इस blog में मोटापे क्या है? (What is Motapa) मोटा होने के लक्षण (Motapa hone ke lakshan), मोटापे के कारण (Motapa ke kaarn) व मोटापा दूर करने के उपायों (Motapa kaise kam karne iske upay), मोटापा कम करने के आसन व प्राणायाम (Motapa kam karne ke asana v pranayama) के बारे में जानेगे|
मोटापा बढने का मुख्य कारण शरीर में वसा की अधिक मात्रा का जमा होना है| आजकल मोटापे ने एक बीमारी का रूप ले लिया है| बच्चे हों या बड़े सभी मोटापे से ग्रस्त हैं| आरामदायक जीवन शैली और खान-पान की गलत आदतों के कारण मोटापा बढ़ जाता है। मोटापा या वजन (vajan) बढ़ने से बहुत सी बीमारियां होने की संभावना भी बढ़ जाती है। जैसे हाई बी.पी., डायबिटीज, हृदय रोग, कैंसर, अर्थराइटिस आदि।
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मोटापा क्या होता है (Motapa kya hota hai)?
बॉडी मास इंडेक्स (Body mass index) (बी.एम.आई.) हमें बताता है कि हमें मोटापे की समस्या है या नहीं। बी.एम.आई. निकालने के लिए अपने वेट को लंबाई के वर्ग से डिवाइड करें (weight/height*height) इस में वेट किलोग्राम में और लंबाई मीटर में लें तो बी.एम.आई. आ जाता है| अगर हमारा बीएमआई 18 से कम है तो हम कम वजन की कैटेगरी में आते हैं। 30 से ऊपर बीएमआई होना मोटापे की समस्या हो सकती है| अगर हमारा बी.एम.आई. 40 से ऊपर है तो हम अत्यधिक मोटापे की समस्या का सामना कर रहे हैं|
मोटापा होने के लक्षण (Motapa hone ke lakshan)
बहुत से ऐसे लक्षण हैं जो हमें मोटापा बढ़ने की तरफ इशारा करते हैं।
- तेज चलने या दौड़ने पर अगर सांस फूले तो इसका मतलब हम मोटापे से ग्रस्त हैं।
- मोटापा बढ़ने से शरीर में थकान व कमजोरी आ जाती हैं।
- मोटापा अधिक होने पर पैरों, घुटनों व एड़ियों में दर्द की समस्या हो सकती है।
- मोटापे से चेहरे, हाथ व पैरों में सूजन आ सकती है।
- आलस, थकान व किसी काम में मन न लगना आदि।
मोटापा होने के कारण (Motapa hone ke kaarn)
मोटापे के बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे फिजिकल मूवमेंट में कमी, Over-eating तथा Unhealthy diet (जंक-फूड, तले हुए पदार्थ, packed-food, bakery-products) आदि| कई बार मोटापा अनुवांशिक भी होता है अगर माता-पिता मोटे हैं तो बच्चों में भी यह समस्या देखने को मिलती है| किसी बीमारी के साइड इफेक्ट के कारण भी मोटापा हो सकता है|
मोटापा कम करने के उपाय (motapa kam karne ke upay)
मोटापे को कम करने के बहुत से तरीके हो सकते हैं| मोटापे को कम करने के लिए नियमित योगाभ्यास करें, स्ट्रेस/तनाव न ले, संतुलित व पौष्टिक आहार लें|
खानपान को नियंत्रित करके मोटापे को कम किया जा सकता है। मोटापा कम करने के लिए कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार कम लें| गेहूं की मात्रा कम करें तथा मोटे अनाज खाएं| मिठाई, मीठे पेय पदार्थ, तैलीय पदार्थ खाने से परहेज करें|
प्रतिदिन सुबह खाली पेट गर्म पानी पीएं, इसमें नींबू या शहद का प्रयोग किया जा सकता है। गर्म पानी पीने से मेटाबॉलिज्म एक्टिवेट हो जाता है जिससे मोटापा नहीं बढ़ता|
हरी पत्तेदार सब्जियां, सीजनल फ्रूट्स व सब्जियां खाएं, खाने से पहले सलाद अवश्य लें|
प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करें जैसे पनीर, दही, दालें आदि। प्रोटीन खाने से भूख कम लगती है तथा बार-बार खाने की इच्छा नहीं होती जिससे मोटापा नहीं बढ़ता।
रोजाना 6 से 8 घंटे की पूरी नींद लें, पूरी नींद लेने से हार्मोन का स्तर ठीक रहता है जिससे मोटापा नहीं बढ़ता।
स्ट्रेस/तनाव न लें| तनाव लेने से कोर्टिसोल नामक होर्मोन का स्त्राव होता है जिससे भूख अधिक लगती है| ज्यादा खाना खाने से मोटापा बढ़ता है|
बैठने की बजाए खड़े होने की आदत बनाएं: अधिक बैठने की बजाए खड़े होने की कोशिश करें| खड़े होने की आदत से शरीर पर स्ट्रेस अधिक आता है जिससे अधिक कैलोरी burn होती है और मोटापा घटता है|
सैर करें: प्रतिदिन कम से कम 20 मिनट की सैर तथा 10 मिनट की ब्रिस्क वाक अवश्य करें| इससे इम्युनिटी बढ़ती है तथा कैलोरी burn होती है| जिससे मोटापा कम करने में मदद मिलती है|
खाना धीरे-धीरे खाएं: खाना धीरे-धीरे तथा चबा-चबा कर खाएं| इससे पेट ज्यादा भरता है और इससे मोटापे का खतरा कम होता है|
Negative न सोचें: नकारात्मक सोचने से खाना अधिक खाने की प्रवृति बढ़ती है क्योंकि इससे व्यक्ति को ख़ुशी मिलती है| अधिक खाने से मोटापा बढ़ता है|
नियमित योग का अभ्यास करें| योगासनों का अभ्यास करने से पहले कुछ सुक्ष्म क्रियाएं या व्यायाम करके body को warmup करें| जैसे दौड़ना, हाथों को घुमाना, कमर घुमाना, आगे-पीछे झुकना आदि|
मोटापा कम करने के लिए योगासन व प्राणायाम (Asana and pranayama to reduce obesity)
बहुत से ऐसे आसन व प्राणायाम हैं जिनका नियमित अभ्यास करके मोटापे को कम किया जा सकता है| आसन जैसे त्रियक ताड़ासन, ताड़ासन, त्रिकोणासन, कमर चक्रासन, भुजंगासन, मर्कटासन, शलभासन, हलासन, उत्तानपादासन, पादोत्तानासन, सूर्यनमस्कार आदि| प्राणायाम जैसे अनुलोम-विलोम प्राणायाम, अग्निसार प्राणायाम, कपालभाति प्राणायाम आदि|
तिर्यक-ताड़ासन (Triyak-tadasana): तिर्यक ताड़ासन करने की विधि इस प्रकार है|
Step 1: तिर्यक ताड़ासन करने के लिए एड़ी-पंजा मिलाएं|
Step 2: दोनों हाथ शरीर के साथ मिले हुए हों|
Step 3: सांस भरते हुए धीरे-धीरे दोनों हाथों को side से ऊपर ले जाएं, हाथों को grip करें व सिर पर रखे| हथेलियों का रुख आकाश की ओर हो|
Step 4: धीरे-धीरे दोनों हाथों को ऊपर की तरफ खींचें|
Step 5: अब श्वास भरें व श्वास छोड़ते हुए धीरे धीरे दाएं तरफ अधिक से अधिक झुकें| अपनी दाईं बगल से झुकें, आगे की तरफ न झुकें| यह पूर्णता की स्थिति है, अब सामान्य श्वास लेते रहें| धीरे-धीरे वापस आए|
Step 6: फिर से श्वास भरें श्वास छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपनी बाईं ओर झुकें| अब सामान्य श्वास लेते रहें व श्वास भरते हुए वापिस आए|
तिर्यक ताड़ासन करने के फायदे: इस आसन का नियमित अभ्यास करने से Hips व पेट पर प्रभाव पड़ता है| जिससे यहां की अतिरिक्त चर्बी घटती है| बड़ी आंत प्रभावित होने से कब्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है| घुटने, जंघाएँ, भुजाएं व रीढ़ मजबूत बनते हैं| सर्वाइकल तथा कमर का दर्द दूर होता है| रीढ़ लचीली बनती है| हाई बी.पी. तथा हृदय रोगियों को यह आसन नहीं करना चाहिए|
ताड़ासन (Tadasana): ताड़ासन करते समय शरीर का भार पैरों की उंगलियों तथा एड़ियों पर समान रूप से पड़ता है जिससे शरीर में हल्कापन महसूस होता है। इस आसन के करने से पूरा शरीर खिंचाव में आता है जिससे शरीर की चर्बी घटती है।
त्रिकोणासन (Trikonasana): त्रिकोणासन करते समय एक तरफ के अंग दबते हैं तथा दूसरी तरफ के खिंचाव में आते हैं जिससे पेट, thigh व hips का मोटापा कम होता है।
कमर चक्रासन (kamar-chakrasana): कमर चक्रासन करते हुए जब हम दाएं या बाएं घूमते हैं और आगे की ओर झुकते हैं तो कमर का निचला भाग लचीला बनता है व यहां की चर्बी कम होती है| इस आसन के करने से पेट की चर्बी भी कम होती है, जिससे मोटापा कम होता है।
भुजंगासन (Bhujangasana): भुजंगासन करने से पेट के सभी अंगों की मसाज होती है| पेट, thighs व hips की चर्बी कम होती है| कब्ज की समस्या से राहत मिलती है| तनाव प्रबंधन के लिए यह आसन बहुत अच्छा माना गया है|
शलभासन (Shalabhasana): शलभासन करते समय अपने पैरों को बारी-बारी से ऊपर की ओर खींचते हैं फिर दोनों पैरों को इकट्ठा ऊपर की ओर खींचते हैं जिससे thigh के ऊपर खिंचाव आने से इसकी चर्बी कम होती है नितंब (hips) तथा पेट के प्रभाव में आने से यहां की वसा घटती है।
मर्कटासन (Markatasana): मर्कटासन करते समय जब हम तिरछी दिशा में मुड़ते हैं तो नाभि, पेट की दाएं-बाएं की मांसपेशियां व बड़ी आंत के प्रभाव में आने से पाचन ठीक होता है तथा कब्ज की समस्या से राहत मिलती है| पेट, Thigh व Hips की चर्बी कम होती है| जब घुटने से घुटने को दबाते हैं तो घुटनों की मांसपेशियां खिंचाव में आने से मजबूत बनती हैं और हम घुटनों के दर्द से बचे रहते हैं|
हलासन (Halasana): इस आसन के करने से मोटापा कम होता है| रीढ़ लचीली व मजबूत बनती है| पेट के अंग अंदर की ओर मुड़ने से अधिक पुष्ट होते हैं| पेट के अंगों के प्रभावित होने से पाचन अंग सक्रिय होते हैं, कब्ज व बदहजमी की समस्या ठीक होती है| पेट व Hips की चर्बी घटती है| हड्डियों का कड़ापन दूर होता है तथा ये मजबूत बनती हैं|
हस्तपादोत्तानासन (Hastpadottanasana): हस्तपादोत्तानासन का अभ्यास करते समय जब हम हाथों व पैरों को ऊपर की ओर उठाते हैं तो Thighs, Hips, पेट व कमर प्रभाव में आती हैं जिससे यहाँ की चर्बी घटती है, जिससे मोटापा कम होता है|
उत्तानपादासन (Uttanpadasana): इस आसन का अभ्यास करते हुए हम चित लेटकर पैरों को ऊपर की ओर उठाते हैं इसलिए इसे उत्तानपादासन कहा जाता है| जब हम अपने पैरों को ऊपर की ओर उठाते हैं तो पेट की मांसपेशियों पर खिंचाव आने से पेट की चर्बी कम होती है तथा मांसपेशियां मजबूत बनती हैं इससे मोटापा दूर होता है| यह आसन पेट-दर्द, गैस, अपच व कब्ज दूर करने में सहायक है| इसका नियमित अभ्यास करने से हर्निया व धरण के दोष दूर होते हैं|
पादोत्तानासन (Padottanasana): पादोत्तानासन का अभ्यास करने से पेट की अतिरिक्त चर्बी घटती है तथा मांसपेशियां मजबूत बनती हैं| धरण के दोष दूर होते हैं| नाभि अपने स्थान पर रहती है| जठर अग्नि तेज होती है, पाचन ठीक होता है, अपच, दस्त व कब्ज की समस्या से राहत मिलती है| पेट-दर्द, गैस व बदहजमी की समस्या ठीक होती है| तनावग्रस्त व्यक्ति के लिए यह आसन बहुत लाभदायक है| इसे करने से तनाव कम होता है|
सूर्य नमस्कार (Sury-Namaskar):सूर्य नमस्कार करने से पूरा शरीर प्रभाव में आता है पेट, जंघाओं व नितंब (Hips) की चर्बी घटती है| पूरे शरीर की अतिरिक्त वसा कम होती है| इस आसन का नियमित अभ्यास करने से मोटापा कम होता है| रीढ़ के साथ-साथ शरीर का प्रत्येक अंग लचीला बनता है| पूरा शरीर खिंचाव में आता है जिससे शरीर की थकावट दूर होती है तथा चुस्ती आती है|
कुछ ऐसे प्राणायाम भी हैं जिनका अभ्यास करके मोटापा कम करने में सहायता मिलती है|
अनुलोम-विलोम प्राणायाम (Anulom-vilom pranayam): अनुलोम-विलोम प्राणायाम का अभ्यास तेजी से किया जाए तो ये मोटापा घटाने में बहुत लाभदायक है| इस प्राणायाम का अभ्यास करने से पाचन भी ठीक होता है|
अग्निसार प्राणायाम ( Agnisar pranayama): अग्निसार प्राणायाम का अभ्यास करने से जठराग्नि तेज होती है| इस प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से पेट की चर्बी कम होती है जिससे मोटापा घटता है|
कपालभाति प्राणायाम (Kapalbhati pranaya:ma): कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास करने से करने से पेडू के अंग प्रभावित होते हैं जिससे पाचन ठीक रहता है| इस प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से पेट की चर्बी घटती है तथा मोटापा कम होता है|
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मोटापा क्या है (Motapa kya hai): मोटा होने के कारण (mota hone ke kaarn), लक्षण (lakshan) तथा योग द्वारा मोटापा कम करने के उपाय (yog dwara motapa kam karne (ghtane) ke upay/tarike) के बारे में पूरी जानकारी आप मेरे इस youtube link पर भी देख सकते हैं|
FAQ’s: मोटापा से सम्बंधित सामान्य प्रश्न (General questions related to Motapa)|
मोटापा कैसे कम करें? (How to lose weight?)
मोटापा कम करने के लिए अपने खानपान के साथ-साथ योग, व्यायाम व सैर पर भी ध्यान देने की जरूरत है| खाने में पौष्टिक व संतुलित आहार का सेवन करें| कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन, तला हुआ भोजन, मैदा युक्त आहार, bakery products, packed food आदि का सेवन कम करें| योग का अभ्यास करें| योग में बहुत से ऐसे योगासन व प्राणायाम हैं जिनका नियमित अभ्यास करने से मोटापा कम करने में सहायता मिलती है|
इस blog में मोटापे क्या है? (What is Motapa) मोटा होने के लक्षण (Motapa hone ke lakshan), मोटापे के कारण (Motapa ke kaarn) व मोटापा दूर करने के उपायों (Motapa kaise kam karne iske upay), मोटापा कम करने के आसन व प्राणायाम (Motapa kam karne ke asana v pranayama) के बारे में जाना|
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