके साथ-साथ हाथ, कंधे व पैर भी मजबूत बनते हैं| इस आसन को करने से रीढ़ लचीली (flexible) व मजबूत बनती है| रीढ़ के दोष दूर होते है जैसे सर्वाइकल, कमर-दर्द आदि|
Diabetes के patients के लिए लाभदायक: सर्पासन का अभ्यास करने से पेट दबता है, इससे pancreas activate होता है, इसलिए ये आसन Diabetes/मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक है|
पैर मजबूत बनते हैं: सर्पासन करते हुए जब हम आगे से धड़ व पीछे से पैर ऊपर उठाते हैं और पैरों को खीँच कर रखते हैं तो पैर मजबूत बनते हैं| इसका नियमित अभ्यास करने से पिंडलियों के दोष, घुटनों की दर्द, varicose veins आदि सभी में आराम मिलता है|
Read: Dhanurasana
सर्पासन किसे नहीं करना चाहिए? (Who should not do Sarpasana)?
- जिनके पेट में अल्सर हो या पेट की सर्जरी हुई हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
- हर्निया के रोगी को इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए|
- जिन्हें high B.P. की समस्या अधिक हो या चक्कर आते हों उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए|
Read also: Shalabhasana
FAQ’s: सर्पासन से सम्बंधित सामान्य प्रश्न (General questions related to Sarpasana)|
भुजंगासन को सर्पासन क्यों कहा जाता है? (Why is Bhujangasana called Sarpasana?)
सर्पासन करते समय हम धड़ से ऊपर की ओर उठते हैं और भुजंगासन में भी नाभि से ऊपर का भाग (धड़) ऊपर की ओर उठता है| इस प्रकार दोनों आसन समान लगते हैं| इसी प्रकार सर्प का अर्थ है सांप (Snake) व भुजंग का अर्थ भी है सांप (Cobra) और ये दोनों एक ही प्रजाति के हैं| इसलिए भुजंगासन को सर्पासन भी कहा जाता है|
लेकिन दोनों आसनों को करने का तरीका अलग-अलग है| सर्पासन करते हुए हम पेट के बल दाएं व बाएं डोलते हैं जबकि भुजंगासन करते हुए हम आगे से धड़ को ऊपर उठाते हुए नाभि के ऊपर तक के भाग को उठाते हैं और पैर आसन पर लगे रहते हैं| इस में शरीर की स्थिति फन उठाए हुए सांप के समान दिखाई देती है|
सर्पासन योग क्या है? (What is sarpasana yoga?
सर्पासन दो शब्दों से बना है| इसमें सर्प का अर्थ है सांप तथा आसन का अर्थ है आकृति या मुद्रा| आसन करते समय जब हम पूर्णता की स्थिति में आते हैं तो शरीर की आकृति सांप के समान दिखाई देती है, इसलिए इसे सर्पासन कहते हैं| इसे Snake pose भी कहते हैं| और जब हम पेट के बल दाएं-बाएं डोलते हैं तो शरीर की आकृति रेंगते हुए सांप के समान दिखाई देती है| इसलिए भी इसे सर्पासन कहते हैं| यह भुजंगासन (Cobra pose) का एक अन्य रूप भी है|
सर्पासन योग के क्या लाभ हैं? (What are the benefits of Sarpasana yoga pose?)
सर्पासन योग आसन बहुत लाभदायक आसन है| इसका नियमित अभ्यास करने से पेट के अंगों की मालिश होती है| पेट के दोष दूर होते हैं| पेट का मोटापा कम होता है| सर्पासन योग आसन का नियमित अभ्यास करने से तनाव व चिंता दूर होती है| यह कमर दर्द से राहत दिलाने में मददगार है| रीढ़ flexible व मजबूत बनती है| कंधे, भुजाएं, हाथ और पैर मजबूत बनते हैं| फेफड़े सुदृढ़ बनते हैं और इनमें सांस लेने की क्षमता बढ़ती है|
इस blog में सर्पासन क्या है (What is Sarpasana)?, सर्पासन की विधि (Sarpasana procedure) और सर्पासन के लाभ (Sarpasana benefits) के बारे में जाना|
सर्पासन से सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए या कोई सुझाव आपके पास हो तो comment box में लिख सकते हैं|